वाराणसी: धर्म एवं आध्यत्म की नगरी काशी में सभी देवी देवताओं का वास है. सभी की अलग मान्यताएं हैं. उसी में से एक मोक्षदायिनी गंगा के किनारे दशाश्वमेध घाट पर मां बन्दी देवी की मंदिर है. जहां भर भक्त अनेक प्रकार के बंधनों से मुक्ति के लिए ताला चढाते हैं. जब भक्तों की मन्नतें पूरी हो जाती हैं तो अपना ताला खोल कर मां का विधि विधान से पूजा करते हैं. यहां दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं. बताया जाता है कि मां स्वंयभू हैं.
रामायण महाभारत काल में वर्णन
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी यहां सभी देवी देवता विराजनमान हैं. ऐसी ही बन्दी माता का मंदिर है. जिसका वर्णन महाभारत, रामायण एवं काशी खण्ड में मिलता है. मां बन्दी माता मंदिर में हनुमान जी प्रतिमा एवं शिवलिंग स्थापित है. बन्दी माता कसेरा एवं सोनार जाति की कुलदेवी हैं. कुलदेवी होने के कारण यहां देश के विभिन्न हिस्से सहित विदेश से भी भक्त दर्शन करने आते हैं.
काशी का ये अनोखा मंदिर, जहां भक्त चढ़ाते हैं ताला
धर्म एवं आध्यत्म की नगरी काशी में सभी देवी देवताओं का वास है. सभी की अलग मान्यताएं हैं. उसी में से एक मोक्षदायिनी गंगा के किनारे दशाश्वमेध घाट पर मां बन्दी देवी का मंदिर है. जहां भर भक्त अनेक प्रकार के बंधनों से मुक्ति के लिए ताला चढाते हैं.
वाराणसी: धर्म एवं आध्यत्म की नगरी काशी में सभी देवी देवताओं का वास है. सभी की अलग मान्यताएं हैं. उसी में से एक मोक्षदायिनी गंगा के किनारे दशाश्वमेध घाट पर मां बन्दी देवी की मंदिर है. जहां भर भक्त अनेक प्रकार के बंधनों से मुक्ति के लिए ताला चढाते हैं. जब भक्तों की मन्नतें पूरी हो जाती हैं तो अपना ताला खोल कर मां का विधि विधान से पूजा करते हैं. यहां दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं. बताया जाता है कि मां स्वंयभू हैं.
रामायण महाभारत काल में वर्णन
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी यहां सभी देवी देवता विराजनमान हैं. ऐसी ही बन्दी माता का मंदिर है. जिसका वर्णन महाभारत, रामायण एवं काशी खण्ड में मिलता है. मां बन्दी माता मंदिर में हनुमान जी प्रतिमा एवं शिवलिंग स्थापित है. बन्दी माता कसेरा एवं सोनार जाति की कुलदेवी हैं. कुलदेवी होने के कारण यहां देश के विभिन्न हिस्से सहित विदेश से भी भक्त दर्शन करने आते हैं.