वाराणसी: योगी सरकार के नगर विकास और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना शुक्रवार को बनारस के दौरे पर रहे. जहां उन्होंने शहर के सबसे पॉश और व्यस्त इलाके रविंद्रपुरी कॉलोनी का जायजा लिया. जहां बीते 3 सालों से सीवर लाइन डालने का काम चल रहा है जिसकी वजह से स्थानीय निवासियों भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जैसे ही कॉलोनी वासियों को मंत्रीजी के आने की जानकारी हुई सैकड़ों की संख्या में महिलाओं सहित रहवासियों ने उनको घेर लिया. वहीं लोगों की समस्याएं सुनते ही मंत्रीजी भी अधिकारियों पर बिफर पड़े.
मंत्री सुरेश खन्ना ने जल निगम के अधीक्षण अभियंता सहित वहां मौजूद अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई. बेहद तल्ख लहजे में उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट कहा बेवकूफ मत बनाइए, 24 घंटे तीन शिफ्ट में कम कीजिए, लेकिन काम 7 दिनों के अंदर पूरा होना चाहिए. इतना ही नहीं मंत्री सुरेश खन्ना ने अधिकारियों को काम को हल्के में ना लेकर समय से पूरा करने की भी हिदायत दी.
दरअसल रविंद्रपुरी कॉलोनी वह रास्ता है जो सीधे काशी हिंदू विश्वविद्यालय, संकट मोचन मंदिर को शहर से जोड़ने का काम करता है. इस कॉलोनी को वीआईपी रास्ते के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है. हमेशा से ही वाराणसी आने वाले वीवीआईपी काशी हिंदू विश्वविद्यालय से विश्वनाथ मंदिर तक जाने के लिए इसी कॉलोनी के रास्ते का इस्तेमाल करते रहे हैं, लेकिन बीते 3 सालों से यहां पर सीवर पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है. हाल ही में नगर निगम के मिनी सदन की बैठक में भी यहां के स्थानीय पार्षद ने सवाल उठाए. जिस पर हंगामा भी हुआ था.
मिनी सदन में हंगाने के बाद महापौर अशोक तिवारी ने उस वक्त जलकल के महाप्रबंधक से इस पूरे मामले का निरीक्षण करके रिपोर्ट देने के लिए कहा था, लेकिन उसके बाद भी काम ने रफ्तार नहीं पकड़ी. जिसके चलते शुक्रवार को मंत्रीजी को देखते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा.
वहीं इस कॉलोनी के विकास समिति से जुड़े अनुज डीडवानिया ने आरोप लगाया कि 1960 में इस कॉलोनी का निर्माण हुआ. सरकारी तंत्र ने इस कॉलोनी को कई बार खराब करने की कोशिश की लेकिन स्थानीय लोगों की वजह से इस कॉलोनी को बार-बार बचाया जा सका, लेकिन 3 सालों से इस कॉलोनी की हालत बद से बदतर कर दी गई है. करीब 5 से 7 लाख की आबादी इस पूरी कॉलोनी और इससे सटे इलाकों में रहती है लेकिन हालात ये है कि लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. सीवर के नाम पर खोदकर छोड़ी गई सड़कें लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. काम खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. वहीं महिलाओं का कहना था कि हमें मंत्रीजी का आश्वासन मिला है देखते हैं क्या होता है.
बता दें कि, ये निर्माण कार्य बीते साल जुलाई 2024 में ही पूरा हो जाना था, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ जिसके बाद इसे बढ़ाकर नवंबर तक पूरा करने का टारगेट रखा गया, लेकिन फिर भी काम पूरा नहीं हो सका और अब दिसंबर 31 तक इसे पूरा करने का निर्देश महापौर और नगर आयुक्त ने हाल ही में दिया था, लेकिन वह डेट भी बीत गई और काम अब भी जारी है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों का सवाल यही है कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही हो क्यों रही है.
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