वाराणसी: जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करने के दौरान मारपीट, तोड़फोड़ व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष समेत 11 सपा नेताओं को जमानत मिल गई है. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/एमपी-एमएलए कोर्ट उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने पूर्व सपा जिलाध्यक्ष अखिलेश मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतेंद्र यादव, लक्ष्मण यादव के साथ ही 11 सपा नेताओं को 20-20 हजार रुपये के बंधपत्र व अंडर टेकिंग देने पर रिहा करने का आदेश दिया है. इसके पूर्व सभी सपा नेताओं ने कोर्ट में अपने अधिवक्ता कृष्ण कुमार पटेल (पाजी) व उपेंद्र राणा यादव के जरिए अदालत में समर्पण कर जमानत की अर्जी दी थी.
वहीं, प्रकरण के अनुसार 16 सितंबर 2009 को कैंट थाना प्रभारी डीपी आर्या ने कैंट थाने में तहरीर दी थी. आरोप था कि तत्कालीन सांसद रामकिशुन यादव के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में समाजवादी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करते हुए सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न किया.
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वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने जब उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वह लोग उग्र हो गए और हंगामा करते हुए पुलिस टीम पर हमला करते हुए तोड़फोड़ करने लगे. इस मामले में कैंट थाने में पूर्व सांसद रामकिशुन यादव, पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल, पूर्व जिलाध्यक्ष सपा अखिलेश मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतेंद्र यादव, लक्ष्मण यादव समेत 86 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में कोर्ट से वारंट जारी होने पर सभी आरोपियों ने अदालत में समर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दी थी.
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