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वाराणसी: जन-जन को मिलेगा मुफ्त में संस्कृत का ऑनलाइन प्रशिक्षण - Online Sanskrit Training Center Varanasi

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शासन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के लिए 1 करोड़ से ज्यादा का अनुदान स्वीकृत किया है. ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र से प्रतिदिन 20 कक्षाएं संचालित होंगी.

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मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण
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Published : Jul 16, 2022, 2:32 PM IST

वाराणसी: संस्कृत शिक्षण को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में ऑनलाइन संस्कृत शिक्षण एवं प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है. इसके लिए शासन की ओर से विश्वविद्यालय का बजट भी पास हो गया है. इस सत्र में जुलाई से प्रवेश लेने की प्रक्रिया आरंभ होगी. प्रथम वर्ष में लगभग 2000 से ज्यादा विद्यार्थीयों के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा हैं.

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि शासन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के लिए 1 करोड़ 16 लाख 50 हजार रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया. 3 अगस्त को इसके कोर्स के पाठ्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करनी है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने संपूर्ण पाठ्यक्रम के लिए समिति का गठन किया गया है. इस सम्बद्ध विषय का पाठ्यक्रम ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण, शास्त्र प्रशिक्षण त्रैमासिक, षडमासिक एवं एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स का पाठ्यक्रम 30 जुलाई 2022 तक तैयार कर विभागीय एवं संकाय अध्ययन मंडल की बैठक कर 3 अगस्त तक विश्वविद्यालय प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे.

इसे भी पढ़े-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के विदेशी छात्रों में कोरोना का डर, खाली पड़े इंटरनेशनल छात्रावास के कमरे

उन्होंने बताया कि ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र से सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नियमित शिक्षकों के साथ अन्य राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों, अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों एवं स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के नियमित शिक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस संस्था द्वारा ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से आम जनमानस में संस्कृत सम्भाषण प्रशिक्षण, समस्त शास्त्र प्रशिक्षण एवं योग, वास्तु शास्त्र, ज्योतिष, कर्मकाण्ड, तीर्थ पुरोहित अर्थक विषयों में ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा प्रदान किए जाएंगे. प्रथम वर्ष 2022-23 में लगभग 2000 छात्रों, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में लगभग 3,000 छात्रों एवं चतुर्थ एवं पांचवें वर्ष 2025-2026 से 2026-27 तक प्रतिवर्ष लगभग 10,000 से 60,000 छात्रों को ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है.

कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में स्थापित किए जाने वाले ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र से प्रतिदिन 20 कक्षाएं संचालित होंगी. यहां प्रति व्याख्यान प्रति शिक्षक को 500 रुपये का मानदेय दिए जाने पर 180 दिन के लिए 54 लाख वार्षिक व्ययभार अनुमानित होगा. साथ ही लैब स्थापना के लिए 47 लाख, लैब संचालन से संबंधित सामग्री के लिए 5 लाख, कम्प्यूटर ज्ञाता को मानदेय के लिए 3 लाख और 2 यन्त्र सहायक के मानदेय के लिए 6 लाख वार्षिक व्ययभार अनुमानित है. इसके अलावा अन्य खर्चों को लेकर 116.50 लाख का व्ययभार अनुमानित है. इसी को ध्यान में रखकर सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण के उच्च अध्ययन केंद्र की स्थापना के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 116.50 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है.

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वाराणसी: संस्कृत शिक्षण को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में ऑनलाइन संस्कृत शिक्षण एवं प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है. इसके लिए शासन की ओर से विश्वविद्यालय का बजट भी पास हो गया है. इस सत्र में जुलाई से प्रवेश लेने की प्रक्रिया आरंभ होगी. प्रथम वर्ष में लगभग 2000 से ज्यादा विद्यार्थीयों के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा हैं.

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि शासन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के लिए 1 करोड़ 16 लाख 50 हजार रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया. 3 अगस्त को इसके कोर्स के पाठ्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करनी है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने संपूर्ण पाठ्यक्रम के लिए समिति का गठन किया गया है. इस सम्बद्ध विषय का पाठ्यक्रम ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण, शास्त्र प्रशिक्षण त्रैमासिक, षडमासिक एवं एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स का पाठ्यक्रम 30 जुलाई 2022 तक तैयार कर विभागीय एवं संकाय अध्ययन मंडल की बैठक कर 3 अगस्त तक विश्वविद्यालय प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे.

इसे भी पढ़े-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के विदेशी छात्रों में कोरोना का डर, खाली पड़े इंटरनेशनल छात्रावास के कमरे

उन्होंने बताया कि ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र से सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नियमित शिक्षकों के साथ अन्य राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों, अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों एवं स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के नियमित शिक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस संस्था द्वारा ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से आम जनमानस में संस्कृत सम्भाषण प्रशिक्षण, समस्त शास्त्र प्रशिक्षण एवं योग, वास्तु शास्त्र, ज्योतिष, कर्मकाण्ड, तीर्थ पुरोहित अर्थक विषयों में ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा प्रदान किए जाएंगे. प्रथम वर्ष 2022-23 में लगभग 2000 छात्रों, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में लगभग 3,000 छात्रों एवं चतुर्थ एवं पांचवें वर्ष 2025-2026 से 2026-27 तक प्रतिवर्ष लगभग 10,000 से 60,000 छात्रों को ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है.

कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में स्थापित किए जाने वाले ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र से प्रतिदिन 20 कक्षाएं संचालित होंगी. यहां प्रति व्याख्यान प्रति शिक्षक को 500 रुपये का मानदेय दिए जाने पर 180 दिन के लिए 54 लाख वार्षिक व्ययभार अनुमानित होगा. साथ ही लैब स्थापना के लिए 47 लाख, लैब संचालन से संबंधित सामग्री के लिए 5 लाख, कम्प्यूटर ज्ञाता को मानदेय के लिए 3 लाख और 2 यन्त्र सहायक के मानदेय के लिए 6 लाख वार्षिक व्ययभार अनुमानित है. इसके अलावा अन्य खर्चों को लेकर 116.50 लाख का व्ययभार अनुमानित है. इसी को ध्यान में रखकर सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मुफ्त ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण के उच्च अध्ययन केंद्र की स्थापना के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 116.50 लाख रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है.

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