वाराणसीः महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सम्मान व स्वालंबन के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति को हर माह अलग-अलग थीम पर मनाने का निर्णय लिया गया है. इसी के तहत वाराणसी में भी मिशन शक्ति के तहत हर महा अलग-अलग थीम पर विभाग काम करेगा. इस महीने मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक मुद्दों से सुरक्षा और सहयोग तय की गई है. महिला कल्याण विभाग बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के सहयोग से महिलाओं और बालिकाओं की मानसिक स्वास्थ्य पर जोर दिया जा रहा है. निदेशक महिला कल्याण और मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी मनोज कुमार राय के मुताबिक मिशन शक्ति के दूसरे चरण में मानसिक स्वास्थ्य एवं अन्य सामाजिक मुद्दों से सुरक्षा व सहयोग का कार्य किया जा रहा है.
चार स्तर पर होगा कार्य
इस माह के दौरान मुख्य रूप से चार स्तरों पर कार्य किए जाएंगे. मानसिक स्वास्थ्य व मनोसामाजिक सपोर्टर पर जागरूकता, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरतमंद व्यक्तियों की पहचान करना, स्वास्थ्य सेवा संरक्षण व सुरक्षा संबंधी निर्णय लेने की क्षमता में विकास करना और उच्च परामर्श के लिए रेफर करने का कार्य किया जाएगा. इस माह मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसमाजिक सपोर्टर कार्यक्रम के तहत आश्रमगृहों में रहने वालीं महिलाए व बच्चें शामिल है. चाहे वह किसी भी कानूनी वजह से या देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता के चलते रह रहे हो या उनके खिलाफ किसी प्रकार का अपराध या हिंसा हुई हो. इसके अलावा पॉक्सो एक्ट में शामिल रहे बच्चों, महिलाओं व उनके परिवार अथवा समस्त संस्थानों से घर वापस गए बच्चों और महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर सहयोग किया जाएगा.
मदद करने की अपील
निदेशक महिला कल्याण और मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी मनोज कुमार राय का कहना है कि मिशन शक्ति अभियान के तहत जिलों में भौतिक या ऑनलाइन माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसमाजिक सहयोग सेवाएं दी जाएंगी. इसके लिए मनोवैज्ञानिकों, संस्थाओं, विश्वविद्यालय, विशेषज्ञ, अनुभवी व्यक्तियों, मनोसामाजिक संयुक्त सेवाएं मुफ्त में प्रदान करने के जो लोग इच्छुक हैं वह जिला प्रोबेशन अधिकारी या जिला कार्यक्रम अधिकारी से संपर्क कर इस मुहिम में सहयोग कर सकते हैं.
आयोजनों की रूपरेखा
- 16 नवंबर : ग्राम, ब्लाक व जनपद स्तर पर संध्या चौपाल, नुक्कड़ नाटक, फॉक शो, वेबीनार व सेमिनार आदि आयोजित किए जाएंगे.
- 18 नवंबर : बेटियों से पहचान थीम पर जन-जागरूकता कार्यक्रम ग्राम से लेकर जिला स्तर पर आयोजित होंगे. इसके तहत परिवारों और दुकानदारों को जागरूक किया जाएगा कि वह अपने घरों व दुकानों को परिवार की महिलाओं व बेटियों के नाम पर पहचान दें.
- 20 नवंबर : अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस पर ग्राम से लेकर जिला स्तर पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में बच्चों और किशोरों की सुरक्षा व मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक आवश्यकताओं, मुद्दों और सपोर्ट प्रणाली पर संवाद किया जाएगा.
- 23 नवंबर : ग्राम, ब्लाक व जनपद स्तर पर बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी रोकथाम के दौरान मानसिक स्वास्थ्य व परामर्श से जुड़े मुद्दे पर प्रतियोगिताएं, प्रश्नोत्तरी, रैली, समूह चर्चा आदि आयोजित होंगे.
- 25 नवंबर : हक की बात जिलाधिकारी के साथ कार्यक्रम आयोजित होगा. इसके तहत यौन हिंसा, लैंगिक असमानता, घरेलू हिंसा तथा दहेज उत्पीडऩ के बारे में संरक्षण, सुरक्षा व मदद के लिए दो घंटे के पारस्परिक संवाद का आयोजन किया जाएगा.