उन्नाव: तहसील बीघापुर प्रशासन ने आज दिनांक 4 अप्रैल 2019 को पूर्व विधायक एवं राज्यमंत्री रहे नत्थू सिंह की सुमेरपुर मोड में स्थित अवैध दुकानों एवं अवैध बने धर्मशाला (छात्रावास) में सरकारी ताला जड़ कर कब्जे दारों को बेदखल कर दिया. मामला तहसील बीघापुर के कस्बा सुमेरपुर का है.
कानपुर-रायबरेली राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थिति सुमेरपुर मोड में पूर्व राज्य मंत्री नत्थू सिंह जी ने लगभग 25-30 वर्ष पूर्व अपने सहयोगी छुन्नू अवस्थी के साथ सुमेरपुर मोड में दुकानों का निर्माण करवाया था. जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक पूर्व राज्य मंत्री नत्थू सिंह जी की दुकानों के साथ साथ सुमेरपुर मोड पर ही स्थित धर्मशाला छात्रावास को भी अवैध कब्जेदारों से मुक्त कराकर तहसील प्रशासन ने सीज कर दिया है और प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है.
इस पूरे प्रकरण को लेकर जब हमने पीड़ित पक्ष छुन्नू अवस्थी के पुत्र दुर्गेश अवस्थी से बात की तो उन्होंने बताया की यह पूरी कार्रवाई राजनैतिक और साजिश के तहत की गई है. इस पूरी कार्रवाई के पहले हमें ना तो कोई नोटिस दिया गया और न ही कोई पूर्व में सूचना दी गई. कई वर्ष पहले एक बार हमें तहसील से नोटिस दी गई थी जिसका हमने तहसीलदार बीघापुर की कोर्ट में मुकदमा भी किया था. जिसकी नोटिस तहसीलदार बीघापुर द्वारा खारिज कर दी गई थी परंतु आज यह जो कार्रवाई हुई है.
इस कार्रवाई के पूर्व उन्हें कोई भी सूचना या नोटिस तामिल नहीं कराई गई थी. उनका कहना है लगभग दो-तीन दशक पूर्व हमारे पिता और पूर्व विधायक नत्थू सिंह जी के पार्टनरशिप में इन दुकानों का निर्माण हुआ था. इन दुकानों में क्षेत्रीय बच्चों के लिए कोचिंग का काम भी हो रहा था और बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे. इस तरह अचानक हुई अप्रत्याशित कार्रवाई के कारण स्थानीय लोगों में भी रोष है.
वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर तहसील बीघापुर के तहसीलदार चंद्रशेखर वर्मा ने बताया की उन्होंने बताया यह पूरी कार्रवाई भूमि नंबर 667 में अवैध रूप से निर्मित दुकानों भवनों को सीज कर शासन द्वारा कब्जे में ले लिया गया है. उच्चाधिकारियों के सलाह के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं पीड़ित पक्ष की बात को नकारते उन्होंने कहा कब्जेदारों को कब्जा हटाने से पूर्व सूचना और नोटिस दी गई थी. उसके बाद ही यह कार्रवाई की गई है.