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बनारसी साड़ी दिलाएगी प्रवासी श्रमिकों को काम, कारोबारियों को आर्थिक मदद का इंतजार

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Published : May 23, 2020, 9:02 PM IST

उत्तर प्रदेश की बनारसी साड़ी की देश दुनिया में खासी डिमांड रहती है. अब यही साड़ी उद्योग प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने का बड़ा जरिया साबित होने जा रहा है. वहीं साड़ी कारोबारियों की सरकार से मांग है कि उनकी सरकारी आर्थिक मदद की जाए, जिससे वह अपने व्यापार को आगे बढ़ा सकें.

बनारसी साड़ी दिलाएगी प्रवासी श्रमिकों को काम
बनारसी साड़ी दिलाएगी प्रवासी श्रमिकों को काम

वाराणसी: विश्व भर में अपनी अलग पहचान रखने वाले काशी की बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े कारोबारियों ने प्रवासी श्रमिक भाइयों को उनके घर में ही रोजगार दिलाने का खाका तैयार किया गया है. इसके साथ ही बनारसी साड़ी और वस्त्र उद्योग को नई बुलंदियों तक ले जाने की नई प्लानिंग भी कर ली है. इसके लिए बस जरूरत है तो सरकारी आर्थिक मदद की.

स्पेशल रिपोर्ट.

दरअसल, बनारसी साड़ी उद्योग सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. विदेशों में भी बड़ी संख्या में बनारसी साड़ियों की मांग रहती है. यही वजह है कि बनारसी साड़ी की ख्याति के बाद गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के तमाम जिलों में पावरलूम स्थापित कर बनारसी साड़ी की कॉपी तैयार करने का काम शुरू हुआ.

उत्तर प्रदेश में संसाधनों के अभाव की वजह से पूर्वांचल के बुनकर न चाहते हुए भी अपना राज्य और जिले छोड़कर रोजी रोजगार के चक्कर में इन राज्यों में पहुंच गए, लेकिन जब कोरोना महामारी का दंश सभी पर टूटा तो यह श्रमिक इन राज्यों को छोड़कर वापस अपने घरों में तो आ गए, लेकिन संकट है, इन्हें फिर से स्थापित करने का.

इन सबके बीच बनारसी वस्त्र उद्योग ने एक प्लान तैयार किया है. बनारसी वस्त्र उद्योग के पदाधिकारियों का मानना है कि प्रधानमंत्री ने खुद को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही है. इस दिशा में बनारसी साड़ी उद्योग और उससे जुड़े लोग न सिर्फ इस उद्योग को उठाने की तैयारी कर रहे हैं, बल्कि प्रवासी श्रमिकों को उनके ही घर में रोजगार देने की भी प्लानिंग कर चुके हैं. बस सरकार को थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है.

यदि सरकार लीज पर या फिर अन्य किसी माध्यम से सिर्फ जमीन उपलब्ध करा दें तो बड़ी संख्या में पावरलूम स्थापित किए जाएंगे, जिसके बाद न सिर्फ श्रमिकों को उनके ही जिले और राज्य में रोजगार मिलेगा, बल्कि बनारसी साड़ी उद्योग ऊंचाइयों तक पहुंचेगा, जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. हम सब मिलकर एक महामारी के इस दौर में आए आर्थिक संकट को खत्म कर विकास की ओर एक बार फिर से आगे बढ़ जाएंगे, बस जरूरत है तो सरकार की नजरें इनायत की.

वहीं बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े अन्य कारोबारियों का कहना है कि हमारे प्रोडक्ट की डिमांड सिर्फ बनारस ही नहीं, उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में हैं. बांग्लादेश इसका बड़ा हब है. इसलिए सरकार को इस दिशा में कुछ सोचना चाहिए, लगातार 60 दिनों से ज्यादा का वक्त हो चुका है, पावरलूम बंद पड़े हैं. बिजली के बिल देने पड़ रहे हैं. बुनकरों का हाल बेहाल है. इन सबके बाद भी हम नए सिरे से शुरुआत के लिए तैयार हो चुके हैं.

वाराणसी: विश्व भर में अपनी अलग पहचान रखने वाले काशी की बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े कारोबारियों ने प्रवासी श्रमिक भाइयों को उनके घर में ही रोजगार दिलाने का खाका तैयार किया गया है. इसके साथ ही बनारसी साड़ी और वस्त्र उद्योग को नई बुलंदियों तक ले जाने की नई प्लानिंग भी कर ली है. इसके लिए बस जरूरत है तो सरकारी आर्थिक मदद की.

स्पेशल रिपोर्ट.

दरअसल, बनारसी साड़ी उद्योग सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. विदेशों में भी बड़ी संख्या में बनारसी साड़ियों की मांग रहती है. यही वजह है कि बनारसी साड़ी की ख्याति के बाद गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के तमाम जिलों में पावरलूम स्थापित कर बनारसी साड़ी की कॉपी तैयार करने का काम शुरू हुआ.

उत्तर प्रदेश में संसाधनों के अभाव की वजह से पूर्वांचल के बुनकर न चाहते हुए भी अपना राज्य और जिले छोड़कर रोजी रोजगार के चक्कर में इन राज्यों में पहुंच गए, लेकिन जब कोरोना महामारी का दंश सभी पर टूटा तो यह श्रमिक इन राज्यों को छोड़कर वापस अपने घरों में तो आ गए, लेकिन संकट है, इन्हें फिर से स्थापित करने का.

इन सबके बीच बनारसी वस्त्र उद्योग ने एक प्लान तैयार किया है. बनारसी वस्त्र उद्योग के पदाधिकारियों का मानना है कि प्रधानमंत्री ने खुद को आत्मनिर्भर बनाने की बात कही है. इस दिशा में बनारसी साड़ी उद्योग और उससे जुड़े लोग न सिर्फ इस उद्योग को उठाने की तैयारी कर रहे हैं, बल्कि प्रवासी श्रमिकों को उनके ही घर में रोजगार देने की भी प्लानिंग कर चुके हैं. बस सरकार को थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है.

यदि सरकार लीज पर या फिर अन्य किसी माध्यम से सिर्फ जमीन उपलब्ध करा दें तो बड़ी संख्या में पावरलूम स्थापित किए जाएंगे, जिसके बाद न सिर्फ श्रमिकों को उनके ही जिले और राज्य में रोजगार मिलेगा, बल्कि बनारसी साड़ी उद्योग ऊंचाइयों तक पहुंचेगा, जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. हम सब मिलकर एक महामारी के इस दौर में आए आर्थिक संकट को खत्म कर विकास की ओर एक बार फिर से आगे बढ़ जाएंगे, बस जरूरत है तो सरकार की नजरें इनायत की.

वहीं बनारसी साड़ी उद्योग से जुड़े अन्य कारोबारियों का कहना है कि हमारे प्रोडक्ट की डिमांड सिर्फ बनारस ही नहीं, उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में हैं. बांग्लादेश इसका बड़ा हब है. इसलिए सरकार को इस दिशा में कुछ सोचना चाहिए, लगातार 60 दिनों से ज्यादा का वक्त हो चुका है, पावरलूम बंद पड़े हैं. बिजली के बिल देने पड़ रहे हैं. बुनकरों का हाल बेहाल है. इन सबके बाद भी हम नए सिरे से शुरुआत के लिए तैयार हो चुके हैं.

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