वाराणसीः सनातन धर्म में व्रत त्यौहार और तिथियों का विशेष महत्व माना जाता है. इन तिथियों में पूर्णिमा तिथि का एक अलग ही स्थान होता है. वैसे तो 12 पूर्णिमा पड़ती हैं, लेकिन आज के दिन पड़ने वाली माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है. माघ पूर्णिमा पर संत रविदास का जन्म भी हुआ था और वाराणसी के सीर गोवर्धन में रविदास जयंती का भव्य आयोजन भी किया जाता है. आज तड़के से ही स्नान के लिए गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है.
पुण्य की डुबकी के साथ दान की परंपरा
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर आज माघ पूर्णिमा के मौके पर लोगों की जबरदस्त भीड़ दिखाई दे रही है. माघ के महीने में होने वाले अलग-अलग स्नान के क्रम में बीते दिनों बसंत पंचमी और मौनी अमावस्या का स्नान संपन्न हो चुका है. आज माघ पूर्णिमा और फिर इसके बाद महाशिवरात्रि का स्नान पड़ने वाला है. हर स्नान का विशेष महत्व है. आज के दिन गंगा स्नान के अलावा दान करने का महत्व माना जाता है. दान स्वरूप काला तिल, चावल, गुड़ और तिल से बने पदार्थ दान करना विशेष फलदाई होता है. सब्जियों और फलों का भी वस्त्र के साथ दान किया जा सकता है, यदि इनकी उपलब्धता नहीं है तो द्रव्य यानी रुपये संकल्प के साथ दान करना भी महत्व रखता है.
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भगवान विष्णु की आराधना और सत्यनारायण की होती है पूजा
आज के दिन ऐसी मान्यता है कि गंगा स्नान करने के साथ ही दान पुण्य करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. आज के दिन भगवान विष्णु का विशेष पूजन करने का भी विधान है. सत्यनारायण व्रत कथा सुनना आज के दिन विशेष फलदाई होता है. यही वजह है कि आज श्रद्धालु गंगा स्नान, दान-पुण्य करने के साथ श्री हरि विष्णु की पूजा में रत दिखाई दे रहे हैं.