वाराणसी: वैश्विक बीमारी कोविड-19 से पूरा देश परेशान है. ऐसे में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर छात्र सड़कों पर हैं.
लॉकडाउन में हॉस्टल खाली कराने से नाराज होकर छात्र वीसी आवास के बाहर धरने पर बैठ गए. बता दें कि 2 दिन पहले विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को हॉस्टल खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था.
हॉस्टलों के कमरे पर लगा दिया गया है ताला
विश्वविद्यालय प्रशासन के आदेश पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के कर्मचारियों ने हॉस्टल के कमरों पर ताला लगा दिया गया है. छात्रों को बाहर निकाल दिया गया है. रुइया छात्रावास के आक्रोशित छात्र सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धरने पर बैठ गए हैं. छात्रों की मांग है कि उन्हें हॉस्टल में रहने दिया जाए क्योंकि उनके जिले और उनके राज्य की स्थिति ठीक नहीं है. वह यहां पर सुरक्षित हैं. उसके साथ अभी भी बीएचयू में लगभग डेढ़ सौ से अधिक छात्र विभिन्न छात्रावास में रह रहे हैं.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनाया तानाशाही रवैया
चक्रपाणि ओझा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए कल हमें नोटिस देने के साथ ही हमारे छात्रावास के कमरों को बंद कर दिया. हमारे पास हमारी जरूरी वस्तुएं भी नहीं है. यह तानाशाह रवैया हमेशा से विश्वविद्यालय प्रशासन कर रहा है.
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन कह रहा है कि छात्र अपने मन से हॉस्टल खाली कर रहे हैं. यह बात गलत है. बीएचयू प्रशासन से हमारी यही मांग है कि वह हमें हमारे हॉस्टलों में रहने दें. हम यहीं पर सुरक्षित हैं क्योंकि हमारे गांव बहुत दूर हैं और हमारे गांव की स्थिति ठीक नहीं है.