वाराणसी : जनपद को बाल एवं किशोर श्रम से मुक्त कराने के लिए श्रम मुक्त काशी अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत एक माह में 48 किशोरों को मजदूरी से मुक्त कराया गया. इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि सरकार व प्रशासन के निर्देश के अनुसार काशी को बाल व किशोर मजदूरी से मुक्त कराने के उद्देश्य से किशोर श्रम मुक्त काशी अभियान का संचालन किया जा रहा है. जिसके तहत श्रम विभाग, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और अस्मिता चाइल्ड लाइन के जरिए शहर के अलग-अलग हिस्सों की दुकानों की जांच की जा रही है. इस माह अब तक 467 से अधिक दुकानों की जांच की जा चुकी है, जिसमें से 48 किशोरों को श्रम से निजात दिलाया गया है.
अस्मिता चाइल्ड लाइन के केयरटेकर फादर मैथ्यूज ने बताया कि, बाल व किशोर मजदूरी रोकने के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है, इसके तहत बुधवार काे जनपद के 83 प्रतिष्ठानों की जांच की गई. यहां कुल 7 किशोर मजदूरों को मजदूरी के जाल से छुड़ाया गया. उन्होंने बताया कि, इस अभियान के दौरान पूरी टीम अलग-अलग दुकानों पर जाकर के दुकानदारों को अवगत कराती है और उन्हें बाल एवम किशोर मजदूरी कराने जैसे जघन्य अपराध को करने से रोकती है. उन्होंने बताया कि, इस पूरे माह में अब तक 467 से ज्यादा प्रतिष्ठानों की जांच कर 45 प्रतिष्ठानों से 48 किशोर को मजदूरी के चंगुल से छुड़ाया गया और उनसे श्रम कार्य कराने वाले प्रतिष्ठानों के विरुद्ध कार्रवाई भी की गई.
उन्होंने बताया कि हमारा यह उद्देश्य है कि हम जनपद को किशोर एवं बालकों की मजदूरी से मुक्त कराएं, इस वजह से हम सभी व्यापारियों से अपील करना चाहते हैं कि वह बाल व किशोरों श्रम का कार्य न करें. बल्कि उन्हें बेहतर भविष्य देने के लिए प्रोत्साहित करें. उन्होंने बताया कि यदि फिर भी कोई प्रतिष्ठान इस तरीके का कार्य करती है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी, क्योंकि बाल श्रमिकों से कार्य लिया जाना दंडनीय अपराध है.
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