ETV Bharat / state

वाराणसी में बोले कृषि मंत्री, सिर्फ पराली जलाने से नहीं हो रहा प्रदूषण

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बढ़ते प्रदूषण के लिए पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया जाना गलत बताया है. उन्होंने बताया कि सरकार बढ़ते प्रदूषण को रोकने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है.

etv bharat
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही.
author img

By

Published : Nov 29, 2019, 11:15 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे प्रदूषण के पीछे किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के मामले में कृषि मंत्री ने वाराणसी में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रदूषण के लिए सिर्फ पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया जाना गलत बताया है. उनका कहना है कि सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है और यह कहना कि पराली जलाए जाने से प्रदूषण हो रहा है तो गलत है. जो किसान ऐसा कर रहे हैं उन्हें रोका जा रहा है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.

प्रदूषण के बारे में बोलते कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही.

सरकार ने एक्स्ट्रा रीपर कंपाइंडर का प्रयोग किया अनिवार्य
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पराली जलाए जाने से जितना प्रदूषण हो रहा है, वह सिर्फ इसकी वजह से नहीं हो रहा है. पराली के बारे में यह आम धारणा फैला दी गई है, जबकि यह सिर्फ सीजनल और टेंपरेरी वर्क है. बावजूद इसके उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले 3 सालों से लगातार प्रयास किया है कि उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जाए. इसके लिए हम लोगों ने जो कंबाइन काटने का काम करते हैं उनको एक्स्ट्रा रीपर कंपाइंडर का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है जिसकी वजह से अब वह बिना बाइंडर के नहीं चल सकते हैं.

चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
कृषि मंत्री शिव प्रताप शाही ने कहा कि कुछ जगहों पर जो घटनाएं सामने आई हैं, उन जगहों पर ऐसा करने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. उनसे जुर्माना भी लिया गया है. इसके अलावा हमने किसानों को 80% अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए थे. 10 नवंबर तक यह प्रक्रिया जारी रही है. इसके लिए हम लोग जो पराली के अवशेष हैं उनको जलाए जाने की जगह इसका इस्तेमाल खेती के कामों में जुताई-बुवाई और इसका कंपोस्ट बनाए जाने की दिशा में कार्य करें. सरकार की तरफ से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. बच्चों को स्कूलों में पेंटिंग और अन्य माध्यमों से भी पराली जलाए जाने से होने वाले नुकसान और इससे मृदा की शक्ति खत्म होने के नुकसान के बारे में भी बताया जा रहा है ताकि बच्चे घरों में इस बारे में बता सकें.

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे प्रदूषण के पीछे किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के मामले में कृषि मंत्री ने वाराणसी में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रदूषण के लिए सिर्फ पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया जाना गलत बताया है. उनका कहना है कि सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है और यह कहना कि पराली जलाए जाने से प्रदूषण हो रहा है तो गलत है. जो किसान ऐसा कर रहे हैं उन्हें रोका जा रहा है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.

प्रदूषण के बारे में बोलते कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही.

सरकार ने एक्स्ट्रा रीपर कंपाइंडर का प्रयोग किया अनिवार्य
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पराली जलाए जाने से जितना प्रदूषण हो रहा है, वह सिर्फ इसकी वजह से नहीं हो रहा है. पराली के बारे में यह आम धारणा फैला दी गई है, जबकि यह सिर्फ सीजनल और टेंपरेरी वर्क है. बावजूद इसके उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले 3 सालों से लगातार प्रयास किया है कि उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जाए. इसके लिए हम लोगों ने जो कंबाइन काटने का काम करते हैं उनको एक्स्ट्रा रीपर कंपाइंडर का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है जिसकी वजह से अब वह बिना बाइंडर के नहीं चल सकते हैं.

चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
कृषि मंत्री शिव प्रताप शाही ने कहा कि कुछ जगहों पर जो घटनाएं सामने आई हैं, उन जगहों पर ऐसा करने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. उनसे जुर्माना भी लिया गया है. इसके अलावा हमने किसानों को 80% अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए थे. 10 नवंबर तक यह प्रक्रिया जारी रही है. इसके लिए हम लोग जो पराली के अवशेष हैं उनको जलाए जाने की जगह इसका इस्तेमाल खेती के कामों में जुताई-बुवाई और इसका कंपोस्ट बनाए जाने की दिशा में कार्य करें. सरकार की तरफ से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. बच्चों को स्कूलों में पेंटिंग और अन्य माध्यमों से भी पराली जलाए जाने से होने वाले नुकसान और इससे मृदा की शक्ति खत्म होने के नुकसान के बारे में भी बताया जा रहा है ताकि बच्चे घरों में इस बारे में बता सकें.

Intro:वाराणसी: उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे प्रदूषण के पीछे किसानों द्वारा पराली जलाए जाने के मामले में कृषि मंत्री ने वाराणसी में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रदूषण के लिए सिर्फ पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया जाना गलत बताया है. उनका कहना है कि सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है और यह करना किसे पराली जलाए जाने से प्रदूषण हो रहा है तो गलत है, जो भी किसान ऐसा कर रहे हैं उन्हें रोका जा रहा और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.Body:वीओ-01 कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पराली जलाए जाने से जितना प्रदूषण हो रहा है. वह सिर्फ इसकी वजह से नहीं हो रहा है. पराली के बारे में यह आम धारणा फैला दी गई है, जबकि यह सिर्फ सीजनल और टेंपरेरी वर्क है. बावजूद इसके उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले 3 सालों से लगातार प्रयास किया है कि उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जाए और इसके लिए हम लोगों ने जो कंबाइन काटने का काम करते हैं उनको एक्स्ट्रा रीपर कंपाइंडर के साथ अनिवार्य कर दिया गया है जिसकी वजह से अब वह बिना बाइंडर के नहीं चल सकते हैं. Conclusion:वीओ-02 कृषि मंत्री शिव प्रताप शाही ने कहा कि जिन कुछ जगहों पर घटनाएं सामने आई हैं उन जगहों पर ऐसा करने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. उनसे जुर्माना भी लिया गया है. इसके अलावा इसके अलावा हमने किसानों को 80% अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए थे और इस साल भी उपलब्ध कराएंगे. 10 नवंबर तक यह प्रक्रिया जारी रही है इसके लिए हम लोग जो पराली व कृषि के अंदर अवशेष हैं उनको जलाए जाने की जगह इसका इस्तेमाल खेती के कामों में जुताई- बुवाई और इसका कंपोस्ट बनाए जाने की दिशा में कार्य करें. इस दृष्टि से प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा सरकार की तरफ से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. बच्चों को स्कूलों में पेंटिंग व अन्य माध्यम से भी पराली जलाए जाने से होने वाले नुकसान और इससे मृदा की शक्ति खत्म होने के नुकसान के बारे में भी बताया जा रहा है ताकि बच्चे घरों में इस बारे में बता सके. इसलिए इसका उपयोग अगर किसान भाई अपनी खेती में ही करते हैं इससे ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ने में सुविधा होगी आर्य बायो कंपोस्ट के रूप में मिल सकेगा इसलिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है.

बाइट- सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री

Gopal mishra

9839809074
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.