वाराणसी: प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप अधिकारी 100 दिनों की कार्ययोजना पर काम शुरू कर चुके हैं और मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर बाल श्रम को लेकर कठोर कार्रवाई भी की जा रही है. इस क्रम में यह दावा किया जा रहा है कि बनारस के पांच ब्लॉक के 16 गांवों को बालश्रम से मुक्त करवा दिया गया है.
मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल की अध्यक्षता में गुरुवार को विकास भवन सभागार में जिला स्तरीय बाल श्रम उन्मूलन समिति की बैठक हुई. सहायक श्रमायुक्त देवव्रत यादव ने अवगत कराया कि मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के 100 दिवसों की कार्ययोजना के अंतर्गत "नया सवेरा योजना" से आच्छादित जनपदों में चिन्हित हॉटस्पॉट (ग्राम पंचायत/शहरी वार्ड) को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जाना है, जिसके अंतर्गत बाल श्रम मुक्त घोषित किए जाने हेतु दिनांक 12 जून, 2022 को अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाना प्रस्तावित है.
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सहायक श्रमायुक्त ने उपस्थित सदस्यों को बताया कि वर्तमान में "नया सवेरा योजना" के अंतर्गत वाराणसी के 5 ब्लॉक के 16 ग्राम को बालश्रम से मुक्त कराये जाने का ग्राम स्तर एवं ब्लॉक स्तर से प्रस्ताव को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इसके बाद अवगत कराया गया कि इन ग्राम/ब्लॉकों के ग्राम बाल संरक्षण/खंड बाल संरक्षण समिति की बैठक में इन ग्रामों को बालश्रम से मुक्त घोषित किए जाने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
वर्तमान में उक्त प्रस्ताव का अनुमोदन मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जनपदीय बाल श्रम उन्मूलन समिति द्वारा किया जाना अपेक्षित है. जिसे समिति द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया है. मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि 6 ब्लॉक के 44 ग्रामों एवं 44 शहरी वार्डों के सर्वेक्षण में चिन्हित कामकाजी बच्चों के परिवारों को सभी संबंधित विभागों द्वारा विभागीय योजनाओं से पात्रता के आधार पर लाभान्वित कराया जाए. श्रम विभाग को कामकाजी बच्चों की सूची उपलब्ध कराये जाने हेतु संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
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