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बापू ने कहा था, काशी हिंदू विश्वविद्यालय आना मेरे लिए तीर्थ के समान - varanasi news

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में गांधी जयंती का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत छात्राओं के द्वारा कुल गीत की प्रस्तुति के साथ की गई.

गांधी और मालवीय जी की तस्वीरें
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Published : Oct 3, 2019, 9:09 PM IST

वाराणसी: पूरे देश में अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और जय जवान जय किसान का नारा देने वाले भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई. तो वहीं आजादी की लड़ाई से लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की बगिया में भी देश के दो महान सपूतों की जयंती मनाई गई.

गांधी जी की 150 वीं जयंती
बापू की जयंती पर महामना में लगाए गए वृक्ष
बीएचयू के मालवीय भवन में मालवीय सभागार में जहां पर मालवीय जी गीता पाठ किया करते थे, वहां गांधी जयंती का आयोजन किया गया. सर्वप्रथम महामना की प्रतिमा और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. महामना की बगिया में 11 फलदार वृक्ष लगाए गए और लोगों ने श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश भी दिया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बतौर कुलपति राकेश भटनागर मौजूद रहे. कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी मदन मोहन मालवीय महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के बारे में जाना कि देश के 3 महान विभूतियों किस तरह काशी और देश के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया.

इसे भी पढ़ें:- गांधी जयंती विशेष: काशी में दिया स्वच्छता का पहला संदेश, जानें क्या है वजह..

1942 में बापू आए थे काशी हिंदू विश्वविद्यालय
प्रोफेसर उपेंद्र पांडेय ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम लोग महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मना रहे हैं. इस बार कुलपति के द्वारा महामना की बगिया में 11 फलदार वृक्ष लगाए गए और महामना, गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की स्मृति को याद किया गया. प्रोफेसर पांडेय ने बताया कि गांधीजी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह में 1942 में आए थे. तब उन्होंने कहा था 'मेरा यहां आना तो तीर्थ के समान है'

मालवीय के थे सच्चे पुजारी
गांधी ने कहा था कि मैं तो महामना मदन मोहन मालवीय का सच्चा पुजारी हूं. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मालवीय भवन में आज भी गांधी और मालवीय से जुड़ी हुई चीजों को यहां पर सजो कर रखा गया है.

वाराणसी: पूरे देश में अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और जय जवान जय किसान का नारा देने वाले भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई. तो वहीं आजादी की लड़ाई से लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की बगिया में भी देश के दो महान सपूतों की जयंती मनाई गई.

गांधी जी की 150 वीं जयंती
बापू की जयंती पर महामना में लगाए गए वृक्ष
बीएचयू के मालवीय भवन में मालवीय सभागार में जहां पर मालवीय जी गीता पाठ किया करते थे, वहां गांधी जयंती का आयोजन किया गया. सर्वप्रथम महामना की प्रतिमा और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. महामना की बगिया में 11 फलदार वृक्ष लगाए गए और लोगों ने श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश भी दिया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बतौर कुलपति राकेश भटनागर मौजूद रहे. कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी मदन मोहन मालवीय महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के बारे में जाना कि देश के 3 महान विभूतियों किस तरह काशी और देश के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया.

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1942 में बापू आए थे काशी हिंदू विश्वविद्यालय
प्रोफेसर उपेंद्र पांडेय ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम लोग महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मना रहे हैं. इस बार कुलपति के द्वारा महामना की बगिया में 11 फलदार वृक्ष लगाए गए और महामना, गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की स्मृति को याद किया गया. प्रोफेसर पांडेय ने बताया कि गांधीजी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह में 1942 में आए थे. तब उन्होंने कहा था 'मेरा यहां आना तो तीर्थ के समान है'

मालवीय के थे सच्चे पुजारी
गांधी ने कहा था कि मैं तो महामना मदन मोहन मालवीय का सच्चा पुजारी हूं. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मालवीय भवन में आज भी गांधी और मालवीय से जुड़ी हुई चीजों को यहां पर सजो कर रखा गया है.

Intro:आज जहां पूरे देश में अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और जय जवान जय किसान का नारा देने वाले भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाया जा रहा है वैसे में आजादी की लड़ाई से लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के बगिया में देश के दो महान सपूतों की जन्म जयंती मनाया गया।


Body:बीएचयू के मालवीय भवन में मालवीय सभागार में जहां पर मालवीय जी गीता पाठ किया करते थे वहां पर गांधी जयंती का आयोजन किया गया सर्वप्रथम महामना की प्रतिमा और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुरुआत किया गया. महामना की बगिया में 15 फलदार वृक्ष लगाए गए और लोगों ने श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश दिया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बतौर कुलपति राकेश भटनागर मौजूद रहे। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी मदन मोहन मालवीय महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के बारे में जाना कि देश के 3 महान विभूतियों किस तरह काशी और देश के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया।


Conclusion:प्रोफ़ेसर उपेंद्र पांडेय ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम लोग महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मना रहे हैं इस बार कुलपति जी द्वारा महामना की बगिया में 10 फलदार वृक्ष लगाए गए और महा मना और गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की स्मृति को याद किया गया।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय और पंडित मदन मोहन मालवीय स्मृति याद करते हुए प्रोफेसर पांडेय ने बताया गांधीजी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के रजत जयंती समारोह में 1942 को आए थे तब उन्होंने कहा था "मेरा यहां आना तो तीर्थ के समान है" मुनिया बाद भी कहा था कि मैं तो महामना मदन मोहन मालवीय का सच्चा पुजारी हूं। आपने देखा कि मालवीय भवन में बहुत सी चीजें गांधी और मालवीय से जुड़ी हुई यहां पर सजो कर रखी हैं।

बाईट :-- प्रो उपेन्द्र पांडेय, समन्वयक, मालवीय भवन, काशी हिंदू विश्वविद्यालय

अशुतोष उपाध्याय
9005099684
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