वाराणसी: चंदौली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए ब्लड तस्कर की गवाही के बाद सहायक औषधि नियंत्रक विनय गुप्ता और औषधि निरीक्षक सौरभ दुबे की संयुक्त टीम ने आईएमए ब्लड बैंक (IMA Blood Bank) में गुरुवार को छापेमारी की. टीम ने पाया कि ब्लड बैंक में गलत तरीके से बिना कागजात के खून को बाहर बेचा जा रहा है. इस दौरान ड्रग विभाग (Drug Department) ने इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार को भेजी है. इसके साथ ही नए रक्तदान पर भी रोक लगा दी है.
27 जुलाई की रात चंदौली पुलिस ने बबुरी मोड पर एक व्यक्ति को 200ml के तीन ब्लड बैग के साथ गिरफ्तार किया था. उसने यह स्वीकार किया था कि आइएमए ब्लड बैंक से 2000 रुपये यूनिट के हिसाब से ब्लड खरीदता है और 4000 रुपये यूनिट के हिसाब से चंदौली के नर्सिंग होम में बेचता है. इस बात को संज्ञान में लेते हुए ड्रग विभाग ने आज आईएमए ब्लड बैंक पर छापेमारी की, जहां पर ब्लड बेचे जाने की पुष्टि की गई.
औषधि निरीक्षक सौरभ दुबे ने बताया कि चंदौली जिले में खून की तस्करी करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. उसके पास तीन यूनिट रक्त था जोकि आईएमए ब्लड बैंक का बताया जा रहा था. इसके बाद विभाग द्वारा छापेमारी की गई और वहां दस्तावेजों की जांच भी की गई. इस दौरान यह पाया गया कि ब्लड बैंक द्वारा गलत तरीके से खून को बिना किसी कागजी कार्यवाही के बेचा जा रहा है. उन्होंने बताया कि घटना पर एक रिपोर्ट तैयार करके केंद्र और राज्य सरकार को भेज दी गई है. जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.
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2020 में भी चंदौली पुलिस ने तीन ब्लड तस्करों को गिरफ्तार किया गया था. इसको लेकर के निजी अस्पताल और पैथालॉजी लैब पर भी कार्रवाई की गई थी. उस दौरान भी आईएमए का नाम शामिल हुआ था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी.