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अबकी गर्मी काशी में पानी की नो टेंशन, गंगा का निर्मल जल बुझाएगा प्यास

काशी नगरी में मई का महीना शुरू होने के साथ ही हर बार जलकल विभाग के माथे पर शिकन साफ दिखने लगती थी. इस बार लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण में आई कमी से गंगा का अविरल निर्मल जल लबालब दिख रहा है. यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का भी मानना है कि बीते सालों की अपेक्षा इस बार गंगा नदी का जल परिपूर्ण दिखाई दे रहा है.

जलकल विभाग, वाराणसी
जलकल विभाग, वाराणसी
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Published : Jun 6, 2020, 9:42 AM IST

Updated : Jun 7, 2020, 2:56 PM IST

वाराणसी: लंबे वक्त से लोगों को तारने वाली मां गंगा इंतजार में थीं कि आखिर कब वह एक बार फिर से वह निर्मल और अविरल होकर बहेंगी. कल कारखानों की गंदगी, पूजा सामग्री और न जाने अन्य कितनी गंदी चीजें गंगा में इधर-उधर हर तरफ से फेंकी जाने लगी, जिसका गहरा असर गंगा की निर्मलता पर तो पड़ा ही साथ ही साथ गंगा का जलस्तर भी गर्मी में तेजी से घटता रहा. इसका गहरा असर गंगा किनारे बसने वाले तमाम शहरों के पीने के पानी की सप्लाई पर पड़ता था.

जानकारी देते संवाददाता के साथ क्षेत्रीय अधिकारी.

दरअसल, वाराणसी में गंगा के पानी को भदैनी स्थित इनटेक वाटर पंप के जरिए खींचकर भेलूपुर जलकल विभाग भेजा जाता है, जहां इसे पीने योग्य बनाने के बाद शहर में सप्लाई की जाती है. बीते लगभग 3 से 4 सालों में गंगा के पानी में लगातार कमी की वजह से इस वाटर पंप स्टेशन में हालात बेहद खराब हो गए थे. यहां के पंप संचालक की माने तो मई-जून के महीने में गंगा में इतना पानी भी नहीं रहता था कि पंप इसे खींच सके. इसकी वजह से पंप खराब हो जाते थे और चार में से दो या फिर एक से ही काम चलाना पड़ता था.

कम पानी होने से सप्लाई में होती थी दिक्कत
पानी की सप्लाई कम होने की वजह से लोगों तक पानी कम पहुंचता था और तमाम दिक्कतें होती थीं, लेकिन इस बार हालात बिल्कुल ऐसे नहीं हैं. लॉकडाउन के कारण जहां गंगा का पानी एकदम साफ-निर्मल है तो वहीं पहाड़ों पर हो रही बारिश और पीछे से कुछ बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से गंगा में पानी पर्याप्त है. जलकल विभाग के महाप्रबंधक नीरज गौड़ की मानें तो जलकल विभाग मई-जून के महीने में हर साल परेशान रहता था. महाप्रबंधक के मुताबिक टेंशन की बात तब होती है, जब यहां लगे पम्प के पास वाटर लेवल 189.5 मीटर से नीचे जाता है. इसके बाद पंप बंद करने पड़ते हैं.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी : गंगा नदी में डूबने से 5 किशोरों की मौत

नीरज गौड़ का कहना है कि यह स्थिति 2019, 2018, 2017 में देखने को मिली थी, जब पानी का स्तर 187 से 188 मीटर के बीच रहा, जिसकी वजह से पानी की सप्लाई में दिक्कत आई, लेकिन इस बार मई के महीने में यह स्तर 196 मीटर बना हुआ है, जिसकी वजह से पानी की सप्लाई बिल्कुल सही है और आगे आने वाले दिनों में भी बेहतर रहेगी.

सप्लाई एक नजर में

  • जलकल के मुताबिक वाराणसी को प्रतिदिन 350 एमएलडी पेयजल की डिमांड है.
  • जिसकी पूर्ति भदैनी स्थित वाटर पंप से 250 एमएलडी और वरुणा पार क्षेत्र में नए बने वाटर पंप से लगभग 75 एमएलडी से ज्यादा की सप्लाई की जा रही है.
  • भदैनी में 5 वाटर लिफ्टर पंप लगे हैं, जो पानी की सप्लाई भेलूपुर करते हैं, जहां से इसे पीने योग्य बनाया जाता है.
  • बीते सालों की तुलना में इस बार मई के महीने में गंगा का जलस्तर 59 दशमलव 27 रिकॉर्ड किया गया है, जो बीते साल 58 मीटर तक पहुंच गया था.
  • बीते कुछ सालों में वाटर पंप जो लगभग 57 मीटर पर होने की वजह से पानी की सप्लाई नहीं कर पा रहा था. वह इस बार पानी गंगा में होने के कारण नियमित तरीके से काम कर रहा है.

