वाराणसी: भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा की दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक रोहनिया स्थित भाजपा क्षेत्रीय कार्यालय में शनिवार को हुई. इस कार्यसमिति की बैठक में कुल नौ सत्र होने हैं. पहले दिन पांच और दूसरे दिन चार सत्र होंगे. प्रदेश कार्यसमिति के प्रथम दिन सत्र का शुभारम्भ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर पं दीनदयाल उपाध्याय एवं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया.
बैठक के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने केंद्र सरकार द्वारा जनजातिय वर्ग के उत्थान के लिए किए गये कार्यों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला. कहा कि आजादी के बाद जनजातियों के लिए अनेक नीतियां बनाई गई, लेकिन उसपर अमल नहीं किया गया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में प्रथम बार अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए पृथक मंत्रालय बनाया गया था. वर्षों बाद बीजेपी सरकार ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार करते हुए 'सबका साथ सबका विकास" के मंत्र को चरितार्थ करते हुए सुदूर अंचलों में निवास करने वाले बनवासी, गिरिवासी, आदिवासी समाज को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया है.
वर्तमान केन्द्र सरकार में प्रतिनिधित्व देकर प्रधानमंत्री मोदी ने यह बताया है कि उनके हृदय में जनजाति बंधुओं के लिए कितना प्रेम व मस्तिष्क में कितना चिंतन है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को जनजातीय गौरव दिवस के रुप में मनाने का निश्चय कर समस्त जनजाति समाज का गौरव बढ़ाया है. शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा जनजाति छात्रों को छात्रवृत्ति के अलावा, अपग्रेडेशन, व्यवसायिक प्रशिक्षण आदि का लाभ जनजाति छात्रों को मिल रहा है. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आश्रम पद्धति विद्यालयों की स्थापना के लिए राज्यों को विशेष आर्थिक अनुदान प्रदान किया जा रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बजट में केंद्र सरकार ने जनजातीय छात्रों के लिए 740 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों में 38800 शिक्षकों की भर्ती का निर्णय लिया है. जनजाति अधिकता वाले सुदुर ग्रामीण अंचलों को विकसित कर उन्हें सड़कों व अन्य मार्गों से जोड़ने का कार्य भी केंद्र सरकार कर रही है. असुरक्षित जनजाति समूह (PVTG) अथवा विशेष रुप से कमजोर जनजाति समुदाय, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में विशेष योजनाएं बनाकर द्रुत गति से विकास कार्य हो रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पेयजल की व्यवस्था सुचारू करने के साथ ही कृषि बागवानी को बढ़ावा देकर उन्हें सृदृढ़ करने का कार्य केंद्र सरकार कर रही है.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार निरंतर अनुसूचित जनजाति वर्ग के उत्थान का कार्य कर रही है, कहा कि चार जिलों में निवासरत गोंड समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया गया. केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार जनजातियों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए तत्पर है. प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने जनजातीय मोर्चे का विस्तार बूथ स्तर तक किस प्रकार हो, इसकी चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जनजातियों के विकास के लिए वर्ष 2003 में अनुसूचित जनजाति मोर्चा का गठन किया.
जिसके फलस्वरूप जनजाति वर्ग की सामाजिक एवं राजनैतिक भागी दारी बढ़ी. कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यकाल में दलित, वंचित , पिछड़ों एवं विशेषकर जनजाति वर्ग में आत्मविश्वास बढ़ा है. उत्तर प्रदेश में आज 55 से अधिक जिलों में लोग भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा से जुड़े हैं. जिसमें से 45 जिलों में जनजाति मोर्चा का गठन हो चुका है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति मोर्चा घर घर जाकर लोगों से सम्पर्क कर संवाद स्थापित करें, उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाए.संगठन की सबसे निचली व महत्वपूर्ण इकाई को मजबूत करें. इसी के साथ संगठन के कार्य विस्तार, कार्य पद्धति एवं सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जनता में चर्चा करे.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आगामी नगर निकाय चुनाव एवं 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट जाएं. सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखकर बूथ पर मजबुत टीम बनाए. द्वितीय सत्र में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री कालीराम जी, अनूसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश प्रभारी एडवर्ड सोरेन एवं अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री गजेन्द्र सिंह ने कार्यसमिति में उपस्थित विभिन्न जिलों से आए पदाधिकारियों का मार्ग दर्शन किया. तृतीय सत्र में भाजपा आईटी विभाग के प्रदेश सह संयोजक शशि कुमार ने सोशल मीडिया पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला.
चौथे सत्र में संयुक्त रूप से सभी अनुसूचित जनजातियों ने राजनीतिक प्रस्ताव में पांच मांग किया गया है.
1 - गोंड, खरवार समाज की सभी उप जातियों को एक सूची में सम्मिलित करें, जिससे हर तरह का विवाद भी समाप्त हो जाए जाति प्रमाण पत्र मौजूदा अभिलेखों के आधार पर जारी किया जाए. जैसे अन्य जातियां का जाति प्रमाण पत्र मात्र परिवार रजिस्टर रजिस्टर में दर्ज जाति आधार पर होता है.
2 - गोंड, खरवार समाज को समस्त उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की सूची में सम्मिलित किया जाए.
3 - अनुसूचित जनजाति की समस्याओं व जन सुनवाई हेतु तत्काल जनजाति आयोग का गठन हो.
4 - वन क्षेत्र में रहने वाले जनजातियों को वन अधिकार से वंचित न किया जाए व उनका पूर्व संरक्षण हो उसके उनके मूलभूत समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाए.
5 - आगामी उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में अनुसूचित जनजाति के लिए समुचित आरक्षण निश्चित किया जाए.
राजनीतिक प्रस्ताव अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री विद्या भूषण गोंड ने रखा. इसका समर्थन प्रदेश महामंत्री मुन्ना खरवार व प्रदेश महामंत्री सूर्यकुमार गोंड ने किया. पांचवें सत्र में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू के अभिभाषण पर चर्चा हुई.