वाराणसी: छठ पर्व की अद्भुत छटा हर तरफ बिखरने लगी है. नहाए खाए के बाद आज शनिवार को खरना का पर्व मनाया जा रहा है. रविवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर यह पर्व आगे बढ़ेगा. 31 अक्टूबर को उदयीमान सूर्य को अंतिम अर्घ्य देकर यह व्रत संपन्न होगा. इसे लेकर बिहार ही नहीं बल्कि, पूर्वांचल में भी गजब का उत्साह देखने को मिलता है.
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इस मौके पर काशी के गंगा घाट पर एक अद्भुत दृश्य भी देखने को मिला. गंगा किनारे लोकगीत के जरिए छठ के त्योहार पर गीतकार छठी मैया और भगवान भास्कर को नमन करते दिखाई दिए. सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए काशी के गंगा तट पर लोकगीत गायक मासूम अली अपने साथी कलाकारों के साथ छठ के लोकगीत प्रस्तुत कर रहे हैं.
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