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काशी में खुला देश का पहला वेद प्ले स्कूल - जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में वेद पर आधारित देश का पहला प्ले स्कूल खोला गया है. इस स्कूल में भारतीय सभ्यता के साथ बच्चों को वेदों का ज्ञान दिया जाएगा.

काशी में खुला देश का पहला वेद प्ले स्कूल.
काशी में खुला देश का पहला वेद प्ले स्कूल.
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Published : Jan 26, 2021, 9:20 AM IST

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी शुरू से ही पूरे विश्व को मार्गदर्शन दे रहा है. ऐसे में काशी में देश का पहला वेद आधारित प्ले स्कूल खोला गया. जिसमें भारतीय संस्कृति एवं संपूर्ण वैश्विक विचारों का संगम होगा. भारतीय सभ्यता के साथ बच्चों को वेदों का ज्ञान दिया जाएगा.

जानकारी देते शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती.

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने एसआरए किड्स का विमोचन किया, जो बच्चों में वेद की शिक्षा को जगाएगा. जिले के रामनगर क्षेत्र में देश का पहला वेद आधारित स्कूल खोला गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में इसे खोलने का लक्ष्य रखा गया है.

सुमेरू पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि श्री राम एकेडमी की शुरूआत विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने किया था. आज पूरी दुनिया वेद को मान रही है. वेद के अनुसार अगर चलेंगे तो प्रेम स्नेह विश्व बंधुत्व बना रहेगा. आज के दौर में वेद की शिक्षा बहुत ही जरूरी है. यह एक अच्छा प्रयास है इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए.

उन्होंने बताया कि एक प्ले स्कूल सिर्फ एक प्ले स्कूल नहीं होता. बल्कि एक ऐसी जगह होती है जहां पर समाज के भविष्य की नींव रखी जाती है. ऐसा माना जाता है कि हमारी संस्कृति, हमारा समाज और हमारा जीवन हमारे सर्वोत्तम शिक्षक होते हैं. हम अपने बच्चों को प्रकृति की गोद में शिक्षित करें. हमने ऐसा आर ए किड्स प्ले स्कूल यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले रही है. प्ले स्कूल में बच्चों की शुरूआत वैदिक मंत्रों के उच्चारण से करते हैं. इसके अलावा हम प्रकृति के बहाव के साथ चलते हैं.

'देश में लागू करना चाहिए शिक्षा'
वैदिक प्ले स्कूल के डायरेक्टर सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में हम पाश्चात्य शिक्षा तो दे रहे हैं, लेकिन वेदों को उसने संग्रहित नहीं कर रहे हैं. वेद नहीं यह सब को समझा दिया कि वेद और आयुर्वेद हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है. वेद आयुर्वेद संस्कार का एक सम्मिश्रण तैयार किया है. जिसका नाम एस आर ऐ किड्स है. इसमें 6 वर्ष तक के बच्चे आते हैं. इस उम्र के बच्चों का दिमाग सबसे ज्यादा ग्रहण करता है. इस उम्र में जो चीजें हम उन्हें बताते हैं. वह जीवन भर उन्हें याद रहता है और उन्हें काम आता है. देश में इसे लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है.

उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों में वेद के साथ उन्हें भारतीय सभ्यता और संस्कृति बताएंगे. छोटे बच्चों को हम संस्कार के बारे में बताएंगे जिसे वह जीवन भर पालन करेंगे. हमारे इस ग्रुप का नाम ही है टेक्नो वैदिक है. हम टेक्नोलॉजी के साथ उन्हें वेद बताएंगे. संस्कार और वेद के साथ जब बच्चा पढ़ेगा तो वह देश का भविष्य होगा और एक दिन भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी के कृषि वैज्ञानिक चंद्रशेखर सिंह को पद्मश्री सम्मान

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी शुरू से ही पूरे विश्व को मार्गदर्शन दे रहा है. ऐसे में काशी में देश का पहला वेद आधारित प्ले स्कूल खोला गया. जिसमें भारतीय संस्कृति एवं संपूर्ण वैश्विक विचारों का संगम होगा. भारतीय सभ्यता के साथ बच्चों को वेदों का ज्ञान दिया जाएगा.

जानकारी देते शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती.

जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने एसआरए किड्स का विमोचन किया, जो बच्चों में वेद की शिक्षा को जगाएगा. जिले के रामनगर क्षेत्र में देश का पहला वेद आधारित स्कूल खोला गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में इसे खोलने का लक्ष्य रखा गया है.

सुमेरू पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि श्री राम एकेडमी की शुरूआत विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने किया था. आज पूरी दुनिया वेद को मान रही है. वेद के अनुसार अगर चलेंगे तो प्रेम स्नेह विश्व बंधुत्व बना रहेगा. आज के दौर में वेद की शिक्षा बहुत ही जरूरी है. यह एक अच्छा प्रयास है इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए.

उन्होंने बताया कि एक प्ले स्कूल सिर्फ एक प्ले स्कूल नहीं होता. बल्कि एक ऐसी जगह होती है जहां पर समाज के भविष्य की नींव रखी जाती है. ऐसा माना जाता है कि हमारी संस्कृति, हमारा समाज और हमारा जीवन हमारे सर्वोत्तम शिक्षक होते हैं. हम अपने बच्चों को प्रकृति की गोद में शिक्षित करें. हमने ऐसा आर ए किड्स प्ले स्कूल यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले रही है. प्ले स्कूल में बच्चों की शुरूआत वैदिक मंत्रों के उच्चारण से करते हैं. इसके अलावा हम प्रकृति के बहाव के साथ चलते हैं.

'देश में लागू करना चाहिए शिक्षा'
वैदिक प्ले स्कूल के डायरेक्टर सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में हम पाश्चात्य शिक्षा तो दे रहे हैं, लेकिन वेदों को उसने संग्रहित नहीं कर रहे हैं. वेद नहीं यह सब को समझा दिया कि वेद और आयुर्वेद हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है. वेद आयुर्वेद संस्कार का एक सम्मिश्रण तैयार किया है. जिसका नाम एस आर ऐ किड्स है. इसमें 6 वर्ष तक के बच्चे आते हैं. इस उम्र के बच्चों का दिमाग सबसे ज्यादा ग्रहण करता है. इस उम्र में जो चीजें हम उन्हें बताते हैं. वह जीवन भर उन्हें याद रहता है और उन्हें काम आता है. देश में इसे लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है.

उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों में वेद के साथ उन्हें भारतीय सभ्यता और संस्कृति बताएंगे. छोटे बच्चों को हम संस्कार के बारे में बताएंगे जिसे वह जीवन भर पालन करेंगे. हमारे इस ग्रुप का नाम ही है टेक्नो वैदिक है. हम टेक्नोलॉजी के साथ उन्हें वेद बताएंगे. संस्कार और वेद के साथ जब बच्चा पढ़ेगा तो वह देश का भविष्य होगा और एक दिन भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा.

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