ETV Bharat / state

दारोगा सुसाइड केसः उनकी मां को पता चलेगा तो क्या होगा...

राजधानी लखनऊ में विधानसभा गेट नंबर 7 के पास दारोगा निर्मल कुमार चौबे ने खुद को गोली मार मौत को गले लगा लिया. इस बात की खबर दारोगा के पैतृक गांव के लोगों को लगी तो हड़कंप मच गया. वहीं दारोगा की मां को हार्ट अटैक की बीमारी होने के चलते बेटे की मौत की जानकारी नहीं दी गई है.

दारोगा का पैतृक गांव.
दारोगा का पैतृक गांव.
author img

By

Published : Mar 4, 2021, 9:53 PM IST

Updated : Mar 4, 2021, 10:49 PM IST

वाराणसीः राजधानी लखनऊ विधानसभा गेट नंबर 7 के पास 3 बजे गोली चलने की आवाज आई. फायरिंग की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी पार्किंग में पहुंचे तो दरोगा निर्मल कुमार चौबे खून से लथपथ जमीन पर पड़ा मिला. उसे तुरंत सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गई. इस बात की जानकारी जब दारोगा के पैतृक गांव चोलापुर थाना क्षेत्र स्थित पलहीपट्टी के लोगों को लगी तो हड़कंप मच गया. वहीं दारोगा की मां को हार्ट अटैक की बीमारी होने के चलते बेटे की मौत की खबर नहीं दी है.

चार भाइयों में सबसे बड़े थे निर्मल

दारोगा निर्मल कुमार चौबे चार भाइयों में सबसे बड़े थे. उनके पिता स्वर्गीय देवी चरण चौबे की मृत्यु पूर्व में ही हो गई थी. निर्मल की मां विद्या देवी 75 वर्ष की हैं और उन्हें हार्ट अटैक की बीमारी है. इसी के चलते उन्हें निर्मल की मौत की सूचना परिजनों के द्वारा नहीं दी गई है. दारोगा निर्मल कुमार चौबे अपने दो बेटे और पत्नी निरुपमा चौबे के साथ लखनऊ में ही रहता था. निर्मल के बड़े बेटे का नाम विकास चौबे है जो कि लखनऊ में ही प्राइवेट जॉब करता है. दूसरा लड़का सर्वेश चौबे भी प्राइवेट जॉब करता है. निर्मल के तीनों भाई बाहर ही रह कर प्राइवेट जॉब कर घर का खर्चा चलाते हैं.

सरल स्वभाव का थे निर्मल

दारोगा निर्मल कुमार चौबे के गांव वालों ने बताया कि निर्मल बहुत ही मृदु भाषी और सरल स्वभाव का थे. आज तक निर्मल किसी से भी क्रोधित होकर बात नहीं की थी. निर्मल के जाने का दु:ख उसके गांव वालों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था. मौत की सूचना मिलते ही उसके गांव पर ग्राम प्रधान सहित ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई, लेकिन लोग दूर से ही आपस में अपनी शोक संवेदना प्रकट कर रहे थे. साथ ही साथ बार-बार यही कह रहे थे कि अगर उनकी मां को पता चलेगा तो क्या होगा.

इसे भी पढ़ें- मुख्यमंत्री जी, मेरे बच्चों का ख्याल रखिएगा, इतना लिखकर दारोगा ने खुद को गोली मार ली

सड़क दुर्घटना में पहले भी हुआ थे घायल

ग्रामीणों का कहना है कि दारोगा निर्मल कुमार चौबे बहुत पहले सड़क दुर्घटना में घायल भी हुआ थे. तब से वो मानसिक तनाव में रहने लगे थे. निर्मल की दीक्षा अमर शहीद इंटर कॉलेज आयर और आदर्श पलहीपट्टी इंटर कॉलेज में हुआ था. इंटर के बाद ही नौकरी की तैयारी कर पीएसी में चयन होने के बाद वह नौकरी पर चले गए थे.

