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छठ की छटा: पहले अर्घ्य के लिए काशी के घाटों पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब

देश भर में धूमधाम से छठ पर्व मनाया जा रहा है. लोक गीतों की धुन पर डाला छठ का अद्भुत रूप काशी के घाटों से लेकर हर तरफ देखने को मिल रहा है.

काशी के घाटों पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब
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Published : Nov 2, 2019, 5:29 PM IST

वाराणसी: लोक आस्था का महापर्व डाला छठ आज पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. धर्मनगरी काशी में भी बड़ी संख्या में व्रती महिलाओं की भीड़ गंगा घाटों से लेकर डीरेका स्थित सूर्य सरोवर पर उमड़ गई है. भगवान भास्कर के अस्त होने के इंतजार के साथ महिलाएं भी अब पानी में भी उतर चुकी हैं और पानी में खड़े होकर अर्घ्य देने का इंतजार कर रही हैं. इस पर्व पर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है.

काशी के घाटों पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब.

फिलहाल लोक गीतों की धुन पर डाला छठ का अद्भुत रूप काशी के घाटों से लेकर हर तरफ देखने को मिल रहा है. सिर पर डलिया लेकर हाथों में गन्ना लिए पुरुष घर की महिलाओं के साथ गंगा तट पर पहुंचने लगे हैं. और महिलाएं वेदियों के आगे दीपक जलाकर घाटों की सीढ़ियों पर सूर्य देवता को चढ़ाए जाने वाले पांच तरह के फल रखकर भगवान सूर्य के अस्त होने का इंतजार कर रही हैं.

ये भी पढ़ें- छठ पूजा: जल में अर्घ्य देने से धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मिलता है लाभ, जानिए कैसे

वहीं भारी भीड़ को मद्देनजर रखते हुए शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. घाटों के तरफ जाने वाले रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. ज्योतिष दृष्टि से अगर बात की जाए तो आज शाम 5:35 पर सूर्य अस्त का समय है, जिससे पहले घाटों पर आस्था का जनसैलाब देखने को मिल रहा है.

वाराणसी: लोक आस्था का महापर्व डाला छठ आज पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. धर्मनगरी काशी में भी बड़ी संख्या में व्रती महिलाओं की भीड़ गंगा घाटों से लेकर डीरेका स्थित सूर्य सरोवर पर उमड़ गई है. भगवान भास्कर के अस्त होने के इंतजार के साथ महिलाएं भी अब पानी में भी उतर चुकी हैं और पानी में खड़े होकर अर्घ्य देने का इंतजार कर रही हैं. इस पर्व पर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है.

काशी के घाटों पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब.

फिलहाल लोक गीतों की धुन पर डाला छठ का अद्भुत रूप काशी के घाटों से लेकर हर तरफ देखने को मिल रहा है. सिर पर डलिया लेकर हाथों में गन्ना लिए पुरुष घर की महिलाओं के साथ गंगा तट पर पहुंचने लगे हैं. और महिलाएं वेदियों के आगे दीपक जलाकर घाटों की सीढ़ियों पर सूर्य देवता को चढ़ाए जाने वाले पांच तरह के फल रखकर भगवान सूर्य के अस्त होने का इंतजार कर रही हैं.

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वहीं भारी भीड़ को मद्देनजर रखते हुए शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. घाटों के तरफ जाने वाले रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया. ज्योतिष दृष्टि से अगर बात की जाए तो आज शाम 5:35 पर सूर्य अस्त का समय है, जिससे पहले घाटों पर आस्था का जनसैलाब देखने को मिल रहा है.

Intro:वाराणसी: लोक आस्था का महापर्व डाला छठ आज पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है धर्मनगरी वाराणसी में भी बड़ी संख्या में व्रती महिलाओं की भीड़ गंगा घाटों से लेकर डीरेका स्थित सूर्य सरोवर पर उमड़ गई है भगवान भास्कर के अस्त होने के इंतजार के साथ प्रति महिलाओं की अब पानी में भी उतर चुकी है और पानी में खड़े होकर अर्घ देने का इंतजार कर रही हैं फिलहाल आज पहले अलग को लेकर पूरे देश में इस पर्व पर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है आज पहले हल्की के बाद कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस कठिन व्रत को पूरा किया जाएगा.


Body:वीओ-01 फिलहाल लोक गीतों की धुन पर डाला छठ का अद्भुत रूप काशी के घाटों से लेकर हर तरफ देखने को मिल रहा है सर पर डलिया लेकर हाथों में गन्ना लिए पुरुष घर की महिलाओं के साथ गंगा तट पर पहुंचने लगे हैं और महिलाएं विधियों के आगे दीपक जलाकर घाटों की सीढ़ियों पर सूर्य देवता को चढ़ाए जाने वाले पांच तरह के फल रूप में सरिया कर भगवान सूर्य के अस्त होने का इंतजार कर रही हैं.


Conclusion:वीओ-02 वही भारी भीड़ को मद्देनजर रखते हुए शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं घाटों की तरफ जाने वाले रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया उसे पैदल ही नाश्ता बजाना हो पा रहा है ज्योतिषीय दृष्टि से अगर बात की जाए तो आज शाम 5:35 पर सूर्य अस्त का समय है जिससे पहले घाटों पर आस्था का जनसैलाब देखने को मिल रहा है.
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