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इस वजह से 27 सालों बाद काशी में दिवाली के अगले दिन नहीं मनाया जाएगा अन्नकूट पर्व

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Published : Oct 9, 2022, 9:25 PM IST

काशी में 27 सालों बाद दीपावली के अगले दिन अन्नकूट पर्व नहीं मनाया जाएगा. यह त्यौहार दीवाली के तीसरे दिन मनाया जाएगा.

अन्नकूट पर्व
अन्नकूट पर्व

वाराणसी: दीपावली के बाद काशी में अन्नकूट पर्व मनाने की परंपरा है. इस बार 27 सालों के बाद यह परंपरा दीपावली के दूसरे दिन नहीं बल्कि तीसरे दिन निभाई जाएगी क्योंकि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा नहीं होगी. 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के कारण मंदिर बंद होने की वजह से लड्डुओं का शिवाला नहीं बनेगा. इस वजह से दूसरे दिन की जगह तीसरे दिन अन्नकूट का पर्व मनाया जाएगा.

इस बारे में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य एवं ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने बताया कि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट मनाने का विधान है. काशी में दीवाली के अगले दिन 56 तरह के व्यंजन का भोग भगवान को लगाया जाता है लेकिन, 27 सालों के बाद यह परंपरा टूटेगी क्योंकि खंडग्रास सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. सूर्यग्रहण के कारण ही गोवर्धन पूजा और अन्नकूट नहीं होगा.


कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी अमावस्या पर 24 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी और शाम को ही महालक्ष्मी गणेश कुबेर आदि का पूजन किया जाएगा. 25 अक्टूबर को अमावस्या वाले दिन खंडग्रास सूर्यग्रहण के कारण पूजन पाठ पर रोक रहेगी जिस वजह से गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व नहीं मनाया जाएगा. 25 अक्टूबर को शाम 4:29 बजे सूर्य ग्रहण का स्पर्श होगा और मध्य काल 5:14 बजे से 42 बजे तक होगा. इसके साथ ही ग्रहण की समाप्ति मानी जाएगी, यह ग्रहण स्वाति नक्षत्र पर लग रहा है. धनतेरस के दिन मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के दर्शन भी शुरू होंगे.

वाराणसी: दीपावली के बाद काशी में अन्नकूट पर्व मनाने की परंपरा है. इस बार 27 सालों के बाद यह परंपरा दीपावली के दूसरे दिन नहीं बल्कि तीसरे दिन निभाई जाएगी क्योंकि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा नहीं होगी. 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के कारण मंदिर बंद होने की वजह से लड्डुओं का शिवाला नहीं बनेगा. इस वजह से दूसरे दिन की जगह तीसरे दिन अन्नकूट का पर्व मनाया जाएगा.

इस बारे में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य एवं ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने बताया कि दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट मनाने का विधान है. काशी में दीवाली के अगले दिन 56 तरह के व्यंजन का भोग भगवान को लगाया जाता है लेकिन, 27 सालों के बाद यह परंपरा टूटेगी क्योंकि खंडग्रास सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. सूर्यग्रहण के कारण ही गोवर्धन पूजा और अन्नकूट नहीं होगा.


कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी अमावस्या पर 24 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाएगी और शाम को ही महालक्ष्मी गणेश कुबेर आदि का पूजन किया जाएगा. 25 अक्टूबर को अमावस्या वाले दिन खंडग्रास सूर्यग्रहण के कारण पूजन पाठ पर रोक रहेगी जिस वजह से गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व नहीं मनाया जाएगा. 25 अक्टूबर को शाम 4:29 बजे सूर्य ग्रहण का स्पर्श होगा और मध्य काल 5:14 बजे से 42 बजे तक होगा. इसके साथ ही ग्रहण की समाप्ति मानी जाएगी, यह ग्रहण स्वाति नक्षत्र पर लग रहा है. धनतेरस के दिन मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के दर्शन भी शुरू होंगे.

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