वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय (Sir Sunderlal Hospital BHU) ने एक नई उपलब्धि हासिल की है. अस्पताल के बाल शल्यक्रिया में 10 साल के बच्चे का 4K दूरबीन विधि से ऑपरेशन किया है. बड़ी बात यह है कि ऑपरेशन ब्लास्ट अपेंडिक्स का था. फिलहाल बच्चा अभी स्वस्थ है.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित सर सुन्दरलाल चिकित्सालय के बाल शल्य विभाग ने 4K विधि से सर्जरी शुरू कर दी है. विभाग में हाल ही में 10 वर्ष के बच्चे की 4K दूरबीन द्वारा अपेंडिक्स की सर्जरी हुई है. ये बच्चा अदलपुरा निवासी है. इस बारे में सर्जन डॉ. वैभव पांडेय ने बताया कि पूरे पूर्वांचल क्षेत्र में संभवतः सर सुन्दरलाल चिकित्सालय इकलौता और देश के उन चुनिंदा सरकारी संस्थानों में शामिल है. जहां इस अत्याधुनिक सुविधा से शल्य क्रिया संभव है.
डॉ. पांडेय ने बताया कि इस 10 वर्षीय बच्चे को 6 हफ्ते पहले अपेंडिक्स के फटने की वजह से पेट में मवाद हो गया था, तब उसका इलाज दवाओं द्वारा किया गया. परंतु, ऐसी अवस्था में अपेंडिक्स को निकालने पर ही मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो पाता है. डॉ. पांडेय ने बताया कि बीएचयू अस्पताल के बाल शल्य विभाग में दूरबीन द्वारा बच्चों की जटिल सर्जरी होती रही है, पर 4K सुविधा आने से अब इस प्रकार की सभी सर्जरी और भी आसानी और दक्षता से की जा सकेंगी. चूंकि, बच्चों के अंदरूनी अंग सूक्ष्म होते है और 4K विधि से इनको देखना काफी सरल हो जाता है.
महज 5 हजार में हुई सर्जरी
इस सुविधा के आने से आगे और भी जटिल ऑपरेशन दूरबीन विधि से बहुत ही कम खर्चे में किए जा सकेंगे. उन्होंने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन में 50 हजार रुपये तक का खर्च आ सकता है. परंतु BHU में सारी दवाइयां मुफ्त में मिलने ये सारी प्रक्रिया सिर्फ 5 हजार में पूरी की जा सकेगी.
लगातार हो रहा बदलाव
डॉ. वैभव पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. के.के. गुप्ता के सहयोग से सर सुन्दरलाल चिकित्सालय के बाल शल्य विभाग में पिछले एक वर्ष में अनेक नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं. जिनमें इमारत का नवीनीकरण, ऑपरेशन थियेटर के आधुनिकीकरण के लिए एडवांस्ड वेसल सीलेर, आधुनिक ओ.टी. लाइट की स्थापना आदि शामिल हैं. इस सब के अलावा नए मरीज वेटिंग एरिया और फ्रंटएज के विकास को भी मंजूरी मिली है. उन्होंने बताया कि बाल शल्य विभाग में नई और आधुनिक सुविधाओं के विकास व बच्चों के ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के मुफ्त में मिलने के चलते यहां का बाल शल्य विभाग उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश भर के बाल शल्य विभागों में अपनी अलग जगह बना रहा है.
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