वाराणसी: एक ऐसा शहर जिसके बारे में यह कहा जाता है कि यहां कण-कण में शिव विराजमान हैं. बाबा विश्वनाथ की नगरी में एक तरफ घंटे-घड़ियाल की आवाज के साथ हर-हर महादेव के जयकारे वहीं दूसरी ओर मस्जिद से गूंजती नमाज की आवाज और चर्च में कोरल के गीत यहां सर्वधर्म समभाव की झलक भी दिखाते हैं. काशी में एकता की मिसाल देती एक ऐसी चर्च मौजूद है जिसकी दीवारें गीता के संदेश देती हैं. कैंटोंमेंट क्षेत्र में स्थित सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च को यहां महा गिरजाघर के नाम से भी जाना जाता है.
दीवारों पर लिखे हैं गीता के श्लोक
महा गिरजाघर की दीवारों पर ॐ, कलश, आम के पत्ते, लतायें और ईशा मसीह के भी संदेश शामिल हैं. यही नहीं इस चर्च में बाइबिल के संदेशों के साथ-साथ गीता के श्लोक 'सेवाधर्मः परमगहनो योगिनामप्यगम्य:' भी संस्कृत भाषा में बड़े-बड़े पीतल की धातु से बने अक्षरों से उकेरा गया है. चर्च का निर्माण जाने-माने पंडित आर्किटेक्ट कृष्ण मेंमन और अपनी रचनात्मक शैली के लिए जाने जाने वाले आर्टिस्ट ज्योति शाही ने किया था. यह चर्च लोगों को एकता के एक सूत्र में बांधे रखने का संदेश दे रहा है.
25 दिसंबर यानि क्रिसमस डे के दिन इस चर्च में लगभग दो लाख की संख्या में लोग आते हैं और जीसस की प्रार्थना करते हैं. चर्च में केवल ईसाई ही नहीं बल्कि हिंदू-मुस्लिम और अन्य धर्म के लोग भी आते हैं. क्रिसमस डे पर यहां 3 दिन का यहां पर मेला लगता है और धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं.
चर्च में दिखता है मंदिर का भी स्वरूप
चर्च के फादर विजय शांति राज ने बताया कि जब यह चर्च बनाया गया तो यह सोचकर बनाया गया कि कि ये चर्च भी दिखाई दे और मंदिर भी दिखे. महागिरजाघर को आप ध्यान से देखेंगे तो एक तरफ से मंदिर और एक तरफ से चर्च लगेगा. यहां पर सभी धर्मों का समावेश भी है. इस चर्च में गीता के श्लोक भी मिलेंगे, बाइबल का संदेश भी मिलेगा. भारत में वसुदेव कुटुंबकम की बात होती है, सर्वधर्म की बात होती है, वह भी आपको यहां देखने को मिलेगा.