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कोरोना संक्रमण : अस्पतालों की तैयारियों को परखा, उपकरणों की देखी क्रियाशीलता

वाराणसी में कोविड-19 के संभावित संक्रमण के प्रबंधन की तैयारियों को लेकर मॉकड्रिल किया गया. इश दौरान चिकित्सकों और कर्मचारियों की तैयारियों और उपकरणों की क्रियाशीलत को परखा गया.

कोरोना संक्रमण
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Published : Dec 19, 2021, 11:21 AM IST

वाराणसी: कोविड-19 के संभावित संक्रमण के प्रबंधन की तैयारियों को लेकर प्रयोगात्मक विश्लेषण (मॉकड्रिल) जनपद के छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) सहित बीएचयू मेडिकल कॉलेज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय एवं मण्डलीय चिकित्सालय कबीरचौरा में किया गया. इस क्रम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में महानिदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा लखनऊ के द्वारा नामित संयुक्त निदेशक डॉ एमपी सिंह ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरके सिंह की उपस्थिति में मॉकड्रिल का निरीक्षण किया.

चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों की तैयारियों, दवाओं एवं उपकरणों की क्रियाशीलता को परखा गया. जनपद की कोविड-19 केयर चिकित्सा इकाइयों में कोविड संक्रमण के प्रबंधन की तैयारियों व अन्य किए जाने वाले सुधारात्मक कार्यों को चिह्नित किया गया. इस मॉकड्रिल से प्रशिक्षित किए गए चिकित्साकर्मी तैयारियों के बारे में गहनता से जान सकें. इस मॉकड्रिल के दौरान अन्य बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सहयोग किया गया और मौके पर ही कमियों को दूर किया गया.

प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रसन्न कुमार ने कहा कि एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में एक डमी कोविड संक्रमित व्यक्ति को एम्बुलेंस से चिकित्सालय में लाया गया तथा उसके इलाज से संबन्धित समस्त प्रक्रियाएं पूर्ण करने में मात्र चार मिनट का समय लगा. इस दौरान समस्त सबंधित चिकित्सक एवं पैरामेडिकल कर्मियों ने अपने कार्यों को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद के छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों क्रमशः सीएचसी चोलापुर, सीएचसी अराजीलाइन, सीएचसी नरपतपुर, सीएचसी गंगापुर पिंडरा सीएचसी हाथी बाज़ार, सीएचसी मिसिरपुर पर ऑक्सीजन युक्त 30-30 बेड एवं दो-दो आईसीयू बेड तैयार किए गए हैं. इसी प्रकार दीनदयाल में पीडियाट्रिक के ऑक्सीजन युक्त 64 बेड तैयार किए गए हैं. इसमें 20 आईसीयू के बेड तैयार हैं. इसी प्रकार बीएचयू मेडिकल कॉलेज में कोविड के ऑक्सीजन युक्त पीडियाट्रिक व आईसीयू बेड तैयार किए गए हैं.

डॉ. चौधरी ने बताया कि सीएचसी चोलापुर में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसएस कनौजिया, सीएचसी अराजीलाइन में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके मौर्य, सीएचसी नरपतपुर में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश सिंह एवं सीएचसी गंगापुर में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके गुप्ता, सीएचसी मिसिरपुर एवं हाथी बाजार में संबन्धित अधीक्षक ने मॉकड्रिल का निरीक्षण किया. बीएचयू मेडिकल कॉलेज में एसएमओ डबल्यूएचओ डॉ. जयशीलन की देख-रेख में मॉकड्रिल सम्पन्न हुआ.

यह भी पढ़ें: बढ़ रहा वायरस का प्रकोप : मिले 33 नए मरीज, यूपी में अबतक 18.5 करोड़ को लगी डोज

डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि जनपद में कुल 23 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं, जोकि मॉकड्रिल के दौरान क्रियाशील रहे. मॉकड्रिल के दौरान एक डमी कोविड संक्रमित बच्चे को एंबुलेंस से उसके अभिभावक के जरिए डॉक्टर के पास लाया गया. कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार चिकित्सा कर्मियों द्वारा उस बच्चे की जांच कर आईसीयू बेड तक ले जाया गया. इस दौरान चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मियों द्वारा इलाज के समस्त मानकों का अनुपालन किया गया. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मॉकड्रिल के सफलतापूर्वक संचालन के लिए सभी चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों की प्रसंशा किया.

बीएचयू में जीका वायरस की टेस्टिंग

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की वायरल रिसर्च एवं डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला में जीका वायरस की टेस्टिंग की जा रही है. गत कुछ हफ्तों में उत्तर प्रदेश में जीका मामले सामने आने के मद्देनजर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निर्देशानुसार ये टेस्टिंग शुरू की गई है. इसके तहत रक्त के जो भी नमूने डेंगू एवं चिकनगुनिया के सन्देह में वायरल रिसर्च एवं डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला में भेजे जाएं और इन दोनों विषाणुओं के लिए निगेटिव मिलें उनकी जीका के लिए भी जांच की जाएगी. वीआरडीएल के प्रभारी प्रो. गोपाल नाथ ने बताया कि अभी तक के पुराने संरक्षित नमूनों में जीका नहीं पाया गया है. जांच जारी है.

