वाराणसी: पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद कई योजनाओं की शुरुआत की गई. इन्हीं योजनाओं में शामिल है पीएम मोदी की सौभाग्य योजना. इस योजना की शुरुआत के साथ ही आम लोगों को भी बिजली मिलने की उम्मीद जगी. केंद्र सरकार की इस योजना का असर ग्रामीण स्तर पर काफी व्यापक तौर पर देखने को मिला. इस योजना की खास बात यह रही कि 2014 में मिले लक्ष्य से भी ज्यादा आंकड़े को इसके तहत पार कर लिया गया.
शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर लोहता के भतसार गांव के जयप्रकाश, माला और मुन्ना कुछ ऐसे नाम हैं, जिन्हें सौभाग्य योजना का लाभ मिलने के बाद इनकी जिंदगी बदल गई. इनमें से जयप्रकाश की गांव में ही चाय और पान की दुकान है. मिट्टी से बनी इनकी कच्ची दुकान, जिसमें कल तक लालटेन के सहारे अंधेरे को दूर करने का काम किया जाता था, लेकिन आज इनकी इस दुकान में बिजली का कनेक्शन भी है और रात के अंधेरे को दूर करने के लिए बल्ब और ट्यूब लाइट भी.
वहीं इस गांव की रहने वाली माला इस बात से बेहद खुश हैं कि आजादी के बाद उनको अपने घर में बिजली का कनेक्शन मिला. वहीं अब माला ने अपने मनोरंजन के लिए टीवी और गर्मी से बचने के लिए पंखा भी ले लिया है. माला का कहना है कि उनके घर में दो महीने पहले ही बिजली का कनेक्शन लगा. उसके बाद से ही उन्हें 18 से 20 घंटे बिजली मिल रही है.
वहीं आज गांव के युवा भी तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तो तैयार हैं. अब तक बिजली न मिलने की वजह से पीछे रह रहे गांव के युवाओं का कहना है कि आजादी के इतने साल बाद भी गांव में सही से बिजली नहीं पहुंची थी. वहीं आज बिजली के आने से गांव में सारी चीजें सुधर चुकी हैं. अब हम तकनीक का इस्तेमाल भी सही से कर रहे हैं.
सौभाग्य योजना की सफलता इस बात से भी जाहिर हो रही है कि 2014 में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी शुरुआत की थी. उस समय बनारस को 69,300 से ज्यादा कनेक्शन फ्री में लगाने का टारगेट दिया गया था. इसके बाद यह काम कार्यदाई संस्था के रूप में एक प्राइवेट एजेंसी को काम सौंपा गया. वहीं अब मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिए जाने का आंकड़ा टारगेट से भी ज्यादा आगे निकल चुका है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के आंकड़ों पर गौर करें तो वाराणसी में 69,300 के मुकाबले अब तक 1,22,309 मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं. वहीं 593 गांव के 2152 मजरों में अब तक 371 ट्रांसफार्मर लगाए जा चुके हैं.
वहीं सौभाग्य योजना को लेकर एक अलग से बनाए गए विभाग के सीनियर ऑफिसर का कहना है कि बनारस में जितना टारगेट दिया गया था, उससे कहीं ज्यादा काम किया गया है. यहां अभी तक 371 ट्रांसफॉर्मर लगे हैं, जबकि 1175 ट्रांसफार्मर लगाए जाने का टारगेट है. वहीं अब तक 1405 मजरों में बिजली कनेक्शन मुफ्त में दिए जाने का काम और नए कनेक्शन बिछाए जाने का काम भी पूरा किया जा चुका है. साथ ही करीब 700 मजरे पेंडिंग हैं, जिन पर काम चल रहा है. सौभाग्य योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में काम करने वाली कार्यदाई संस्था के असिस्टेंट मैनेजर सुखबीर सिंह परमार का कहना है कि सौभाग्य योजना ने लोगों की जिंदगी बदल दी है. जो लोग कल तक मूलभूत आवश्यकताओं से दूर थे, आज उनको बिजली कनेक्शन मिलने के बाद टीवी, फ्रिज जैसी चीजें मुहैया हो रही हैं.