वाराणसी: जिले के बुनकरों के लिए अच्छी खबर है, बेंगलुरु की कंपनी लालटेन अब बनारस के कारीगर और बुनकरों को डायरेक्ट रेशम सप्लाई करेगी. रेशम की क्वालिटी भी चाइनीज रेशम से अच्छी है, इस रेशम का प्रयोग करने से साड़ी की कीमत में भी कटौती होगी, जिससे एक बार फिर बनारसी साड़ी का मार्केट पकड़ेगा.
प्रधानमंत्री से प्रेरित
लालटेन कंपनी का उद्देश्य वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को आत्मसात करना है. बुनकरों को स्वदेशी तकनीकी से बना सिल्क और कच्चा माल आसानी से सुलभ से कराया जाए ताकि उस अधिकार का उद्योग की संस्कृति को वापस पुनर्जीवित किया जा सके.
कंपनी का उद्देश्य
लालटेन कंपनी का बनारस में रेशम के कारोबार का शुरू करने का मात्र एक मकसद है कि यहां के कारीगरों को शुद्ध और सस्ती और अच्छी रेशम मिले. उसके साथ ही बिचौलियों की भूमिका को सीमित करते हुए बुनकरों व कारीगरों को सीधे उत्पाद के जरिए जोड़ा जाएगा. सप्लाई चैन आसानी से बनाई जाएगी. इसके लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का सहारा लिया जाएगा और बुनकरों के पास जाकर अपने बारे में यह बताएंगे.
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सागर सक्सेना ने बताया कि लालटेन बेंगलुरु की कंपनी है और हम जो रेशम तैयार करते हैं. वह चाइनीज रेशम से काफी अच्छा है और जिसकी कीमत भी कम है. हमारा मात्र एक मकसद है कि जो बिचौलिए हैं उनको खत्म किया जाए. इसके लिए पिछले 3 महीने से हम डायरेक्ट बनारस के बुनकरों को चाइनीज रेशम की जगह अपना बैंगलोर का रेशम बेच रहे हैं. बनारस की साड़ी पूरे विश्व में मशहूर है. इसीलिए अब तक हम लोगों ने 50 ऐसे बड़े बुनकरों से बातचीत किया है. वह हमारा रेशम ले रहे हैं उन्होंने हमारे रेशम की क्वालिटी को भी अच्छा बताया है. आने वाले दिनों में जो साड़ी की कीमत 20 से 25000 हजार है हमारे देश से वह साड़ी आम जनता को 10 से 15000 हजार में मिलेगी.