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वाराणसी: कोविड-19 के संभावित संक्रमण के प्रबंधन की तैयारियों को लेकर प्रयोगात्मक विश्लेषण (मॉकड्रिल) जनपद के छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) सहित बीएचयू मेडिकल कॉलेज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय एवं मण्डलीय चिकित्सालय कबीरचौरा में किया गया. इस क्रम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में महानिदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा लखनऊ के द्वारा नामित संयुक्त निदेशक डॉ एमपी सिंह ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरके सिंह की उपस्थिति में मॉकड्रिल का निरीक्षण किया.

चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों की तैयारियों, दवाओं एवं उपकरणों की क्रियाशीलता को परखा गया. जनपद की कोविड-19 केयर चिकित्सा इकाइयों में कोविड संक्रमण के प्रबंधन की तैयारियों व अन्य किए जाने वाले सुधारात्मक कार्यों को चिह्नित किया गया. इस मॉकड्रिल से प्रशिक्षित किए गए चिकित्साकर्मी तैयारियों के बारे में गहनता से जान सकें. इस मॉकड्रिल के दौरान अन्य बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सहयोग किया गया और मौके पर ही कमियों को दूर किया गया.

प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रसन्न कुमार ने कहा कि एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में एक डमी कोविड संक्रमित व्यक्ति को एम्बुलेंस से चिकित्सालय में लाया गया तथा उसके इलाज से संबन्धित समस्त प्रक्रियाएं पूर्ण करने में मात्र चार मिनट का समय लगा. इस दौरान समस्त सबंधित चिकित्सक एवं पैरामेडिकल कर्मियों ने अपने कार्यों को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद के छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों क्रमशः सीएचसी चोलापुर, सीएचसी अराजीलाइन, सीएचसी नरपतपुर, सीएचसी गंगापुर पिंडरा सीएचसी हाथी बाज़ार, सीएचसी मिसिरपुर पर ऑक्सीजन युक्त 30-30 बेड एवं दो-दो आईसीयू बेड तैयार किए गए हैं. इसी प्रकार दीनदयाल में पीडियाट्रिक के ऑक्सीजन युक्त 64 बेड तैयार किए गए हैं. इसमें 20 आईसीयू के बेड तैयार हैं. इसी प्रकार बीएचयू मेडिकल कॉलेज में कोविड के ऑक्सीजन युक्त पीडियाट्रिक व आईसीयू बेड तैयार किए गए हैं.

डॉ. चौधरी ने बताया कि सीएचसी चोलापुर में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसएस कनौजिया, सीएचसी अराजीलाइन में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके मौर्य, सीएचसी नरपतपुर में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश सिंह एवं सीएचसी गंगापुर में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके गुप्ता, सीएचसी मिसिरपुर एवं हाथी बाजार में संबन्धित अधीक्षक ने मॉकड्रिल का निरीक्षण किया. बीएचयू मेडिकल कॉलेज में एसएमओ डबल्यूएचओ डॉ. जयशीलन की देख-रेख में मॉकड्रिल सम्पन्न हुआ.

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डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि जनपद में कुल 23 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं, जोकि मॉकड्रिल के दौरान क्रियाशील रहे. मॉकड्रिल के दौरान एक डमी कोविड संक्रमित बच्चे को एंबुलेंस से उसके अभिभावक के जरिए डॉक्टर के पास लाया गया. कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार चिकित्सा कर्मियों द्वारा उस बच्चे की जांच कर आईसीयू बेड तक ले जाया गया. इस दौरान चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मियों द्वारा इलाज के समस्त मानकों का अनुपालन किया गया. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मॉकड्रिल के सफलतापूर्वक संचालन के लिए सभी चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों की प्रसंशा किया.

बीएचयू में जीका वायरस की टेस्टिंग

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की वायरल रिसर्च एवं डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला में जीका वायरस की टेस्टिंग की जा रही है. गत कुछ हफ्तों में उत्तर प्रदेश में जीका मामले सामने आने के मद्देनजर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निर्देशानुसार ये टेस्टिंग शुरू की गई है. इसके तहत रक्त के जो भी नमूने डेंगू एवं चिकनगुनिया के सन्देह में वायरल रिसर्च एवं डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला में भेजे जाएं और इन दोनों विषाणुओं के लिए निगेटिव मिलें उनकी जीका के लिए भी जांच की जाएगी. वीआरडीएल के प्रभारी प्रो. गोपाल नाथ ने बताया कि अभी तक के पुराने संरक्षित नमूनों में जीका नहीं पाया गया है. जांच जारी है.

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