प्रयागराज : अयोध्या में पिछले साल राम मंदिर का शुभारंभ हुआ. इसी के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी कराई गई. मौजूदा समय में लाखों की संख्या में भक्त रामलला के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. प्रयागराज के महाकुंभ में भी करोड़ों की भीड़ अयोध्या की जगह प्रयाग में ही रामलला की अद्भुत छवि के दर्शन कर रही है. यहां एक शिविर में राम मंदिर में स्थापित रामलला से मिलती-जुलती प्रतिमा को स्थान दिया गया है.
दरअसल राम जन्मभूमि को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, भारतीय जनता पार्टी और तमाम हिंदूवादी संगठनों ने बहुत सी लड़ाइयां लड़ीं. इन लड़ाइयों का नतीजा यह रहा कि लंबे प्रयासों के बाद रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया. इस मंदिर के निर्माण में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इन्हीं चीजों को समझने और बताने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने अपने शिविर में रामलला के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण करके उसमें काले पत्थर से बनी प्रतिमा को स्थान दिया है.
यहां आने वाले लोग भी बेहद खुश हैं. कह रहे हैं कि हमें तो यह यकीन ही नहीं हो रहा कि प्रयाग में ही हमें अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजमान रामलला के अद्भुत बाल रूप के दर्शन मिल जाएंगे. यहां दर्शन करके हर कोई धन्य हो रहा है. विश्व हिंदू परिषद के संस्थापक के तौर पर जाने जाने वाले अशोक सिंघल की स्मृति में एक यहां स्तंभ भी स्थापित किया गया है. इस पर महत्वपूर्ण जानकारियों को भी जगह दी गई है.
विश्व हिंदू परिषद प्रयाग क्षेत्र के संयोजक शिवम प्रयाग ने बताया कि राम मंदिर के लिए विहिप ने काफी संघर्ष किया. संगठन शुरुआत से आंदोलन करता आया है. इसी के स्मरण स्वरूप रामलला की प्रतिमा को शिविर में स्थान दिया गया है. वहीं मेले में पहुंचे भक्तों ने बताया कि पहली बार उन्हें प्रयाराज में ही रामलला के दर्शन का लाभ मिल रहा है. इससे संगम स्नान की खुशी दोगुनी हो जा रही है.
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