ETV Bharat / state

लॉकडाउन में खत्म हुआ लोगों का शौक, ठंडा पड़ा 'फिश एक्वेरियम कारोबार'

author img

By

Published : May 13, 2020, 2:57 PM IST

यूपी के वाराणसी में कोरोना के कारण लॉकडाउन का असर फिश एक्वेरियम उद्योग पर भी पड़ा है. आवागमन के साधनों के अभाव में फिश एक्वेरियम के कारोबार से जुड़े सामानों की सप्लाई पूरी तरह से ठप है. जिस वजह से न मछलियों का चारा मिल पा रहा है और न ही फिश टैंकों की सफाई हो पा रही है, जिससे फिश एक्वेरियम और मछलियों को पालने वाले दोनों परेशान हैं.

crisis on fish aquarium business during lockdown in varanasi
फिश एक्वेरियम में मछलियां.

वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से देश में लॉकडाउन लागू हुए 50 दिन ज्यादा का समय हो चुका है. हालांकि लॉकडाउन के तीसरे चरण में सरकार ने कुछ रियायतें दी हैं. बाजार में अब दुकानें भी धीरे-धीरे खुलने लगी हैं. लॉकडाउन के बीच फिश एक्वेरियम का व्यापार पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है.

देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

घरों से लेकर होटल, रेस्टोरेंट, अस्पताल और कोचिंग क्लासेस हर तरफ खूबसूरती बढ़ाने के लिए छोटे-बड़े फिश टैंक में रंग-बिरंगी मछलियों को पालने का शौक लोगों में लंबे वक्त से रहा है. वहीं वास्तुशास्त्र में भी घर में मछली पालने को शुभ माना जाता है, लेकिन बंदिशों भरे लॉकडाउन के दौर में लगी रोक के बाद फिश एक्वेरियम का व्यापार पूरी तरह से खत्म हो चुका है.

दरअसल, फिश एक्वेरियम उद्योग में रंग-बिरंगी मछलियों से लेकर एक्वेरियम के सारे सामान कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और दिल्ली से आते हैं. इन सारी चीजों की सप्लाई ट्रेनों के संचालन बंद होने की वजह से पूरी तरह से ठप हो चुकी है. लंबे वक्त से यह चीजें न आने की वजह से एक्वेरियम कारोबार से जुड़े व्यापारियों का हजारों रुपये का नुकसान हो चुका है.

crisis on fish aquarium business during lockdown in varanasi
सूनी पड़ी फिश एक्वेरियम की दुकान.

फिश एक्वेरियम की साफ-सफाई भी हर दो से तीन महीने के अंतराल पर की जाती है. इस व्यापार को करने वाले मेंटिनेंस का भी काम करते हैं, जिसमें बड़े-बड़े एक्वेरियम को मेंटेन करने के लिए हर दो से तीन महीने पर इनकी सफाई और देखरेख करनी होती है, लेकिन इस लॉकडाउन में सारी चीजों पर रोक लगी हुई है. साफ-सफाई न होने की वजह से फिश टैंक में ही मछलियां दम तोड़ रही हैं.

दुकानों में मछलियों को रखने के लिए लगाए गए फिश टैंक पूरी तरह से खाली पड़े हैं. मछलियों का चारा भी उपलब्ध न होने की वजह से इस शौक को पालने वाले लोग भी अब इससे तौबा कर रहे हैं. मेंटिनेंस का कारोबार भी पूरी तरह से बंद हो चुका है. अब लॉकडाउन के दौरान मछलियां पालकर घरों की खूबसूरती बढ़ाने का शौक रखने वालों के शौक पर भी लॉक लगता नजर आ रहा है.

वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से देश में लॉकडाउन लागू हुए 50 दिन ज्यादा का समय हो चुका है. हालांकि लॉकडाउन के तीसरे चरण में सरकार ने कुछ रियायतें दी हैं. बाजार में अब दुकानें भी धीरे-धीरे खुलने लगी हैं. लॉकडाउन के बीच फिश एक्वेरियम का व्यापार पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है.

देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

घरों से लेकर होटल, रेस्टोरेंट, अस्पताल और कोचिंग क्लासेस हर तरफ खूबसूरती बढ़ाने के लिए छोटे-बड़े फिश टैंक में रंग-बिरंगी मछलियों को पालने का शौक लोगों में लंबे वक्त से रहा है. वहीं वास्तुशास्त्र में भी घर में मछली पालने को शुभ माना जाता है, लेकिन बंदिशों भरे लॉकडाउन के दौर में लगी रोक के बाद फिश एक्वेरियम का व्यापार पूरी तरह से खत्म हो चुका है.

दरअसल, फिश एक्वेरियम उद्योग में रंग-बिरंगी मछलियों से लेकर एक्वेरियम के सारे सामान कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और दिल्ली से आते हैं. इन सारी चीजों की सप्लाई ट्रेनों के संचालन बंद होने की वजह से पूरी तरह से ठप हो चुकी है. लंबे वक्त से यह चीजें न आने की वजह से एक्वेरियम कारोबार से जुड़े व्यापारियों का हजारों रुपये का नुकसान हो चुका है.

crisis on fish aquarium business during lockdown in varanasi
सूनी पड़ी फिश एक्वेरियम की दुकान.

फिश एक्वेरियम की साफ-सफाई भी हर दो से तीन महीने के अंतराल पर की जाती है. इस व्यापार को करने वाले मेंटिनेंस का भी काम करते हैं, जिसमें बड़े-बड़े एक्वेरियम को मेंटेन करने के लिए हर दो से तीन महीने पर इनकी सफाई और देखरेख करनी होती है, लेकिन इस लॉकडाउन में सारी चीजों पर रोक लगी हुई है. साफ-सफाई न होने की वजह से फिश टैंक में ही मछलियां दम तोड़ रही हैं.

दुकानों में मछलियों को रखने के लिए लगाए गए फिश टैंक पूरी तरह से खाली पड़े हैं. मछलियों का चारा भी उपलब्ध न होने की वजह से इस शौक को पालने वाले लोग भी अब इससे तौबा कर रहे हैं. मेंटिनेंस का कारोबार भी पूरी तरह से बंद हो चुका है. अब लॉकडाउन के दौरान मछलियां पालकर घरों की खूबसूरती बढ़ाने का शौक रखने वालों के शौक पर भी लॉक लगता नजर आ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.