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छात्रा से छेड़छाड़ मामले में BHU और IIT-BHU के बीच मंथन, इन नौ बिंदुओं पर बनी सहमति, पढ़िए डिटेल

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 5, 2023, 10:21 PM IST

बीएचयू में छात्रा से छेड़छाड़ (BHU molestation case) मामले में BHU और IIT-BHU प्रशासन के बीच बैठक हुई. कई बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया. कई पर सहमति भी बन गई.

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वाराणसी : IIT-BHU में छात्रा के साथ छेड़खानी और अश्लीलता के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. रविवार को इसी मुद्दे पर BHU और IIT-BHU की संयुक्त बैठक हुई. इस दौरान कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन और IIT-BHU के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन भी मौजूद थे. इस दौरान दोनों संस्थानों में सड़कों पर लाइटिंग, सुरक्षाकर्मी, सीसीटीवी की व्यवस्था, महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ आदि पर सहमति बनी. यह बात भी हुई कि चारदीवारी से IIT-BHU की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान संभव नहीं है.

दो गुटों में बंट गए छात्र : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आए दिन छात्राओं और महिला प्रोफेसर के साथ हुई छेड़खानी के बाद बीते बुधवार की रात हुई घटना ने तूल पकड़ लिया है. छात्र सड़कों पर आ गए. जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री और पीएमओ को इस मामले में दखल देना पड़ा. वजह ये भी है कि यह पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है. इसी बीच बीएचयू और आईआईटी के बीच दीवार बनाने की मांग उठ गई. अब इसी मामले को लेकर छात्रों के दो गुट हो गए हैं. एक विरोध में हैं तो एक दीवार बनाने के समर्थन में.

इन मुद्दों पर बनी आपसी सहमति : IIT-BHU और BHU के प्रशासनिक अमलों ने मिलकर एक बैठक की. बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन मौजूद थे. बैठक में कई मुद्दों पर आपस में सहमति बनी है. आइए जानते हैं वो कौन से मुद्दे हैं.

1- परिसर के सभी सातों द्वारों पर रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कड़ी निगरानी व सुरक्षा की जाएगी, जिससे असामाजिक तत्वों का बीएचयू परिसर में प्रवेश रोका जा सके.
2- IIT-BHU और BHU दोनों ही संस्थानों में महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ हैं. दोनों संस्थान इन प्रकोष्ठों को और सशक्त करने एवं इनमें विद्यार्थियों की अधिक प्रतिभागिता को प्रोत्साहित करना सुनिश्चित करेंगे. दोनों संस्थान 7 दिन के भीतर अपने यहां (GSCASH provisions) जीएसकैश प्रावधानों की समीक्षा करेंगे. महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के संबंध में आवश्यकतानुसार सुधार के लिए सुझाव देंगे.
3- दोनों संस्थानों के संकाय सदस्यों की एक संयुक्त समिति गठित कर दी गई है. यह समिति आपस में समन्वय कर बीएचयू परिसर में विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देगी. यह समिति दोनों संस्थानों के प्रमुखों को सीधे रिपोर्ट करेगी.
4- चिकित्सा विज्ञान संस्थान के ऐनाटॉमी विभाग की प्रो. रोयना सिंह समिति की अध्यक्ष होंगी. IIT-BHU स्थित केमिकल इंजीनियरिंग के प्रो. राजेश कुमार उपाध्याय इस समिति के सह अध्यक्ष होंगे. IMS-BHU से प्रो. ललित मोहन अग्रवाल एवं IIT-BHU के प्रो. आरके सिंह (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) समिति के सदस्य बनाए गए हैं.
5- दोनों संस्थानों के प्रशासन बीएचयू परिसर में सीसीटीवी निगरानी में तेजी लाएंगे. इस संबंध में वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड से समुचित सहयोग लिया जा रहा है, जिससे विश्वविद्यालय में आधुनिक सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था स्थापित की जा सके. वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड इस संबंध में परिसर का सर्वे भी कर चुका है.
6- परिसर के मार्गों पर लाइटिंग की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. यह कार्य प्रगति पर है. अगले दो दिन के भीतर परिसर स्थित मार्गों पर भरपूर लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी.
7- परिसर स्थित सुरक्षा बैरिकेड्स और चेक पोस्ट को और मजबूत किया जा रहा है. साथ ही साथ यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि 24 घंटे सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन हो.
8- चारदीवारी से IIT-BHU की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान संभव नहीं है. उन्होंने आईआईटी परिसर में दीवार निर्माण की चुनौतियों पर भी चर्चा की. सदस्यों ने एकमत से सहमति जताई कि वर्तमान में अनेक संकाय, इकाइयां व सेवाएं जैसे चिकित्सालय, सीवेज व्यवस्था, बिजली व जल आपूर्ति, पोस्ट ऑफिस, परिसर की सड़कें आदि साझा रूप से प्रयोग में लाई जाती हैं. ऐसे में परिसर को विभाजित करना एवं दीवार से किसी एक भाग को अलग करना तर्कसंगत नहीं है.
9- दोनों संस्थानों ने पूरे परिसर में विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व आवश्यकतानुसार कदम उठाने हेतु अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. सभी विद्यार्थियों एवं संपूर्ण बीएचयू समुदाय से अपील की गई कि वे विद्यार्थियों की सुरक्षा व शांत परिसर हेतु उठाए जा रहे कदमों में अपना सहयोग प्रदान करें व सभी नियमों व प्रोटॉकॉल का पालन करें.

