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बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन से बाहर आते ही टूट जाता है स्मार्ट सिटी का भ्रम, हर तरफ जाम संग दिक्कतें बेसुमार

उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चमकाया जा रहा है. पीएम के संसदीय क्षेत्र होने के कारण वहां पर्यटन समेत बेसिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं. रेलवे स्टेशनों की सूरत बदल गई है, मगर वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन (Varanasi cant railway station) के बाहर अतिक्रमण के कारण 24 घंटे का जाम परमानेंट है. इस जाम (traffic jam in Varanasi) का इलाज ट्रैफिक पुलिस के पास नहीं है.

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Published : Sep 3, 2022, 4:13 PM IST

Updated : Sep 3, 2022, 8:09 PM IST

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी बदल रहा है. बदलते बनारस की बदलती तस्वीर देखनी है तो उन इलाकों में जाइए, जिसे स्मार्ट सिटी के नाम पर स्मार्ट बनाने के दावे किए जा रहे हैं. बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर तो कायाकल्प हो गया है. नाइट बाजार डेवेलप हो रहा है. वाराणसी प्राधिकरण और नगर निगम भले ही सड़कें चौड़ी करने का दावा करता हो, मगर अभी तक रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़कों पर जाम लगता है. बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर का नजारा इतना भयावह होता है कि यहां पहली बार आने वालों में मन में बसे स्मार्ट बनारस का भ्रम टूट जाता है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

हालात यह हैं कि सुबह हो या शाम दिन हो या रात, बनारस कैंट रेलवे स्टेशन (Varanasi cant railway station) जाने वाले रास्तों पर जाम मिलना तय है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जाम के कारण लोग ट्रेन पकड़ने के लिए घर से घंटे दो घंटे निकलते हैं. सड़कों पर बेतरतीब तरीके से खड़े ऑटो-रिक्शा, ठेले और खोमचे वालों को कंट्रोल करने में ट्रैफिक पुलिस भी असमर्थ दिखाई देती है. ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि यह पूरा इलाका 24 घंटे 100 कैमरों की निगरानी में रहता है, लेकिन इन हकीकत दावों के बिल्कुल उलट है.

traffic jam in Varanasi
स्टेशन के बाहर सड़कों पर रेहड़ी-खोमचों वालों का कब्जा है.


क्यों रहता है बनारस कैंट रेलवे स्टेशन के पास 24 घंटे जाम

  • अवैध ऑटो, अवैध बस और अवैध ई रिक्शा के साथ ही उनको पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य है
  • जहां तहां खड़ी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां जाम को और बढ़ाने का काम करती हैं
  • इस इलाके में सैकड़ों ठेले पुल के नीचे मुख्य सड़क पर ही लगे रहते हैं
  • खान-पान से लेकर लोगों की जरूरत की छोटी-मोटी चीजों को लोग सड़क पर ही किनारे बेचने में जुटे हैं जो यहां से निकलने वाली गाड़ियों को रोकते हैं और जाम बढ़ता जाता है
    traffic jam in Varanasi
    ऑटो रिक्शा पार्किंग के स्टैंड खाली रहते हैं क्योंकि वाहन सड़कों पर खड़े किए जाते हैं.
  • इस अतिक्रमण को हटाने की किसी को चिंता है और ना ही इस पर शायद किसी का ध्यान है
  • पुल के नीचे तय किए गए पार्किंग स्पोर्ट पर शक्ति से ऑटो और रिक्शा को खड़ा कराया जाए
  • लहरतारा से लेकर चौकाघाट के बीच सड़क किनारे ठेले खोमचे और अतिक्रमण पर तत्काल कार्रवाई हो
  • कैंट रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाले दो कट के अलावा रॉन्ग साइड से जाने वाली गाड़ियों पर कार्रवाई होना आवश्यक है ताकि जाम कम हो
    traffic jam in Varanasi
    सड़क पर लगा भीषण जाम


पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) दिनेश कुमार पुरी का कहना है कि बनारस में ट्रैफिक की समस्या (traffic jam in Varanasi) का निराकरण बहुत हद तक हुआ है. बनारस की आबादी बढ़ी है. बनारस में वाहनों की संख्या बढ़ गई है. धार्मिक शहर होने के कारण यहां रोज बड़ी संख्या में बाहर की भीड़ आती है. जिसकी वजह से जाम खत्म नहीं हो रहा. कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर जाम के लिए उन्होंने प्लानिंग करने का दावा किया.

