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काशी में भक्तों का कष्ट हरते हैं 'चिंतामणि गणेश', जानें क्या हैं मान्यताएं

यूपी के वाराणसी में गणेश चतुर्थी बड़ी धूमधाम से मनाई जा रही है. काशी नगरी में भगवान श्री गणेश की एक अनोखी प्रतिमा है. केदार मंदिर जाने वाली गली के 1008 चिंतामणि मंदिर में दक्षिणावर्त भगवान गणेश की मूर्ति है.

काशी के चिंतामणि गणेश.
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Published : Sep 2, 2019, 11:19 AM IST

Updated : Sep 2, 2019, 11:52 AM IST

वाराणसी: देशभर में गणेश उत्सव की धूम है. शिव की नगरी काशी में भी प्रथम देवता भगवान गणेश का जन्म उत्सव श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. गणेश उत्सव के मौके पर सोमवार को ईटीवी भारत दर्शकों को भगवान गणेश के ऐसे मंदिर का दर्शन कराने जा रहा है, जिसके दर्शन मात्र से ही भक्तों को सारे दु:ख और चिंता से मुक्ति मिल जाती है.

भक्तों की चिंता हरते हैं काशी के चिंतामणि गणेश.

इस मंदिर में है भगवान गणेश का पूरा परिवार
काशी के केदारखंड में केदार मंदिर जाने वाली गली में 1008 चिंतामणि गणेश का मंदिर स्थित है. मंदिर की विशेषता की बात करें तो इस मंदिर में रिद्धि-सिद्धि, शुभ लाभ के साथ ही भगवान गणेश का पूरा परिवार है. ऐसा संयोग बहुत ही कम देखने को मिलता है. यहां दूरदराज से भक्त गजानन के दर्शन को आते हैं.

मान्यता है कि जो भी भक्त पूरे श्रद्धा से गजानन के दर्शन करता है और उन्हें लड्डू, दूर्वा और घास के साथ लावा अर्पण करता है तो भगवान गणेश उसकी सारी चिंताओं को हर लेते हैं. साथ ही भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का वरदान भी देते हैं. प्रत्येक बुधवार के साथ ही गणेश चतुर्थी पर भगवान का विशेष पूजा की जाती है और भक्तों को दर्शन के लिए घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता है.

इसे भी पढ़ें-गणेश चतुर्थी : जानें क्या है गणपति की स्थापना, पूजा विधि और मुहूर्त

श्री श्री 1008 चिंतामणि गणेश जी का यह प्राचीन और स्वयंभू मंदिर है. यहां दक्षिणावर्त भगवान गणेश की मूर्ति है. मान्यता यह है कि यहां पर चिंता की मणि है. अगर आप श्रद्धा से भगवान गणेश के दर्शन करेंगे तो आपकी चिंता को भगवान हर लेंगे. उसके साथ ही दूर्वा, घास, लावा और मोदक का भोग लगाने से भगवान श्री गणेश अधिक प्रसन्न होते हैं.
-चल्ला सुब्बाराव शास्त्री, प्रधान पुजारी

वाराणसी: देशभर में गणेश उत्सव की धूम है. शिव की नगरी काशी में भी प्रथम देवता भगवान गणेश का जन्म उत्सव श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. गणेश उत्सव के मौके पर सोमवार को ईटीवी भारत दर्शकों को भगवान गणेश के ऐसे मंदिर का दर्शन कराने जा रहा है, जिसके दर्शन मात्र से ही भक्तों को सारे दु:ख और चिंता से मुक्ति मिल जाती है.

भक्तों की चिंता हरते हैं काशी के चिंतामणि गणेश.

इस मंदिर में है भगवान गणेश का पूरा परिवार
काशी के केदारखंड में केदार मंदिर जाने वाली गली में 1008 चिंतामणि गणेश का मंदिर स्थित है. मंदिर की विशेषता की बात करें तो इस मंदिर में रिद्धि-सिद्धि, शुभ लाभ के साथ ही भगवान गणेश का पूरा परिवार है. ऐसा संयोग बहुत ही कम देखने को मिलता है. यहां दूरदराज से भक्त गजानन के दर्शन को आते हैं.

मान्यता है कि जो भी भक्त पूरे श्रद्धा से गजानन के दर्शन करता है और उन्हें लड्डू, दूर्वा और घास के साथ लावा अर्पण करता है तो भगवान गणेश उसकी सारी चिंताओं को हर लेते हैं. साथ ही भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का वरदान भी देते हैं. प्रत्येक बुधवार के साथ ही गणेश चतुर्थी पर भगवान का विशेष पूजा की जाती है और भक्तों को दर्शन के लिए घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता है.

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श्री श्री 1008 चिंतामणि गणेश जी का यह प्राचीन और स्वयंभू मंदिर है. यहां दक्षिणावर्त भगवान गणेश की मूर्ति है. मान्यता यह है कि यहां पर चिंता की मणि है. अगर आप श्रद्धा से भगवान गणेश के दर्शन करेंगे तो आपकी चिंता को भगवान हर लेंगे. उसके साथ ही दूर्वा, घास, लावा और मोदक का भोग लगाने से भगवान श्री गणेश अधिक प्रसन्न होते हैं.
-चल्ला सुब्बाराव शास्त्री, प्रधान पुजारी

Intro:देशभर में गणेश उत्सव की धूम है शिव की नगरी काशी में भी धूमधाम से प्रथम देवता भगवान गणेश का जन्म उत्सव श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है गणेश उत्सव के मौके पर आज ईटीवी भारत दर्शकों को भगवान गणेश के ऐसे मंदिर का दर्शन कराएगा जिसके दर्शन मात्र से ही भक्तों के सारे सुख शांति के साथ चिंता से भी मुक्ति मिलती है।


Body:काशी के केदारखंड में केदार मंदिर जाने वाले गली में 1008चिंतामणि गणेश का मंदिर स्थित है। जहां दूरदराज से भक्त गजानंद के दर्शन को आते हैं मान्यता है कि जो भी भक्त यहां पर पूरे श्रद्धा से गजानन के दर्शन करता है उन्हें लड्डू दूर्वा घास के साथ लावा अर्पण करता है तो भगवान गणेश उसकी सारी चिंताओं को हर लेते हैं साथ ही भक्तों को सुख शांति और समृद्धि का वरदान भी देते हैं।प्रत्येक बुधवार के साथ गणेश चतुर्थी पर भगवान का विशेष पूजा किया जाता है और भक्तों के दर्शन करने के लिए घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता है।




Conclusion:चल्ला सुब्बाराव शास्त्री ने बताया श्री श्री 1008 चिंतामणि गणेश जी की यह प्राचीन और स्वयंभू मंदिर है अगर हम मंदिर की विशेषता की बात करें तो इस मंदिर में भगवान गणेश का पूरा परिवार है जिसमें रिद्धि-सिद्धि शुभ लाभ ऐसा संयोग बहुत ही कम देखने को मिलता है यह दक्षिणावर्त भगवान गणेश की मूर्ति है मान्यता यह है कि यहां पर चिंता की मणि है आप श्रद्धा से भगवान गणेश के दर्शन करेंगे तो आपकी चिंता को भगवान हर लेंगे उसके साथ ही दूर्वा घास लावा और मोदक का भोग लगाने से भगवान श्री गणेश अधिक प्रसन्न होते हैं।

बाईट :-- चल्ला सुब्बाराव शास्त्री ,प्रधानपुजारी।

अशुतोष उपध्याय

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Last Updated : Sep 2, 2019, 11:52 AM IST
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