वाराणसी: कानपुर जिले के संवासिनी गृह में 57 संवासिनियों के कोरोना पॉजिटिव आने और सात के गर्भवती होने की जानकारी सामने आने के बाद से प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है. पहले से ही कई बार विवादों में रह चुके संवासिनी गृहों में अब संवासिनियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के राजकीय पाश्चात्य भर्ती महिला देखरेख संगठन की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत ने जांच-पड़ताल की.
जैतपुरा थाना क्षेत्र में घनी आबादी के बीच में राजकीय पाश्चात्य भर्ती महिला देखरेख संगठन है. कर्मचारियों ने बताया कि संगठन में संवासिनियों को रखने की क्षमता 100 है, लेकिन मौजूदा समय में यहां 52 संवासिनियों को रखा गया है.
पास्को एक्ट से लेकर अलग-अलग जिलों में मिली महिलाओं व किशोरियों को काफी लंबे समय से यहां पर सुरक्षित रखने की कवायद चली आ रही है. कर्मचारियों ने बताया कि लगभग छह महीने पहले यहां पर 75 संवासिनी मौजूद थीं, जिनमें से 23 संवासिनियों की शादी प्रशासनिक आदेश पर संपन्न कराई गई. वह सभी वर्तमान में अपनी खुशहाल जिंदगी भी जी रही हैं.
इतना ही नहीं संवासिनी गृह के अंदर 'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना' के तहत संचालित होने वाले रोजगार के दो ट्रेनिंग सेंटर भी हैं, जिसमें महिलाओं व किशोरियों को 'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना' के तहत अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए सिलाई, बुनाई और कढ़ाई की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. यहां पर इन महिलाओं द्वारा किए गए प्रयासों का नतीजा भी रहा है कि कई बुटीक सिलाई और बुनाई करने वाली महिलाओं को ही ऑर्डर देकर अपना माल भी तैयार करवाती हैं. इतना ही नहीं यहां पर संख्या बल कम होने की वजह से एक कमरे में एक या ज्यादा से ज्यादा संवासिनियों को रखा गया है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए बार-बार हाथ धोने की प्रक्रिया भी अपनाई जा रही है.
जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां मुकम्मल तौर पर की गई हैं. इस महामारी के शुरू होने से पहले ही यहां पर तमाम कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. किसी भी तरह की शिकायत का निस्तारण तुरंत हो इसके लिए यहां की अधीक्षिका को भी निर्देश दिए गए हैं. फिलहाल किसी तरह की कोई समस्या अभी तक तो सामने नहीं आई है.
राजकीय पाश्चात्य भर्ती महिला देखरेख संगठन में सभी चीजों की निगरानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा रही है. रोज रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने के आदेश भी हैं. एक वाट्सएप ग्रुप के जरिये सभी एक्टिविटी की डेली रिपोर्ट शासन तक पहुंचाने का काम भी यहां किया जा रहा है.
-प्रवीण कुमार त्रिपाठी, जिला प्रोबेशन अधिकारी