वाराणसी: वैश्विक महामारी के दौर में काशी हिंदू विश्वविद्यालय का सर सुंदरलाल चिकित्सालय कोविड वार्ड चर्चा का विषय बना हुआ है. बुधवार को बीएचयू प्रशासन की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया. यहां सीएमओ डॉक्टर जंग बहादुर सिंह के डेड बॉडी के स्थान पर दूसरे का डेड बॉडी दे दिया. वहीं परिवारी जनों ने भी दूसरे की डेड बॉडी का ही अंतिम संस्कार कर दिया. यह खबर पता लगते ही पूरे शहर में हड़कंप मच गया.
बीएचयू में लापरवाही का नहीं है नया मामला
पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले बीएचयू अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में लापरवाही नया नया मामला नहीं है. इससे पहले भी एक व्यक्ति का ऑडियो वायरल हुआ था, जिसने वहां की लापरवाही की बात कही थी. इसके बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कई घंटों तक कोविड-19 मरीज बाहर इंतजार करना पड़ा. उसके बाद सीएम योगी जब कोविड-19 बैठक कर रहे थे तो उस समय एक महिला ने अस्पताल में भर्ती उसके बेटे की तबीयत खराब और अस्पताल की लापरवाही की बात कही थी. कोविड-19 मरीज और परिजनों ने कोविड-19 वार्ड तोड़फोड़ किया था और कुछ दिन पहले लावारिस अवस्था में ट्रामा सेंटर के बाद पीपीटी की मिला था. अब बीएचयू मर्चरी का यह नया लापरवाही उजागर हुआ है.
अब तक किसी पर नहीं हुई कार्रवाई
स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही लगातार सामने आ रही है, लेकिन इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय प्रशासन किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. उसके साथ ही जिला प्रशासन भी लगातार इस लापरवाही में बीएचयू का साथ देता दिख रहा है. उनके तरफ से भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही है.
क्या बोले जिम्मेदार ?
बीएचयू अस्पताल की इस लापरवाही के मामले में वाराणसी जिलाधिकारी ने अपने ऑफिशियल वाट्सएप ग्रुप पर यह जानकारी दी कि सर सुंदरलाल चिकित्सालय बीएचयू में आज अपर मुख्य अधिकारी डॉ. जंग बहादुर की मौत हो गई. बीएचयू के मर्चरी स्टाफ द्वारा जंग बहादुर के डेट पेपर के साथ उनकी रैपर पैक्ड डेड बॉडी के स्थान पर एक अन्य मृतक व्यक्ति की डेड बॉडी दे दी गई थी. कोरोनावायरस प्रोटोकॉल के अनुसार रैपर पैक्ड डेड बॉडी दिए जाने का ही प्रावधान है. हरिश्चंद्र घाट पर डेड बॉडी के लकड़ी की चिता पर दाह संस्कार के समय डेड बॉडी के परिजन पहुंचे और बताया कि और डेड बॉडी उनके परिवार की है. जंग बहादुर की डेड बॉडी अभी बीएचयू मोर्चरी में है.
इसके बाद डॉक्टर जंग बहादुर के परिजनों ने बीएचयू मर्चरी पहुंचकर उनकी डेट बॉडी प्राप्त की. इसके बाद विद्युत शवदाह गृह में ले जाकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं अन्य स्टाफ की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया. दूसरे व्यक्ति के परिजनों ने घाट पर बिना किसी विरोध के जलती हुई चिता को स्वीकार किया था.