वाराणसी: दीपावली का त्यौहार अपने साथ पांच त्योहारों की श्रृंखला लेकर आता है. दीपावली से पहले धनतेरस फिर नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली पर दीपावली और अगले दिन अन्नकूट के बाद भैया दूज का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस बार 25 अक्टूबर को ग्रहण पड़ने की वजह से त्यौहार थोड़े अस्त-व्यस्त हो गए हैं और अगले दिन मनाया जाने वाला अन्नकूट गोवर्धन पर्व 1 दिन बाद और भाई दूज का पर्व भी 2 दिन बाद यानी 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
इसके पीछे ज्योतिषियों का अपना तर्क है. उनका कहना है कि जिस दिन दोपहर के वक्त प्रथम पहर में द्वितीय तिथि मिलती है. उस दिन ही यम द्वितीया यानी भाई दूज का पर्व मनाया जाता है और 27 अक्टूबर को प्रथम प्रहर में द्वितीया तिथि का मान होने की वजह से भाई दूज का पर्व 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा, न कि 26 अक्टूबर को.
भाई दूज का महत्व: ज्योतिषाचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों में बताया गया है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि, जिस दिन दोपहर के समय होती है, उसी दिन भाई दूज का त्योहार मनाना चाहिए. इसी दिन (Bhai Dooj 2022) यमराज, यमदूत और चित्रगुप्त की पूजा करनी चाहिए और इनके नाम से अर्घ्य और दीपदान भी करना चाहिए, लेकिन अगर दोनों दिन दोपहर में द्वितीया तिथि हो, तब पहले दिन ही द्वितीया तिथि में यम द्वितीया भाई दूज का पर्व मनाना चाहिए.
भाई दूज का शुभ मुहूर्त: द्वितीय तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर बाद 2:46 पर लग रही है और यह तिथि दूसरे दिन 27 अक्टूबर को 12:45 तक रहेगी इसलिए दतिया का मान 26 नहीं बल्कि 27 को ही किया जाएगा. 27 तारीख को भाईदूज पर तिलक का उत्तम समय 12:14 से 12:47 तक धनु लग्न में है. इस समय ययिजय योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी समागम होता है. साथ साथ में भाई के पूजन के लिए आयुष्मान योग भी मिल रहा है जो कि भाई की उम्र को बढ़ाता है और भाई बहन की माधुर्यता को बढ़ाता है (up news in hindi).
क्या करें भाई-बहन:
- भाई दूज के दिन तिलक करते समय भाई का मुंह उत्तर या उत्तर- पश्चिम में से किसी एक दिशा की ओर होना चाहिए .
- बहन का मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.
- ऐसा भी कहते हैं कि भाइयों के तिलक करने से पहले बहनों को कुछ खाना नहीं चाहिए.
- साथ साथ में भाई एवं बहन ध्यान रखेंगे काला एवं नीला वस्त्र धारण न करें.
- बहन अपने भाई को तामसिक भोजन ना कराएं जैसे लहसुन प्याज इत्यादि से युक्त पदार्थ और बैगन एवं कद्दू का भी निषेध मिलता है.
- केवल को संभव हो तो मीठा भोजन कराएं तो ज्यादा बढ़िया रहेगा.
- इस दिन बहनें ध्यान रखें कि भाई से मिले उपहार का निरादर न करें.
- भाई दूज के दिन बहन-भाई एक-दूसरे से किसी भी तरह का झूठ नहीं बोलें.
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