उन्नाव: जिले में एक नाबालिग की शादी कराने का मामला बाल संरक्षण विभाग के पास पहुंचा. इसके बाद विभाग ने इस मामले में जांच पड़ताल की. जांच पड़ताल में सारी सच्चाई सामने आने के बाद सदर कोतवाली में तहरीर देकर लड़की औऱ लड़के पक्ष के परिजनों सहित 111 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई. पुलिस अब मामले की जांच पड़ताल में लगी है. वहीं, एफआईआर दर्ज होने के बाद ससुराल और मायके दोनों पक्षों में हड़कंप मचा हुआ है.
बता दें कि सदर कोतवाली क्षेत्र निवासी युवती की उसके घर वालों ने सफीपुर कोतवाली निवासी रिंकू (22) से विवाह तय किया था. 13 दिसंबर को शादी होनी थी. लेकिन, बारात आने से चार दिन पहले युवती अपने एक दोस्त के साथ बिना बताए घर से चली गई. इधर, शादी की सारी तैयारियां होने के कारण लड़की के घर वालों ने लोकलाज के डर से 13 साल की बेटी से शादी करने का फैसला किया.
किसी ने बाल विवाह की सूचना बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष प्रीति सिंह को दे दी, जिससे उनके निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी संजय मिश्रा की अगुवाई में टीम गांव पहुंची. वहां बाल विवाह कराने वालों ने ऐसा नाटक रचा कि टीम भी गुमराह हो गई. घर के बाहर शादी के जोड़े में बड़ी बेटी से जयमाल की रस्म कराई गई. लेकिन, घर के अंदर 13 साल की बालिका से युवक की शादी कर दी गई. 14 दिसंबर को इसकी जानकारी होने पर बाल संरक्षण की टीम ने बच्ची को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया. उसने शादी होने की बात स्वीकार की. सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमारी की तहरीर पर रिंकू पाल, उसके पिता पदरी पाल, दोस्त मंजेश, भोला, बिचवानी फूलचंद्र, पूर्व प्रधान वीरेंद्र सिंह, विवाह कराने वाला आचार्य अनुराग अवस्थी, सहयोग करने वाले सुमित पाल, मंगलू पाल सहित दोनों पक्ष के 11 लोगों पर नामजद और 100 अज्ञात घराती व बरातियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई.
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