मानसिक तनाव के कारण मारी गोली

दारोगा निर्मल कुमार चौबे बहुत कम छुट्टी लेकर गांव आते थे. गांव आने के बाद एक-दो घंटे रहने के बाद ही वह ड्यूटी पर चले जाया करते थे. उनके गांव पर रह रहे परिजनों की मानें तो दारोगा विगत 10 वर्षों से मानसिक तनाव में रहते थे. जब उनसे तनाव का कारण पूछा जाता था तो बात को टाल मटोल कर दूसरी बात करने लगते थे.

वाराणसीः राजधानी लखनऊ विधानसभा गेट नंबर 7 के पास 3 बजे गोली चलने की आवाज आई. फायरिंग की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी पार्किंग में पहुंचे तो दरोगा निर्मल कुमार चौबे खून से लथपथ जमीन पर पड़ा मिला. उसे तुरंत सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गई. इस बात की जानकारी जब दारोगा के पैतृक गांव चोलापुर थाना क्षेत्र स्थित पलहीपट्टी के लोगों को लगी तो हड़कंप मच गया. वहीं दारोगा की मां को हार्ट अटैक की बीमारी होने के चलते बेटे की मौत की खबर नहीं दी है.

चार भाइयों में सबसे बड़े थे निर्मल

दारोगा निर्मल कुमार चौबे चार भाइयों में सबसे बड़े थे. उनके पिता स्वर्गीय देवी चरण चौबे की मृत्यु पूर्व में ही हो गई थी. निर्मल की मां विद्या देवी 75 वर्ष की हैं और उन्हें हार्ट अटैक की बीमारी है. इसी के चलते उन्हें निर्मल की मौत की सूचना परिजनों के द्वारा नहीं दी गई है. दारोगा निर्मल कुमार चौबे अपने दो बेटे और पत्नी निरुपमा चौबे के साथ लखनऊ में ही रहता था. निर्मल के बड़े बेटे का नाम विकास चौबे है जो कि लखनऊ में ही प्राइवेट जॉब करता है. दूसरा लड़का सर्वेश चौबे भी प्राइवेट जॉब करता है. निर्मल के तीनों भाई बाहर ही रह कर प्राइवेट जॉब कर घर का खर्चा चलाते हैं.

सरल स्वभाव का थे निर्मल

दारोगा निर्मल कुमार चौबे के गांव वालों ने बताया कि निर्मल बहुत ही मृदु भाषी और सरल स्वभाव का थे. आज तक निर्मल किसी से भी क्रोधित होकर बात नहीं की थी. निर्मल के जाने का दु:ख उसके गांव वालों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था. मौत की सूचना मिलते ही उसके गांव पर ग्राम प्रधान सहित ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई, लेकिन लोग दूर से ही आपस में अपनी शोक संवेदना प्रकट कर रहे थे. साथ ही साथ बार-बार यही कह रहे थे कि अगर उनकी मां को पता चलेगा तो क्या होगा.

इसे भी पढ़ें- मुख्यमंत्री जी, मेरे बच्चों का ख्याल रखिएगा, इतना लिखकर दारोगा ने खुद को गोली मार ली

सड़क दुर्घटना में पहले भी हुआ थे घायल

ग्रामीणों का कहना है कि दारोगा निर्मल कुमार चौबे बहुत पहले सड़क दुर्घटना में घायल भी हुआ थे. तब से वो मानसिक तनाव में रहने लगे थे. निर्मल की दीक्षा अमर शहीद इंटर कॉलेज आयर और आदर्श पलहीपट्टी इंटर कॉलेज में हुआ था. इंटर के बाद ही नौकरी की तैयारी कर पीएसी में चयन होने के बाद वह नौकरी पर चले गए थे.

मानसिक तनाव के कारण मारी गोली

दारोगा निर्मल कुमार चौबे बहुत कम छुट्टी लेकर गांव आते थे. गांव आने के बाद एक-दो घंटे रहने के बाद ही वह ड्यूटी पर चले जाया करते थे. उनके गांव पर रह रहे परिजनों की मानें तो दारोगा विगत 10 वर्षों से मानसिक तनाव में रहते थे. जब उनसे तनाव का कारण पूछा जाता था तो बात को टाल मटोल कर दूसरी बात करने लगते थे.

Last Updated : Mar 4, 2021, 10:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.