वाराणसी: वरुणा नदी पर बने पुल के अप्रोच फुलवरिया फोरलेन के बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने में और सड़क धंसने के मामले में लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद ने शनिवार को इस मामले में बड़ा एक्शन लिया है. मंत्री के निर्देश पर राज्य सेतु निगम के प्रबंध निदेशक संदीप भारद्वाज ने इस प्रकरण से जुड़े सहायक अभियंता ज्ञानेंद्र वर्मा और अवर अभियंता राजेश कुमार को निलंबित किया है. जांच के लिए 3 सदस्य टीम को गठित किया गया है. इसकी रिपोर्ट 1 सप्ताह के अंदर दाखिल करेगी. वहीं, अन्य अभियंता पर भी कार्रवाई होगी.
दरअसल, फुलवरिया फोरलेन स्टेट वरुणा नदी पर बनाए गए नए पुल का एप्रोच का किनारा 1 फीट से ज्यादा धंस गया था और उसमें दरारें आ गई थी. अभियंता ट्रक से गिट्टी और ट्रैक्टर से बालू लेकर पहुंचे थे और इसको ठीक करने का काम भी गया था, लेकिन बारिश की वजह से पोल खुल गई.
एप्रोच की पड़ताल करने के लिए सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक दीपक गोविल ने पुल का निरीक्षण भी किया था और उन्हें कई जगह दरार दिखाई दी थी. जिसके बाद इस प्रकरण की खबरें मीडिया में आई और लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण के साथ अभियंता राज्य सेतु निगम निदेशक और वाराणसी के लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को पत्र लिखा पूरे मामले की जानकारी तत्काल मांगते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए भी लिखा गया था.
जिसके बाद प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए जाने पर मुख्यालय ने सहायक अभियंता और अवर अभियंता को निलंबित करते हुए जांच कमेटी का गठन किया है. राजकीय सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक दीपक गोयल का कहना है. इस मामले में कई और अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई है, जिन पर रिपोर्ट सबमिट होने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
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