वाराणसी: केन्द्र में एक बार फिर से मोदी सरकार बनने के बाद केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बनारस पहुंचे. इस दौरान उन्होंने दीनापुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया. गजेंद्र सिंह ने गंगा की वर्तमान स्थिति के लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही गंगा को साफ करने के लिए दो साल का समय मांगा है.
गंगा की स्थिति के लिए यूपीए सरकार जिम्मेदार
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनी उसके पहले गंगा की सफाई के नाम पर 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके थे.
- इतने रुपये खर्च किए जाने के बाद भी गंगा की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और उसी वक्त की लापरवाही का असर वर्तमान में देखने को मिल रहा है.
- उन्होंने दीनापुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया. उनका कहना है कि यह प्लांट नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा.
- केंद्रीय जल मंत्री का कहना है कि गंगा की स्थिति तभी बदल सकेगी, जब उसकी सहायक नदियों की स्थिति को सुधारा जाएगा.
- केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वर्तमान में गंगा को स्वच्छ करने के लिए पूरे देश में 87 प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जो इस वर्ष तक पूरे कर लिए जाएंगे.
यूपी समेत बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड में गंगा को लेकर 11986 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनके पूरे होने के बाद गंगा की स्थिति काफी बदली हुई नजर आएगी. इसके अलावा बीएचयू के साथ भी केंद्र सरकार मिलकर गंगा को स्वच्छ और निर्मल करने के लिए टेक्निकल लेवल पर काम कर रही है. गंगा प्रहरियों को ट्रेनिंग देने के बाद इस दिशा में और भी तेजी से काम आगे बढ़ाने का किया जा रहा है.
-गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय जल मंत्री