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पीएमएमवीवाई के तहत वाराणसी की 63,203 महिलाओं को मिला लाभ

वाराणसी में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत जनवरी 2017 से शुरू की गयी थी. जिले में अब तक इस योजना से 63,203 महिलाओं को लाभ मिल चुका है.

पीएमएमवीवाई के तहत वाराणसी की 63,203 महिलाओं को मिला लाभ
पीएमएमवीवाई के तहत वाराणसी की 63,203 महिलाओं को मिला लाभ
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Published : Mar 16, 2021, 7:22 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत जनवरी 2017 से शुरू की गयी थी. वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गयी इस योजना के चार वर्ष पूरे हो चुके हैं. जिले में अब तक इस योजना से 63,203 महिलाओं को लाभ मिल चुका है.

क्या है यह योजना
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) एक ऐसी योजना है, जिसमें पहली बार गर्भवती हुईं महिलाओं को पोषण सहायता के रूप में तीन किस्तों में 5,000 रुपये सरकार द्वारा सीधे उनके पंजीकृत खाते में पहुंचाए जाते हैं. इस योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण मिल सके जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें.

तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये
एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी डॉ. एके मौर्य ने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को तीन किस्तों में 5000 रुपये दिए जाते हैं. पहली किस्त 1000 रुपये की होती है, जो कि गर्भावस्था के दौरान पहले 150 दिन के अंदर पंजीकरण कराने के बाद प्रदान की जाती है. दूसरी किस्त गर्भावस्था के 180 दिन के अंदर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कराने पर प्रदान की जाती है. दूसरी किस्त में लाभार्थी को 2000 रुपये मिलते हैं. तीसरी किस्त प्रसव के 42 दिन के बाद बच्चे के प्रथम चरण के टीकाकरण पूर्ण होने पर मिलती है. इसके तहत लाभार्थी को 2000 रुपये दिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और पोर्टल से जुड़ी हुई है. इसलिए पोर्टल पर लाभार्थी का पंजीकरण होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इसी के आधार पर उसे योजना का लाभ मिल सकेगा.

इसे भी पढ़ें-नीता अंबानी के विजिटर प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव का BHU में विरोध

63,203 लाभार्थियों को मिल चुका है योजना का लाभ
डॉ. एके मौर्य ने बताया कि जनवरी 2017 से 15 मार्च 2021 तक जनपद में 63,203 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है. योजना के तहत जिले में अब तक 25,76,87,000 हजार रुपये डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में भेजे जा चुके हैं. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में 1 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को योजना के तहत पंजीकृत किया जा चुका है. इस उपलब्धि के साथ ही उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर काबिज है.

यह है लाभार्थियों का कहना
शहरी क्षेत्र डाफी, मलहिया निवासी ज्योत्सना बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर गर्भावस्था के दौरान उन्हें तीन हजार रुपए प्राप्त हुए, जिससे उन्हें पोषण में बहुत सहयोग मिला. वहीं प्रसव के बाद भी उन्हें दो हजार रुपये मिले. उन्होने कहा कि सरकार की यह योजना बहुत ही अच्छी है. इसी क्रम में अराजीलाइन ब्लॉक की अंजना देवी ने बताया कि पहली बार मां बनने पर उन्हें तीन किस्तों में पांच हजार रुपए मिले, जिससे उन्होंने पोषक तत्वों के खानपान में लाभ मिला. इस योजना से वह बेहद संतुष्ट और प्रसन्न हैं.

वाराणसी: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत जनवरी 2017 से शुरू की गयी थी. वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गयी इस योजना के चार वर्ष पूरे हो चुके हैं. जिले में अब तक इस योजना से 63,203 महिलाओं को लाभ मिल चुका है.

क्या है यह योजना
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) एक ऐसी योजना है, जिसमें पहली बार गर्भवती हुईं महिलाओं को पोषण सहायता के रूप में तीन किस्तों में 5,000 रुपये सरकार द्वारा सीधे उनके पंजीकृत खाते में पहुंचाए जाते हैं. इस योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण मिल सके जिससे जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहें.

तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये
एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी डॉ. एके मौर्य ने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को तीन किस्तों में 5000 रुपये दिए जाते हैं. पहली किस्त 1000 रुपये की होती है, जो कि गर्भावस्था के दौरान पहले 150 दिन के अंदर पंजीकरण कराने के बाद प्रदान की जाती है. दूसरी किस्त गर्भावस्था के 180 दिन के अंदर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कराने पर प्रदान की जाती है. दूसरी किस्त में लाभार्थी को 2000 रुपये मिलते हैं. तीसरी किस्त प्रसव के 42 दिन के बाद बच्चे के प्रथम चरण के टीकाकरण पूर्ण होने पर मिलती है. इसके तहत लाभार्थी को 2000 रुपये दिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और पोर्टल से जुड़ी हुई है. इसलिए पोर्टल पर लाभार्थी का पंजीकरण होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इसी के आधार पर उसे योजना का लाभ मिल सकेगा.

इसे भी पढ़ें-नीता अंबानी के विजिटर प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव का BHU में विरोध

63,203 लाभार्थियों को मिल चुका है योजना का लाभ
डॉ. एके मौर्य ने बताया कि जनवरी 2017 से 15 मार्च 2021 तक जनपद में 63,203 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है. योजना के तहत जिले में अब तक 25,76,87,000 हजार रुपये डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में भेजे जा चुके हैं. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में 1 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को योजना के तहत पंजीकृत किया जा चुका है. इस उपलब्धि के साथ ही उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर काबिज है.

यह है लाभार्थियों का कहना
शहरी क्षेत्र डाफी, मलहिया निवासी ज्योत्सना बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर गर्भावस्था के दौरान उन्हें तीन हजार रुपए प्राप्त हुए, जिससे उन्हें पोषण में बहुत सहयोग मिला. वहीं प्रसव के बाद भी उन्हें दो हजार रुपये मिले. उन्होने कहा कि सरकार की यह योजना बहुत ही अच्छी है. इसी क्रम में अराजीलाइन ब्लॉक की अंजना देवी ने बताया कि पहली बार मां बनने पर उन्हें तीन किस्तों में पांच हजार रुपए मिले, जिससे उन्होंने पोषक तत्वों के खानपान में लाभ मिला. इस योजना से वह बेहद संतुष्ट और प्रसन्न हैं.

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