वाराणसी: लंबे वक्त से लोगों को तारने वाली मां गंगा इंतजार में थीं कि आखिर कब वह एक बार फिर से वह निर्मल और अविरल होकर बहेंगी. कल कारखानों की गंदगी, पूजा सामग्री और न जाने अन्य कितनी गंदी चीजें गंगा में इधर-उधर हर तरफ से फेंकी जाने लगी, जिसका गहरा असर गंगा की निर्मलता पर तो पड़ा ही साथ ही साथ गंगा का जलस्तर भी गर्मी में तेजी से घटता रहा. इसका गहरा असर गंगा किनारे बसने वाले तमाम शहरों के पीने के पानी की सप्लाई पर पड़ता था.

जानकारी देते संवाददाता के साथ क्षेत्रीय अधिकारी.

दरअसल, वाराणसी में गंगा के पानी को भदैनी स्थित इनटेक वाटर पंप के जरिए खींचकर भेलूपुर जलकल विभाग भेजा जाता है, जहां इसे पीने योग्य बनाने के बाद शहर में सप्लाई की जाती है. बीते लगभग 3 से 4 सालों में गंगा के पानी में लगातार कमी की वजह से इस वाटर पंप स्टेशन में हालात बेहद खराब हो गए थे. यहां के पंप संचालक की माने तो मई-जून के महीने में गंगा में इतना पानी भी नहीं रहता था कि पंप इसे खींच सके. इसकी वजह से पंप खराब हो जाते थे और चार में से दो या फिर एक से ही काम चलाना पड़ता था.

कम पानी होने से सप्लाई में होती थी दिक्कत
पानी की सप्लाई कम होने की वजह से लोगों तक पानी कम पहुंचता था और तमाम दिक्कतें होती थीं, लेकिन इस बार हालात बिल्कुल ऐसे नहीं हैं. लॉकडाउन के कारण जहां गंगा का पानी एकदम साफ-निर्मल है तो वहीं पहाड़ों पर हो रही बारिश और पीछे से कुछ बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से गंगा में पानी पर्याप्त है. जलकल विभाग के महाप्रबंधक नीरज गौड़ की मानें तो जलकल विभाग मई-जून के महीने में हर साल परेशान रहता था. महाप्रबंधक के मुताबिक टेंशन की बात तब होती है, जब यहां लगे पम्प के पास वाटर लेवल 189.5 मीटर से नीचे जाता है. इसके बाद पंप बंद करने पड़ते हैं.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी : गंगा नदी में डूबने से 5 किशोरों की मौत

नीरज गौड़ का कहना है कि यह स्थिति 2019, 2018, 2017 में देखने को मिली थी, जब पानी का स्तर 187 से 188 मीटर के बीच रहा, जिसकी वजह से पानी की सप्लाई में दिक्कत आई, लेकिन इस बार मई के महीने में यह स्तर 196 मीटर बना हुआ है, जिसकी वजह से पानी की सप्लाई बिल्कुल सही है और आगे आने वाले दिनों में भी बेहतर रहेगी.

सप्लाई एक नजर में

  • जलकल के मुताबिक वाराणसी को प्रतिदिन 350 एमएलडी पेयजल की डिमांड है.
  • जिसकी पूर्ति भदैनी स्थित वाटर पंप से 250 एमएलडी और वरुणा पार क्षेत्र में नए बने वाटर पंप से लगभग 75 एमएलडी से ज्यादा की सप्लाई की जा रही है.
  • भदैनी में 5 वाटर लिफ्टर पंप लगे हैं, जो पानी की सप्लाई भेलूपुर करते हैं, जहां से इसे पीने योग्य बनाया जाता है.
  • बीते सालों की तुलना में इस बार मई के महीने में गंगा का जलस्तर 59 दशमलव 27 रिकॉर्ड किया गया है, जो बीते साल 58 मीटर तक पहुंच गया था.
  • बीते कुछ सालों में वाटर पंप जो लगभग 57 मीटर पर होने की वजह से पानी की सप्लाई नहीं कर पा रहा था. वह इस बार पानी गंगा में होने के कारण नियमित तरीके से काम कर रहा है.
Last Updated : Jun 7, 2020, 2:56 PM IST
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