यह भी पढ़ें : BHU IIT छेड़छाड़, तो क्या अब बीएचयू में कहीं भी नहीं हो सकेगा बाहरियों का प्रवेश?, जानिए क्या है तैयारी

वाराणसी : IIT-BHU में छात्रा के साथ छेड़खानी और अश्लीलता के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. रविवार को इसी मुद्दे पर BHU और IIT-BHU की संयुक्त बैठक हुई. इस दौरान कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन और IIT-BHU के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन भी मौजूद थे. इस दौरान दोनों संस्थानों में सड़कों पर लाइटिंग, सुरक्षाकर्मी, सीसीटीवी की व्यवस्था, महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ आदि पर सहमति बनी. यह बात भी हुई कि चारदीवारी से IIT-BHU की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान संभव नहीं है.

दो गुटों में बंट गए छात्र : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आए दिन छात्राओं और महिला प्रोफेसर के साथ हुई छेड़खानी के बाद बीते बुधवार की रात हुई घटना ने तूल पकड़ लिया है. छात्र सड़कों पर आ गए. जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री और पीएमओ को इस मामले में दखल देना पड़ा. वजह ये भी है कि यह पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है. इसी बीच बीएचयू और आईआईटी के बीच दीवार बनाने की मांग उठ गई. अब इसी मामले को लेकर छात्रों के दो गुट हो गए हैं. एक विरोध में हैं तो एक दीवार बनाने के समर्थन में.

इन मुद्दों पर बनी आपसी सहमति : IIT-BHU और BHU के प्रशासनिक अमलों ने मिलकर एक बैठक की. बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन मौजूद थे. बैठक में कई मुद्दों पर आपस में सहमति बनी है. आइए जानते हैं वो कौन से मुद्दे हैं.

1- परिसर के सभी सातों द्वारों पर रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कड़ी निगरानी व सुरक्षा की जाएगी, जिससे असामाजिक तत्वों का बीएचयू परिसर में प्रवेश रोका जा सके.
2- IIT-BHU और BHU दोनों ही संस्थानों में महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ हैं. दोनों संस्थान इन प्रकोष्ठों को और सशक्त करने एवं इनमें विद्यार्थियों की अधिक प्रतिभागिता को प्रोत्साहित करना सुनिश्चित करेंगे. दोनों संस्थान 7 दिन के भीतर अपने यहां (GSCASH provisions) जीएसकैश प्रावधानों की समीक्षा करेंगे. महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के संबंध में आवश्यकतानुसार सुधार के लिए सुझाव देंगे.
3- दोनों संस्थानों के संकाय सदस्यों की एक संयुक्त समिति गठित कर दी गई है. यह समिति आपस में समन्वय कर बीएचयू परिसर में विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देगी. यह समिति दोनों संस्थानों के प्रमुखों को सीधे रिपोर्ट करेगी.
4- चिकित्सा विज्ञान संस्थान के ऐनाटॉमी विभाग की प्रो. रोयना सिंह समिति की अध्यक्ष होंगी. IIT-BHU स्थित केमिकल इंजीनियरिंग के प्रो. राजेश कुमार उपाध्याय इस समिति के सह अध्यक्ष होंगे. IMS-BHU से प्रो. ललित मोहन अग्रवाल एवं IIT-BHU के प्रो. आरके सिंह (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) समिति के सदस्य बनाए गए हैं.
5- दोनों संस्थानों के प्रशासन बीएचयू परिसर में सीसीटीवी निगरानी में तेजी लाएंगे. इस संबंध में वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड से समुचित सहयोग लिया जा रहा है, जिससे विश्वविद्यालय में आधुनिक सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था स्थापित की जा सके. वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड इस संबंध में परिसर का सर्वे भी कर चुका है.
6- परिसर के मार्गों पर लाइटिंग की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. यह कार्य प्रगति पर है. अगले दो दिन के भीतर परिसर स्थित मार्गों पर भरपूर लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी.
7- परिसर स्थित सुरक्षा बैरिकेड्स और चेक पोस्ट को और मजबूत किया जा रहा है. साथ ही साथ यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि 24 घंटे सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन हो.
8- चारदीवारी से IIT-BHU की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान संभव नहीं है. उन्होंने आईआईटी परिसर में दीवार निर्माण की चुनौतियों पर भी चर्चा की. सदस्यों ने एकमत से सहमति जताई कि वर्तमान में अनेक संकाय, इकाइयां व सेवाएं जैसे चिकित्सालय, सीवेज व्यवस्था, बिजली व जल आपूर्ति, पोस्ट ऑफिस, परिसर की सड़कें आदि साझा रूप से प्रयोग में लाई जाती हैं. ऐसे में परिसर को विभाजित करना एवं दीवार से किसी एक भाग को अलग करना तर्कसंगत नहीं है.
9- दोनों संस्थानों ने पूरे परिसर में विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व आवश्यकतानुसार कदम उठाने हेतु अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. सभी विद्यार्थियों एवं संपूर्ण बीएचयू समुदाय से अपील की गई कि वे विद्यार्थियों की सुरक्षा व शांत परिसर हेतु उठाए जा रहे कदमों में अपना सहयोग प्रदान करें व सभी नियमों व प्रोटॉकॉल का पालन करें.

यह भी पढ़ें : BHU IIT छेड़छाड़, तो क्या अब बीएचयू में कहीं भी नहीं हो सकेगा बाहरियों का प्रवेश?, जानिए क्या है तैयारी

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