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काशी में मां शैलपुत्री के दर्शन को उमड़े भक्त - navratri 2021

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन वाराणसी जिले के अलइपुर क्षेत्र के वरुणा नदी के किनारे स्थित मां शैलपुत्री मंदिर में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. लंबी कतारों में वहां काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और मां के दर्शन पाकर मां की कृपा प्राप्त कर रहे हैं.

शरदीय नवरात्र में देवी मंदिर में लगी भीड़
शरदीय नवरात्र में देवी मंदिर में लगी भीड़
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Published : Oct 7, 2021, 11:39 AM IST

वाराणसी: शारदीय नवरात्रि आज से प्रारम्भ हो गए हैं. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन की मान्यता है. देश के प्रसिद्ध देवी मंदिरों के साथ-साथ शक्तिपीठों में भक्तों का सैलाब देखा जा सकता है. भोलेनाथ की नगरी काशी में भी शारदीय नवरात्रि हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. प्रथम दिन मां शैलपुत्री के पूजन की मान्यता है कि मां शैलपुत्री महान उत्साह वाली देवी और भय का नाश करने वाली हैं. इनकी आराधना से यश, कीर्ति, धन और विद्या कि प्राप्ति होती है और इनकी पूजा मात्र से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.

मान्यतानुसार, जगदम्बा मां शैलपुत्री स्वरूप में पर्वत राज हिमालय के घर में पुत्री रूप में अवतरित हुईं थीं और कालांतर में जगदम्बा इसी स्वरुप में पार्वती के नाम से देवाधिदेव भगवान शंकर की अर्धांगनी बनीं. वाराणसी मे मां शैलपुत्री का मंदिर अलइपुर क्षेत्र मे वरुणा नदी के किनारे स्थित है. नवरात्रि के पहले दिन इस मंदिर में विराजमान मां के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिली. हाथों में नारियल और फूल-माला लेकर भक्तों की लंबी कतारें मां के दर्शन के लिए लगी हैं. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय माता दी के उद्घोष से गूंज उठा.

शरदीय नवरात्र में देवी मंदिर में लगी भीड़
सूर्य उदय के साथ ही विभिन्न शक्तिपीठों में दर्शन करने के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. ऐसे में मां शैलपुत्री के लोगों ने दर्शन किए और पूरे विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया. मंगला आरती के साथ ही आम दर्शनार्थियों के लिए पट को खोल दिया गया. इसके बाद सभी ने दर्शन किया. भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी मंदिर को बैरिकेड किया हुआ था और जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात हैं.पम्मी राय ने बताया कि आज शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है. मैं मां शैलपुत्री के दर्शन के लिए आई हूं. मां से अपने परिवार में सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना की. पिछले 16 वर्ष से मैं लगातार नवरात्रि के पहले दिन यहां दर्शन करने आती हूं. गजेंद्र गोस्वामी ने बताया कि आज माता शैलपुत्री का दर्शन है यहां पर यह हिमालय राज की पुत्री के नाम से भी पूजी जाती हैं. मां के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कलश है. मां भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन कर हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है. 9 दिनों तक यहां पर विशेष प्रकार के पूजन-पाठ किए जाते हैं.

इसे भी पढ़ें-शारदीय नवरात्र: सिर्फ 47 मिनट में ही करनी होगी कलश स्थापना, ऐसे करें माता की आराधना

वाराणसी: शारदीय नवरात्रि आज से प्रारम्भ हो गए हैं. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन की मान्यता है. देश के प्रसिद्ध देवी मंदिरों के साथ-साथ शक्तिपीठों में भक्तों का सैलाब देखा जा सकता है. भोलेनाथ की नगरी काशी में भी शारदीय नवरात्रि हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. प्रथम दिन मां शैलपुत्री के पूजन की मान्यता है कि मां शैलपुत्री महान उत्साह वाली देवी और भय का नाश करने वाली हैं. इनकी आराधना से यश, कीर्ति, धन और विद्या कि प्राप्ति होती है और इनकी पूजा मात्र से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.

मान्यतानुसार, जगदम्बा मां शैलपुत्री स्वरूप में पर्वत राज हिमालय के घर में पुत्री रूप में अवतरित हुईं थीं और कालांतर में जगदम्बा इसी स्वरुप में पार्वती के नाम से देवाधिदेव भगवान शंकर की अर्धांगनी बनीं. वाराणसी मे मां शैलपुत्री का मंदिर अलइपुर क्षेत्र मे वरुणा नदी के किनारे स्थित है. नवरात्रि के पहले दिन इस मंदिर में विराजमान मां के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिली. हाथों में नारियल और फूल-माला लेकर भक्तों की लंबी कतारें मां के दर्शन के लिए लगी हैं. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय माता दी के उद्घोष से गूंज उठा.

शरदीय नवरात्र में देवी मंदिर में लगी भीड़
सूर्य उदय के साथ ही विभिन्न शक्तिपीठों में दर्शन करने के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. ऐसे में मां शैलपुत्री के लोगों ने दर्शन किए और पूरे विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया. मंगला आरती के साथ ही आम दर्शनार्थियों के लिए पट को खोल दिया गया. इसके बाद सभी ने दर्शन किया. भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी मंदिर को बैरिकेड किया हुआ था और जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात हैं.पम्मी राय ने बताया कि आज शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है. मैं मां शैलपुत्री के दर्शन के लिए आई हूं. मां से अपने परिवार में सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना की. पिछले 16 वर्ष से मैं लगातार नवरात्रि के पहले दिन यहां दर्शन करने आती हूं. गजेंद्र गोस्वामी ने बताया कि आज माता शैलपुत्री का दर्शन है यहां पर यह हिमालय राज की पुत्री के नाम से भी पूजी जाती हैं. मां के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कलश है. मां भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं. शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन कर हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है. 9 दिनों तक यहां पर विशेष प्रकार के पूजन-पाठ किए जाते हैं.

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