पढ़ें : गेमिंग ऐप से बच्चे खेल खेल में सीखेंगे गणित और विज्ञान

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी बदल रहा है. बदलते बनारस की बदलती तस्वीर देखनी है तो उन इलाकों में जाइए, जिसे स्मार्ट सिटी के नाम पर स्मार्ट बनाने के दावे किए जा रहे हैं. बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर तो कायाकल्प हो गया है. नाइट बाजार डेवेलप हो रहा है. वाराणसी प्राधिकरण और नगर निगम भले ही सड़कें चौड़ी करने का दावा करता हो, मगर अभी तक रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़कों पर जाम लगता है. बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर का नजारा इतना भयावह होता है कि यहां पहली बार आने वालों में मन में बसे स्मार्ट बनारस का भ्रम टूट जाता है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

हालात यह हैं कि सुबह हो या शाम दिन हो या रात, बनारस कैंट रेलवे स्टेशन (Varanasi cant railway station) जाने वाले रास्तों पर जाम मिलना तय है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जाम के कारण लोग ट्रेन पकड़ने के लिए घर से घंटे दो घंटे निकलते हैं. सड़कों पर बेतरतीब तरीके से खड़े ऑटो-रिक्शा, ठेले और खोमचे वालों को कंट्रोल करने में ट्रैफिक पुलिस भी असमर्थ दिखाई देती है. ट्रैफिक पुलिस का दावा है कि यह पूरा इलाका 24 घंटे 100 कैमरों की निगरानी में रहता है, लेकिन इन हकीकत दावों के बिल्कुल उलट है.

traffic jam in Varanasi
स्टेशन के बाहर सड़कों पर रेहड़ी-खोमचों वालों का कब्जा है.


क्यों रहता है बनारस कैंट रेलवे स्टेशन के पास 24 घंटे जाम

  • अवैध ऑटो, अवैध बस और अवैध ई रिक्शा के साथ ही उनको पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य है
  • जहां तहां खड़ी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां जाम को और बढ़ाने का काम करती हैं
  • इस इलाके में सैकड़ों ठेले पुल के नीचे मुख्य सड़क पर ही लगे रहते हैं
  • खान-पान से लेकर लोगों की जरूरत की छोटी-मोटी चीजों को लोग सड़क पर ही किनारे बेचने में जुटे हैं जो यहां से निकलने वाली गाड़ियों को रोकते हैं और जाम बढ़ता जाता है
    traffic jam in Varanasi
    ऑटो रिक्शा पार्किंग के स्टैंड खाली रहते हैं क्योंकि वाहन सड़कों पर खड़े किए जाते हैं.
  • इस अतिक्रमण को हटाने की किसी को चिंता है और ना ही इस पर शायद किसी का ध्यान है
  • पुल के नीचे तय किए गए पार्किंग स्पोर्ट पर शक्ति से ऑटो और रिक्शा को खड़ा कराया जाए
  • लहरतारा से लेकर चौकाघाट के बीच सड़क किनारे ठेले खोमचे और अतिक्रमण पर तत्काल कार्रवाई हो
  • कैंट रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाले दो कट के अलावा रॉन्ग साइड से जाने वाली गाड़ियों पर कार्रवाई होना आवश्यक है ताकि जाम कम हो
    traffic jam in Varanasi
    सड़क पर लगा भीषण जाम


पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) दिनेश कुमार पुरी का कहना है कि बनारस में ट्रैफिक की समस्या (traffic jam in Varanasi) का निराकरण बहुत हद तक हुआ है. बनारस की आबादी बढ़ी है. बनारस में वाहनों की संख्या बढ़ गई है. धार्मिक शहर होने के कारण यहां रोज बड़ी संख्या में बाहर की भीड़ आती है. जिसकी वजह से जाम खत्म नहीं हो रहा. कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर जाम के लिए उन्होंने प्लानिंग करने का दावा किया.

पढ़ें : गेमिंग ऐप से बच्चे खेल खेल में सीखेंगे गणित और विज्ञान

Last Updated : Sep 3, 2022, 8:09 PM IST
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