गाजीपुर : विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम राकेश कुमार सप्तम की अदालत ने मंगलवार को नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी को 20 साल के कारावास के साथ ही 30 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है. साथ ही अर्थदंड की राशि से 70 प्रतिशत पीड़िता को देने का आदेश दिया है.
पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि भांवरकोल थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले व्यक्ति ने तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया था कि 29 जुलाई 2021 को वह अपनी पत्नी के साथ दवा के लिए मोहम्दाबाद गया था. घर में केवल दो बहुएं थीं. उसकी पोती यानी पीड़िता (12) दरवाजे पर मवेशियों की देखभाल करके आ रही थी.
आरोप था कि करीब 11:30 बजे सुबह गली में सुनसान देखकर गांव के ही आरोपी ने पोती यानी पीड़िता को पुकार कर अपने झोपड़ी के दरवाजे से खड़ा होकर बुलाया. आरोपी पीड़िता का रिश्ते में बाबा लगता था, जैसे ही पीड़िता पहुंची आरोपी ने उसे डरा धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और किसी से कहने पर जान से मारने की धमकी भी दी.
उन्होंने बताया कि तहरीर के मुताबिक, 4 अगस्त 2021 को पीड़िता के पेट और शरीर में दर्द हुआ तो उसने सच्चाई बताई. वादी की सूचना पर आरोपी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने आरोपी को पकड़कर जेल भेज दिया. पीड़िता का डॉक्टरी मुआयना कराने के बाद न्यायालय में आरोपी के विरुद्ध आरोप पत्र पेश किया गया. इस दौरान विचारण अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक प्रभुनारायण सिंह ने कुल 7 गवाहों को पेश किया. मंगलवार को दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए अभियुक्त को जेल भेज दिया.
यह भी पढ़ें : फरजाना हत्याकांड के चार दोषियों को आजीवन कारावास, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया - MUZAFFARNAGAR COURT NEWS