प्रयागराज : संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले को मृत्यु कुंभ बताने वाले बयान को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी साधु संतों के निशाने पर आ चुकी हैं. महाकुंभ की धरती पर करीब दो महीने से जप तप कर रहे निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने ममता बनर्जी को अपना नाम बदलकर ममता खान रख लेने की सलाह दी.
उनका कहना है कि ममता बनर्जी बंगाल के वर्ग विशेष के वोटरों को साधने के लिए इस तरह के बयान देकर करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र बने महाकुंभ को लेकर इस तरह का बयान देकर मुस्लिम मतदाताओं को खुश करना चाहती हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया. ममता ने महाकुंभ को मृत्युकुंभ बता दिया. इसके साथ ही उन्होंने योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाये. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि महाकुंभ में वीआईपी को विशेष सुविधा मिल रही है, जबकि आम लोग परेशान हैं. इस महा आयोजन के लिए सही तरह से प्लानिंग नहीं की गई.
उज्जैन के अर्जी वाले हनुमान मंदिर के पीठाधीश निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि ममता बनर्जी को सनातन धर्मियों के खिलाफ जाकर, इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. सनातन धर्मियों के सबसे बड़े आयोजन को महाकुंभ को मृत्युकुम्भ कहने वाली ममता बनर्जी को अपना नाम और धर्म बदल लेना चाहिए.
स्वामी प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ममता बनर्जी को अब सनातन धर्म भी छोड़ देना चाहिए. क्योंकि उन्हें दिव्य और भव्य महाकुंभ में आए बिना सैकड़ों किलोमीटर दूर से ही यह मृत्युकुंभ दिखाई दे रहा है. वहीं महाकुंभ मेले में आम श्रद्धालुओं के साथ ही VVIP मेहमानों के आने को लेकर कहा कि गंगा मैया के लिए सभी लोग एक बराबर हैं. वीवीआईपी और आम आदमी का भेद तो इंसानों का बनाया हुआ है.
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