वाराणसी: पूरे देश में अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और जय जवान जय किसान का नारा देने वाले भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई. तो वहीं आजादी की लड़ाई से लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की बगिया में भी देश के दो महान सपूतों की जयंती मनाई गई.
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1942 में बापू आए थे काशी हिंदू विश्वविद्यालय
प्रोफेसर उपेंद्र पांडेय ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम लोग महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मना रहे हैं. इस बार कुलपति के द्वारा महामना की बगिया में 11 फलदार वृक्ष लगाए गए और महामना, गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की स्मृति को याद किया गया. प्रोफेसर पांडेय ने बताया कि गांधीजी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह में 1942 में आए थे. तब उन्होंने कहा था 'मेरा यहां आना तो तीर्थ के समान है'
मालवीय के थे सच्चे पुजारी
गांधी ने कहा था कि मैं तो महामना मदन मोहन मालवीय का सच्चा पुजारी हूं. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मालवीय भवन में आज भी गांधी और मालवीय से जुड़ी हुई चीजों को यहां पर सजो कर रखा गया है.