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रेप के मामले में लापरवाही, अदालत ने कैंट थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया

वाराणसी में रेप के मामले को लेकर अदालत ने कैंट थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया (Varanasi Court ordered action against Cantt police station in-charge).

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 12, 2023, 7:09 AM IST

वाराणसी: दुष्कर्म (Rape in Varanasi) जैसे गंभीर मामले में आरोपित के खिलाफ समय से कोर्ट में आरोप पत्र न भेजने पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है. बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार की अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कैंट थाना प्रभारी द्वारा जानबूझकर आरोप पत्र निर्धारित समय 90 दिन में कोर्ट में न भेजकर आरोपित को लाभ पहुंचाने के मामले पुलिस कमिश्नर वाराणसी को पत्र लिखकर कैंट थाना प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दिया.

अदालत ने कैंट थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया
वाराणसी कैंट थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया

वहीं पत्र में कहा गया है कि कैंट थाना प्रभारी ने रैसीपट्टी बड़ागांव निवासी आरोपित हिमांशु पाण्डेय के खिलाफ कैंट थाने में दर्ज आईपीसी की धारा 406, 376, 313, 323, 506 व 392 में दर्ज मुकदमे में निर्धारित समय 90 दिन के बजाय 6 दिन विलंब से यानी कुल 96 दिन बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया है. इस पर आरोपित के अधिवक्ता ने यह प्रश्न उठाते हुए इसका लाभ आरोपित को देने की मांग करते हुए जमानत अर्जी कोर्ट में दाखिल की.(Crime News UP)

अदालत ने कहा कि ऐसे में यह प्रतीत होता है कि मामले के विवेचक/थाना प्रभारी द्वारा आरोपित को लाभ पहुंचाने के आशय से ऐसा कृत्य किया गया है. ऐसे में उसके खिलाफ जांचकर आवश्यक कार्यवाही कर 15 दिवस के अंदर कोर्ट को अवगत कराने का पुलिस कमिश्नर वाराणसी को निर्देश दिया गया है. राजातालाएब थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती की ओर से पुलिस कमिश्नर वाराणसी को दिए प्रार्थना पत्र के आधार 14 दिसंबर 2022 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. (Varanasi Court ordered action against Cantt police station in-charge)

ये भी पढ़ें- Bareilly में छात्रा को ट्रेन के आगे फेंकने के आरोपी पुत्र और पिता को पुलिस ने भेजा जेल

वाराणसी: दुष्कर्म (Rape in Varanasi) जैसे गंभीर मामले में आरोपित के खिलाफ समय से कोर्ट में आरोप पत्र न भेजने पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है. बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार की अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कैंट थाना प्रभारी द्वारा जानबूझकर आरोप पत्र निर्धारित समय 90 दिन में कोर्ट में न भेजकर आरोपित को लाभ पहुंचाने के मामले पुलिस कमिश्नर वाराणसी को पत्र लिखकर कैंट थाना प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दिया.

अदालत ने कैंट थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया
वाराणसी कैंट थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया

वहीं पत्र में कहा गया है कि कैंट थाना प्रभारी ने रैसीपट्टी बड़ागांव निवासी आरोपित हिमांशु पाण्डेय के खिलाफ कैंट थाने में दर्ज आईपीसी की धारा 406, 376, 313, 323, 506 व 392 में दर्ज मुकदमे में निर्धारित समय 90 दिन के बजाय 6 दिन विलंब से यानी कुल 96 दिन बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया है. इस पर आरोपित के अधिवक्ता ने यह प्रश्न उठाते हुए इसका लाभ आरोपित को देने की मांग करते हुए जमानत अर्जी कोर्ट में दाखिल की.(Crime News UP)

अदालत ने कहा कि ऐसे में यह प्रतीत होता है कि मामले के विवेचक/थाना प्रभारी द्वारा आरोपित को लाभ पहुंचाने के आशय से ऐसा कृत्य किया गया है. ऐसे में उसके खिलाफ जांचकर आवश्यक कार्यवाही कर 15 दिवस के अंदर कोर्ट को अवगत कराने का पुलिस कमिश्नर वाराणसी को निर्देश दिया गया है. राजातालाएब थाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती की ओर से पुलिस कमिश्नर वाराणसी को दिए प्रार्थना पत्र के आधार 14 दिसंबर 2022 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. (Varanasi Court ordered action against Cantt police station in-charge)

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