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Exclusive: वाराणसी में दिव्यांग बेटी से मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखें हुई नम, देंखे खास बातचीत

ससुराल वालों के जुल्म से दिव्यांग बनीं पूनम 17 साल तक बिस्तर पर रही. पिछले चार साल से पूनम बाहरी दुनिया देख पा रही हैं. पूनम ने अपने हुनर को तराशा और पेंटिंग करने लगीं.

पीएम मोदी
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Published : Feb 19, 2019, 6:01 PM IST

वाराणसी : काशीवासियों को करोड़ों की सौगात देने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब वाराणसी की एक होनहार बेटी ने छोटा सा तोहफा दिया तो उनकी आंखें नम हो गई. प्रधानमंत्री ने वाराणसी पहुंचकर दिव्यांगों से मुलाकात की और साथ ही उनसे बातचीत करके उनके दिल का हाल जाना. इसी दौरान काशी की इस बेटी ने उन्हें अपना दर्द सुनाया और अपने हाथों से बनाई हुई पेंटिंग तोहफे के रूप में दी तो खुद प्रधानमंत्री की आंखों से आंसू छलक गए.

पीएम मोदी से मिलने वाली दिव्यांग महिला से खास बातचीत.

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कहते हैं अगर जिंदगी में कुछ करने की ठान ली जाए तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. कुछ ऐसी सीख देती हैं वाराणसी की वह बेटी जिनसे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मुलाकात की है. ससुराल वालों के जुल्म से दिव्यांग बनी पूनम 17 साल तक बिस्तर पर पड़ी रहने के बाद पिछले चार साल से पूनम बाहरी दुनिया में कदम रख पा रहीं हैं. पूनम ने अपने हुनर को तराशा और पेंटिंग करने लगीं.

प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पर उन्होंने अपने हाथों से बनाई हुई पेंटिंग पीएम को तोहफे के रूप में दी. इस पेंटिंग को तोहफे के रूप में पाकर और पूनम की आप बीती सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखों में आंसू आ गए और नम आंखों से उनको आशीर्वाद देते हुए उन्होंने काशी की इस बेटी को खूब आशीर्वाद दिया.

इस मौके पर पूनम ने ईटीवी से एक्सक्लुसिव बातचीत में अपनी आपबीती सुनाईं...


वाराणसी : काशीवासियों को करोड़ों की सौगात देने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब वाराणसी की एक होनहार बेटी ने छोटा सा तोहफा दिया तो उनकी आंखें नम हो गई. प्रधानमंत्री ने वाराणसी पहुंचकर दिव्यांगों से मुलाकात की और साथ ही उनसे बातचीत करके उनके दिल का हाल जाना. इसी दौरान काशी की इस बेटी ने उन्हें अपना दर्द सुनाया और अपने हाथों से बनाई हुई पेंटिंग तोहफे के रूप में दी तो खुद प्रधानमंत्री की आंखों से आंसू छलक गए.

पीएम मोदी से मिलने वाली दिव्यांग महिला से खास बातचीत.

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कहते हैं अगर जिंदगी में कुछ करने की ठान ली जाए तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. कुछ ऐसी सीख देती हैं वाराणसी की वह बेटी जिनसे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मुलाकात की है. ससुराल वालों के जुल्म से दिव्यांग बनी पूनम 17 साल तक बिस्तर पर पड़ी रहने के बाद पिछले चार साल से पूनम बाहरी दुनिया में कदम रख पा रहीं हैं. पूनम ने अपने हुनर को तराशा और पेंटिंग करने लगीं.

प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पर उन्होंने अपने हाथों से बनाई हुई पेंटिंग पीएम को तोहफे के रूप में दी. इस पेंटिंग को तोहफे के रूप में पाकर और पूनम की आप बीती सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखों में आंसू आ गए और नम आंखों से उनको आशीर्वाद देते हुए उन्होंने काशी की इस बेटी को खूब आशीर्वाद दिया.

इस मौके पर पूनम ने ईटीवी से एक्सक्लुसिव बातचीत में अपनी आपबीती सुनाईं...


Intro:वाराणसी। काशी वासियों को करोड़ों की सौगात देने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब वाराणसी कि एक होनहार बेटी ने छोटा सा तोहफा दिया तो उनकी आंखें नम हो गई। प्रधानमंत्री ने वाराणसी पहुंचकर दिव्यांगों से मुलाकात की और साथ ही उनसे बातचीत करके उनके दिल का हाल जाना इसी दौरान काशी की इस बेटी ने उन्हें अपना दर्द सुनाया और अपने हाथों से बनाई हुई पेंटिंग तोहफे के रूप में दी तो खुद प्रधानमंत्री की आंखों से आंसू छलक गए।


Body:VO1: कहते हैं अगर जिंदगी में कुछ करने की ठान ली जाए तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसी सीख देती हैं वाराणसी की वह बेटी जिनसे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मुलाकात की है। वाराणसी में दिव्यांग की तरह जिंदगी जीने को मजबूर पूनम तब से अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही हैं, जब से उनके ससुराल वालों ने दहेज के कारण उनको एक दिव्यांग बना दिया। 17 साल बिस्तर पर रहने के बाद पिछले 4 साल से पूनम बाहरी दुनिया में कदम रख पा रही है और तब से आगे बढ़ने की ललक ने उन्हें उनके हुनर से जोड़ा हुआ है। अपने पेंटिंग के होने से बेहतर बनाने की कोशिश में पूनम काफी आगे निकल आई है। प्रधानमंत्री से मिलने पर उन्होंने अपने हाथों से बनाई हुई पेंटिंग पीएम मोदी को तोहफे के रूप में दी। इस पेंटिंग को तोहफे के रूप में पाकर और पूनम की आप बीती सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखों से आंसू बाहर आ गए और नम आंखों से उनको आशीर्वाद देते हुए उन्होंने काशी की इस बेटी को खूब आशीर्वाद दिया।

बाइट: पूनम राय


Conclusion:VO2: पूनम जन्म से दिव्यांग नहीं है बल्कि दहेज के भूखे ससुराल वालों के कारण उन्हें अपनी जिंदगी के बेहतरीन 17 साल बिस्तर पर बिताने पड़े। बीते 4 साल से जब उन्होंने फिर से खुद को संभाला तो अपने हुनर से अपनी अलग पहचान बना ली। पूनम अब बच्चों को मुफ्त में पेंटिंग सिखाती हैं तो वहीं दूसरी तरफ से जो उनके साथ हुआ वह किसी और के साथ ना हो इसके लिए महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का काम भी कर रही है। उनकी पीएम मोदी से मिलने की कोशिश कई बार विफल होती है जरा पर आज उनकी कोशिश सफल हो गई और आशीर्वाद और शुभकामनाएं भी मिल गईं।

बाकी के विसुअल्स ftp से up_vns_arnima_modi divyang नाम के फोल्डर से भेजे गए हैं, कृपया चेक कर लें।

Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
7523863236
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