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दो महिला पुलिसकर्मी बनीं डॉक्टर; दर्द से तड़प रही गर्भवती का थाने के बाहर कराई डिलीवरी - AGRA GOOD NEWS

आगरा पुलिस कमिश्नरेट के पिढौरा थाना का मामला, गर्भवती महिला की सास की गुहार सुनकर तुरंत मौके पर पहुंची सुरक्षित कराया प्रसव

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महिला पुलिसकर्मियों ने जच्चा-बच्चा को सुरक्षित घर पहुंचाया. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 8 hours ago

आगरा: जिले की पुलिस अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के साथ मित्र के रूप में भी पहचान बना रही है. महिला पुलिस कर्मियों ने प्रसव पीड़ा से परेशान एक गर्भवती को देखा तो पहुंचकर हालचाल जाना. इसके बाद गर्भवती की गंभीर हालत देखकर महिला पुलिसकर्मियों ने तत्काल थाना के सामने पर्दा लगाकर प्रसव कराया. महिला ने एक बेटे को जन्म दिया है. महिला पुलिस क​र्मियों के प्रसव करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

प्रसव पीड़ा से सड़क पर गिर गई गर्भवतीः दरअसल, आठ जनवरी बुधवार की शाम छह बजे पिढौरा थाना क्षेत्र के गांव बरपुर की विरमा देवी अपनी गर्भवती पुत्रवधू आरती को चिकित्सक को दिखाकर घर लौट रही थीं. जब दोनों पिढौरा थाना के सामने से गुजरीं तो आरती की तबियत खराब हो गई. उसे चक्कर आए और सड़क पर गिर गई. ये देखकर सास विरमा देवी घबरा गई और मदद के लिए शोर मचाया.

थाने के बाहर पर्दा लगाकर कराई डिलीवरी. (Video Credit; Social Media)
थाने के बाहर पर्दा लगाकर कराई डिलीवरीः विरमा देवी की आवाज सुनकर पिढौरा थाना में तैनात एसआई दीक्षा यादव और एसआई दीपिका सिंह दौड़ कर पहुंची. उन्होंने आरती की हालत देखी तो तत्काल गांव की दाई अंगूरी देवी को बुलाया. प्रसव पीड़ा से परेशान आरती की हालत देखकर तत्काल कंबल से पर्दा लगा लिया. इसके बाद एसआई दीक्षा यादव और एसआई दीपिका सिंह ने दाई अंगूरी देवी की मदद से थाने के सामने ही प्रसव कराया. सुरक्षित प्रसव के बाद पुलिस ने जच्चा और बच्चा को सरकारी गाड़ी से उनके घर पहुंचाया. प्रसूता के लिए परिवार को पौष्टिक आहार दिया. विरमा देवी और उसके परिवार के साथ ही ग्रामीणों ने पुलिस का धन्यवाद किया. दोनों ही महिला एसआई की सूझबूझ और मानवीय चेहरे की लोग खूब सराहना कर रहे हैं. एसआई दीपिका सिंह ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ्य हैं. दोनों महिला एसआई ने किया सरहनीय कार्यः पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने बताया कि कमिश्नरेट में शिष्टाचार संवाद नीति लागू की है. जिससे पुलिसकर्मियों के व्यवहार और संवाद में सकारात्मक परिवर्तन किया जाए. शिष्टाचार संवाद नीति के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं. दोनों ही महिला एसआई ने सराहनीय कार्य किया है. पुलिस अपने आदर्श वाक्य सेवा, सुरक्षा और संवदेना की दिशा में सदैव तत्पर है.इसे भी पढ़ें-HMPV को लेकर आगरा में रैपिड रिस्पांस टीम अलर्ट; कंट्रोल रूम का नंबर जारी, ऐसे करें बचाव

आगरा: जिले की पुलिस अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के साथ मित्र के रूप में भी पहचान बना रही है. महिला पुलिस कर्मियों ने प्रसव पीड़ा से परेशान एक गर्भवती को देखा तो पहुंचकर हालचाल जाना. इसके बाद गर्भवती की गंभीर हालत देखकर महिला पुलिसकर्मियों ने तत्काल थाना के सामने पर्दा लगाकर प्रसव कराया. महिला ने एक बेटे को जन्म दिया है. महिला पुलिस क​र्मियों के प्रसव करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

प्रसव पीड़ा से सड़क पर गिर गई गर्भवतीः दरअसल, आठ जनवरी बुधवार की शाम छह बजे पिढौरा थाना क्षेत्र के गांव बरपुर की विरमा देवी अपनी गर्भवती पुत्रवधू आरती को चिकित्सक को दिखाकर घर लौट रही थीं. जब दोनों पिढौरा थाना के सामने से गुजरीं तो आरती की तबियत खराब हो गई. उसे चक्कर आए और सड़क पर गिर गई. ये देखकर सास विरमा देवी घबरा गई और मदद के लिए शोर मचाया.

थाने के बाहर पर्दा लगाकर कराई डिलीवरी. (Video Credit; Social Media)
थाने के बाहर पर्दा लगाकर कराई डिलीवरीः विरमा देवी की आवाज सुनकर पिढौरा थाना में तैनात एसआई दीक्षा यादव और एसआई दीपिका सिंह दौड़ कर पहुंची. उन्होंने आरती की हालत देखी तो तत्काल गांव की दाई अंगूरी देवी को बुलाया. प्रसव पीड़ा से परेशान आरती की हालत देखकर तत्काल कंबल से पर्दा लगा लिया. इसके बाद एसआई दीक्षा यादव और एसआई दीपिका सिंह ने दाई अंगूरी देवी की मदद से थाने के सामने ही प्रसव कराया. सुरक्षित प्रसव के बाद पुलिस ने जच्चा और बच्चा को सरकारी गाड़ी से उनके घर पहुंचाया. प्रसूता के लिए परिवार को पौष्टिक आहार दिया. विरमा देवी और उसके परिवार के साथ ही ग्रामीणों ने पुलिस का धन्यवाद किया. दोनों ही महिला एसआई की सूझबूझ और मानवीय चेहरे की लोग खूब सराहना कर रहे हैं. एसआई दीपिका सिंह ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ्य हैं. दोनों महिला एसआई ने किया सरहनीय कार्यः पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने बताया कि कमिश्नरेट में शिष्टाचार संवाद नीति लागू की है. जिससे पुलिसकर्मियों के व्यवहार और संवाद में सकारात्मक परिवर्तन किया जाए. शिष्टाचार संवाद नीति के सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं. दोनों ही महिला एसआई ने सराहनीय कार्य किया है. पुलिस अपने आदर्श वाक्य सेवा, सुरक्षा और संवदेना की दिशा में सदैव तत्पर है.इसे भी पढ़ें-HMPV को लेकर आगरा में रैपिड रिस्पांस टीम अलर्ट; कंट्रोल रूम का नंबर जारी, ऐसे करें बचाव
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