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ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए गर्भगृह में श्रीराम जानकी के लिए लगाई गयी अंगीठी - AYODHYA RAM MANDIR

अयोध्या में बढ़ती ठंड को देखते हुए गर्भगृह में विराजमान श्रीराम जानकी के लिए अंगीठी लगाई गई है.

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अयोध्या राम मंदिर में लगाई गयी अंगीठी (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 3, 2025, 8:24 PM IST

Updated : Jan 3, 2025, 8:35 PM IST

अयोध्या: रामनगरी में तेज हवाओं के साथ बढ़ती ठंड में लोग बेहाल हैं. वहीं मठ मंदिरों में भी सर्दी के इस मौसम में युगल बिहारी सरकार को ठंड से बचाने के लिए हर संभव जतन किये जा रहे है. मंदिरों के गर्भगृह में विराजमान देवी देवताओं को भी ठंढ से बचाने के लिए मूर्तियों पर स्वेटर व गर्म कपड़े पहनाए गये हैं. उनके पास कोयले की अंगीठी, हीटर और ब्लोअर को भी लगाकर ठंड से निजात पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.

अयोध्या में राम मंदिर के बाद कनक भवन, हनुमान गढ़ी, मणिराम दास छावनी, राम बल्भाकुंज, चारुशीला मंदिर, हनुमत सदन, रामलला सदन समेत अन्य सभी मंदिरों में पूजन अर्चन में भी बदलाव कर दिया गया है. रोज सुबह भगवान को गरम पानी से नहलाने के साथ ही उन्हें गरम कपड़े पहनाये जाते हैं. साथ ही उन्हें ठंड न लगे, इसके लिए आग और हीटर जैसे आधुनिक यंत्रों से गर्मी दी जा रही है. रोजाना विविध व्यंजनों के भोग का ध्यान रखा जा रहा है.

इसे भी पढ़ें - रामलला प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ; भक्तों में उत्साह, दिल्ली-बेंगलुरु के अलावा विदेश से भी मंगाए जा रहे फूल - RAM TEMPLE AYODHYA

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि ठंड बढ़ रही है. इसके चलते रामलला को पूरी तरह से गर्म रखने वाले वस्तुओं का उपयोग किया जा रहा है. रात्रि में शयन के दौरान रजाई ओढ़ाई जा रही है.

राम हर्षण कुंज मंदिर के महंत कामेश्वर दास कहते है कि जिस प्रकार से भक्तों को ठंड का एहसास होता है. उसी तरह मंदिर में बैठे प्रभु को भी ठंड लगती है. इसलिए गर्भगृह में गर्म हवा देने के लिए ब्लोअर लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे मंदिर है, जहां आज भी कोयले की अंगीठी और हीटर का प्रयोग करते है. इसके साथ ही मेवा, दूध और अलग-अलग व्यंजनों का भोग लगा रहे हैं.

अयोध्या: रामनगरी में तेज हवाओं के साथ बढ़ती ठंड में लोग बेहाल हैं. वहीं मठ मंदिरों में भी सर्दी के इस मौसम में युगल बिहारी सरकार को ठंड से बचाने के लिए हर संभव जतन किये जा रहे है. मंदिरों के गर्भगृह में विराजमान देवी देवताओं को भी ठंढ से बचाने के लिए मूर्तियों पर स्वेटर व गर्म कपड़े पहनाए गये हैं. उनके पास कोयले की अंगीठी, हीटर और ब्लोअर को भी लगाकर ठंड से निजात पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.

अयोध्या में राम मंदिर के बाद कनक भवन, हनुमान गढ़ी, मणिराम दास छावनी, राम बल्भाकुंज, चारुशीला मंदिर, हनुमत सदन, रामलला सदन समेत अन्य सभी मंदिरों में पूजन अर्चन में भी बदलाव कर दिया गया है. रोज सुबह भगवान को गरम पानी से नहलाने के साथ ही उन्हें गरम कपड़े पहनाये जाते हैं. साथ ही उन्हें ठंड न लगे, इसके लिए आग और हीटर जैसे आधुनिक यंत्रों से गर्मी दी जा रही है. रोजाना विविध व्यंजनों के भोग का ध्यान रखा जा रहा है.

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रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि ठंड बढ़ रही है. इसके चलते रामलला को पूरी तरह से गर्म रखने वाले वस्तुओं का उपयोग किया जा रहा है. रात्रि में शयन के दौरान रजाई ओढ़ाई जा रही है.

राम हर्षण कुंज मंदिर के महंत कामेश्वर दास कहते है कि जिस प्रकार से भक्तों को ठंड का एहसास होता है. उसी तरह मंदिर में बैठे प्रभु को भी ठंड लगती है. इसलिए गर्भगृह में गर्म हवा देने के लिए ब्लोअर लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे मंदिर है, जहां आज भी कोयले की अंगीठी और हीटर का प्रयोग करते है. इसके साथ ही मेवा, दूध और अलग-अलग व्यंजनों का भोग लगा रहे हैं.


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Last Updated : Jan 3, 2025, 8:35 PM IST
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