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बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनारस कैंट रेलवे जंक्शन, हर रोज कर रहा .95 मेगावाट बिजली का उत्पादन

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Published : Mar 15, 2023, 10:29 PM IST

वाराणसी के कैंट रेलवे जंक्शन पर हम महीने .95 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. जिससे रेलवे के लाखों रुपये की बचत हो रही है. वहीं, नए फुट ओवर ब्रिज पर 300 सोलर पैनल लगाए गए हैं. जिससे 100 किलोवाट बिजली का उत्पादन होगा.

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बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बन रहा बनारस कैंट रेलवे जंक्शन,

वाराणसी: बिजली उत्पादन के मामले में बनारस का कैंट रेलवे जंक्शन आत्मनिर्भर हो रहा है. जक्शन प्रतिदिन .95 मेगा वाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. जिसकी तस्वीर रेलवे स्टेशन पर उत्पादित बिजली व प्रतिमाह दिए जाने वाले बिजली बिल के आंकड़े बता रहे हैं. कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन 1.5 मेगावाट बिजली की खपत होती है. जिसमें रेलवे स्टेशन प्रतिदिन .95 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. यही नहीं अब नए फुटओवर ब्रिज पर सोलर पैनल लगने के बाद 100 किलोवाट अन्यत्र बिजली का उत्पादन भी प्रतिदिन होगा. जिसका परिणाम है अब स्टेशन प्रतिमाह लाखों की बिल की बचत कर रहा है.

कैंट रेलवे स्टेशन के स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित ने बताया कि रेलवे प्रशासन ने बिजली की खपत एवं खर्च बचाने के लिए सोलर पैनल को लगाने का निर्णय लिया है. जिससे पर्यावरण को सपोर्ट करने के साथ ही बिजली की खपत को कम किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में हमारे स्टेशन पर सोलर एनर्जी से .95 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.

100 किलो वाट अन्यत्र बिजली का होगा उत्पादन: स्टेशन निदेशक ने बताया कि इसके साथ स्टेशन पर बनाए गए नए फुट ओवर ब्रिज पर 300 सोलर पैनल लगाए गए हैं. जिससे 100 किलोवाट अन्यत्र बिजली का उत्पादन होगा. यह प्रक्रिया आगे चलती जाएगी और हमारी पूरी कोशिश होगी कि रेलवे प्रशासन अपने उपयोग के अनुसार बिजली का उत्पादन सोलर एनर्जी से ही कर सके.


लाखों रुपये की बचत: स्टेशन निदेशक गौरव ने बताया कि सोलर पैनल से बिजली के वितरण के लिए अलग-अलग आंतरिक सर्किट बनाएंगे हैं. उन सर्किट के माध्यम से अलग-अलग पॉइंट तक बिजली पहुंचाई जाती है. वर्तमान में रेलवे स्टेशन पर 1.5 मेगावाट बिजली की खपत होती है. जिसमें से .95 बिजली का उत्पादन हो जाता है. आगामी दिनों में जब सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, बिजली का उत्पादन और बढ़ जाएगा. उन्होंने बताया कि, इससे सबसे बड़ा फायदा बिजली के बिल में होगा. क्योंकि जहां हम प्रतिमाह लगभग 95 लाख बिजली बिल देते थे. वहां अब सोलर एनर्जी के कारण लगभग 46 लाख रुपये बिजली बिल का भुगतान किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें:एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक ने कहा, फ्री बिजली देना पावर सेक्टर के लिए घातक

बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बन रहा बनारस कैंट रेलवे जंक्शन,

वाराणसी: बिजली उत्पादन के मामले में बनारस का कैंट रेलवे जंक्शन आत्मनिर्भर हो रहा है. जक्शन प्रतिदिन .95 मेगा वाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. जिसकी तस्वीर रेलवे स्टेशन पर उत्पादित बिजली व प्रतिमाह दिए जाने वाले बिजली बिल के आंकड़े बता रहे हैं. कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन 1.5 मेगावाट बिजली की खपत होती है. जिसमें रेलवे स्टेशन प्रतिदिन .95 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है. यही नहीं अब नए फुटओवर ब्रिज पर सोलर पैनल लगने के बाद 100 किलोवाट अन्यत्र बिजली का उत्पादन भी प्रतिदिन होगा. जिसका परिणाम है अब स्टेशन प्रतिमाह लाखों की बिल की बचत कर रहा है.

कैंट रेलवे स्टेशन के स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित ने बताया कि रेलवे प्रशासन ने बिजली की खपत एवं खर्च बचाने के लिए सोलर पैनल को लगाने का निर्णय लिया है. जिससे पर्यावरण को सपोर्ट करने के साथ ही बिजली की खपत को कम किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में हमारे स्टेशन पर सोलर एनर्जी से .95 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है.

100 किलो वाट अन्यत्र बिजली का होगा उत्पादन: स्टेशन निदेशक ने बताया कि इसके साथ स्टेशन पर बनाए गए नए फुट ओवर ब्रिज पर 300 सोलर पैनल लगाए गए हैं. जिससे 100 किलोवाट अन्यत्र बिजली का उत्पादन होगा. यह प्रक्रिया आगे चलती जाएगी और हमारी पूरी कोशिश होगी कि रेलवे प्रशासन अपने उपयोग के अनुसार बिजली का उत्पादन सोलर एनर्जी से ही कर सके.


लाखों रुपये की बचत: स्टेशन निदेशक गौरव ने बताया कि सोलर पैनल से बिजली के वितरण के लिए अलग-अलग आंतरिक सर्किट बनाएंगे हैं. उन सर्किट के माध्यम से अलग-अलग पॉइंट तक बिजली पहुंचाई जाती है. वर्तमान में रेलवे स्टेशन पर 1.5 मेगावाट बिजली की खपत होती है. जिसमें से .95 बिजली का उत्पादन हो जाता है. आगामी दिनों में जब सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, बिजली का उत्पादन और बढ़ जाएगा. उन्होंने बताया कि, इससे सबसे बड़ा फायदा बिजली के बिल में होगा. क्योंकि जहां हम प्रतिमाह लगभग 95 लाख बिजली बिल देते थे. वहां अब सोलर एनर्जी के कारण लगभग 46 लाख रुपये बिजली बिल का भुगतान किया जा रहा है.

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