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ज्ञानवापी प्रकरण में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ FIR की मांग पर फैसला 1 नवंबर को - Demand for FIR against Asaduddin Owaisi

ज्ञानवापी प्रकरण में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर दी गई याचिका पर मंगलवार को भी कोई आदेश नहीं आया है. इस पर कोर्ट 1 नवंबर को अपना फैसला देगा.

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ज्ञानवापी प्रकरण
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Published : Oct 18, 2022, 8:48 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर मुकदमे की मांग को लेकर न्यायालय में सुनवाई आगे नहीं बढ़ी है. कोर्ट ने एक बार फिर इस मामले में सुनवाई की तारीख 1 नवंबर मुकर्रर की है. इस केस की सुनवाई एसीजेएम 5 उज्जवल उपाध्याय कोर्ट में हो रही है.

सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. एडवोकेट के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिला है. पूज्य शिवलिंग जहां मिला है वहां हाथ-पैर धोए जाने, खखार कर थूकने और गंदा पानी बहाने से असंख्य सनातन धर्मियों का मन पीड़ा से भरा है. आरोपियों ने साजिश के तहत स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कह कर सनातन धर्मियों की आस्था पर कुठाराघात और आमजन में विद्वेष फैलाने का काम किया.

इसके अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो, तो वही भगवान और शिवलिंग है. सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के खिलाफ लगातार अपमानजनक बात कह रहे हैं. इन नेताओं की बातें जन भावनाओं के खिलाफ हैं. इस पूरे प्रकरण की साजिश में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा भी शामिल हैं. इन सभी के आचरण से हिंदू समाज मर्माहत है.

इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाए. इस प्रकरण में दोनों पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है. अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की थी. लेकिन, कोर्ट ने इस दिन फैसला न देने के बाद इसे आगे बढ़ाते हुए 16 और फिर 17 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की थी. लेकिन, इनमें से किसी भी डेट को कोर्ट ने कोई आदेश जारी नहीं किया है. आज भी कोर्ट की तरफ से इस मामले में कोई आदेश नहीं दिया गया और अगली तिथि 1 नवंबर की सुनवाई के लिए निर्धारित की गई है.

यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में आज पूरी नहीं हो सकी मुस्लिम पक्ष की बहस, कोर्ट ने कल तक का दिया वक्त

वाराणसी: ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर मुकदमे की मांग को लेकर न्यायालय में सुनवाई आगे नहीं बढ़ी है. कोर्ट ने एक बार फिर इस मामले में सुनवाई की तारीख 1 नवंबर मुकर्रर की है. इस केस की सुनवाई एसीजेएम 5 उज्जवल उपाध्याय कोर्ट में हो रही है.

सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत प्रार्थना पत्र दिया था. एडवोकेट के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिला है. पूज्य शिवलिंग जहां मिला है वहां हाथ-पैर धोए जाने, खखार कर थूकने और गंदा पानी बहाने से असंख्य सनातन धर्मियों का मन पीड़ा से भरा है. आरोपियों ने साजिश के तहत स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कह कर सनातन धर्मियों की आस्था पर कुठाराघात और आमजन में विद्वेष फैलाने का काम किया.

इसके अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो, तो वही भगवान और शिवलिंग है. सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के खिलाफ लगातार अपमानजनक बात कह रहे हैं. इन नेताओं की बातें जन भावनाओं के खिलाफ हैं. इस पूरे प्रकरण की साजिश में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा भी शामिल हैं. इन सभी के आचरण से हिंदू समाज मर्माहत है.

इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाए. इस प्रकरण में दोनों पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है. अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की थी. लेकिन, कोर्ट ने इस दिन फैसला न देने के बाद इसे आगे बढ़ाते हुए 16 और फिर 17 अक्टूबर की तिथि मुकर्रर की थी. लेकिन, इनमें से किसी भी डेट को कोर्ट ने कोई आदेश जारी नहीं किया है. आज भी कोर्ट की तरफ से इस मामले में कोई आदेश नहीं दिया गया और अगली तिथि 1 नवंबर की सुनवाई के लिए निर्धारित की गई है.

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