वाराणसी: गंगा और वरुणा दोनों नदियां वाराणसी में उफान पर हैं. गंगा नदी के ऊपर चढ़ने की वजह से उसकी सहायक नदी वरुणा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और सबसे ज्यादा परेशानी इसके किनारे बसे लोगों को उठानी पड़ रही है. बीते कई सालों से गंगा से ज्यादा वरुणा ने तबाही मचाई है.
वाराणसी में इस बार भी वरुणा एक बार फिर से तबाही मचाने के लिए व्याकुल दिख रही है. वरुणा आसपास के रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर चुकी है और बड़े पैमाने पर लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं. इन सबके बीच आज उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया.
200 से ज्यादा परिवार कर चुके हैं पलायन-
कैबिनेट मंत्री का काफिला सड़क पर बाढ़ का पानी आने के बाद उस पर से होता हुआ गुजरा और कोनिया इलाके में पहुंचा. यहां पर लगभग 200 से ज्यादा परिवार बाढ़ की वजह से या तो अपना घर छोड़ कर जा चुके हैं या फिर घरों की छतों पर त्रिपाल डालकर शरण लिए हुए हैं. इसके अलावा इस इलाके में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर में जाकर भी कैबिनेट मंत्री ने यहां रुके बाढ़ प्रभावितों का हालचाल जाना और उन्हें मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की.
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यूपी में अचानक से गंगा और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने की वजह चंबल नदी का पानी प्रयागराज से होते हुए इस ओर आना है. चंबल नदी के पानी के गंगा में मिलने की वजह से इस तरह की स्थिति दिखाई दे रही है. लेकिन प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं.
-आशुतोष टंडन, कैबिनेट मंत्री