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उन्नाव: रेलवे की जमीन पर बसी थी बस्ती, खाली करने का नोटिस देख मचा हड़कंप

यूपी के उन्नाव जिले में रेलवे की जमीन पर अवैध तरीके से अस्थाई मकान बनाकर रह रहे एक हजार से अधिक घरों पर नोटिस चस्पा कर 20 सितंबर तक खाली कर देने का फरमान जारी किया गया है, जिससे बस्ती के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है.

अवैध बस्ती को खाली करने के लिए चस्पा हुआ नोटिस.
अवैध बस्ती को खाली करने के लिए चस्पा हुआ नोटिस.
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Published : Sep 17, 2020, 9:53 PM IST

उन्नाव: जिले में रेलवे की जमीन पर अवैध तरीके से अस्थाई मकान बनाकर रह रहे एक हजार से अधिक घरों पर नोटिस चस्पा कर 20 सितंबर तक खाली कर देने का फरमान जारी किया गया है. वहीं लोगों का दावा है कि बस्ती अगर अवैध है तो विद्युत विभाग ने कनेक्शन व सरकार ने यहीं के पते से आधार कार्ड जारी क्यों किया है.

दरअसल, उत्तर रेलवे ने अपनी जमीन पर बसी अवैध बस्ती को खाली कराने के लिए कमर कस ली है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर रेलवे हरकत में आ गया है. रेलवे ने राजीव नगर खंती की जमीन पर बने घरों को खाली करने का नोटिस चस्पा कर दिया है. नोटिस में 20 सितंबर तक खाली करने के आदेश दिए हैं. कब्जा खाली नहीं करने पर 21 सितंबर को बल पूर्वक खाली कराने की चेतावनी भी नोटिस में लिखी गई है. वहीं नोटिस चस्पा होने के बाद से राजीव नगर खंती में रह रहे लोगों की नींद हराम हो गई है.

राजीव नगर खंती बस्ती में रह रहे लोगों का कहना है कि अगर ये बस्ती अवैध है तो विद्युत विभाग ने कनेक्शन, सरकार ने आधार कार्ड और राशन कार्ड कैसे हम लोगों को इसी पते पर दे दिया. वहीं आशियाना उजड़ने की दहशत में जी रहे लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के बीच सरकार का यह फैसला गलत है.

आपको बता दें कि जिले के राजीव नगर खंती के रेलवे की जमीन को निजी जमीन बताकर भू-माफिया कब्जा कर रहे हैं. साल 2009 में रेलवे ने जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए अभियान शुरू किया था, लेकिन बस्ती वालों के विरोध व तत्कालीन कांग्रेस सांसद अन्नू टंडन के आगे आने से अभियान दम तोड़ गया, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे ट्रैक किनारे झुग्गी-झोपड़ी ध्वस्त करने का आदेश दिया है, जिससे रेलवे को संजीवनी मिल गई है.

उन्नाव: जिले में रेलवे की जमीन पर अवैध तरीके से अस्थाई मकान बनाकर रह रहे एक हजार से अधिक घरों पर नोटिस चस्पा कर 20 सितंबर तक खाली कर देने का फरमान जारी किया गया है. वहीं लोगों का दावा है कि बस्ती अगर अवैध है तो विद्युत विभाग ने कनेक्शन व सरकार ने यहीं के पते से आधार कार्ड जारी क्यों किया है.

दरअसल, उत्तर रेलवे ने अपनी जमीन पर बसी अवैध बस्ती को खाली कराने के लिए कमर कस ली है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर रेलवे हरकत में आ गया है. रेलवे ने राजीव नगर खंती की जमीन पर बने घरों को खाली करने का नोटिस चस्पा कर दिया है. नोटिस में 20 सितंबर तक खाली करने के आदेश दिए हैं. कब्जा खाली नहीं करने पर 21 सितंबर को बल पूर्वक खाली कराने की चेतावनी भी नोटिस में लिखी गई है. वहीं नोटिस चस्पा होने के बाद से राजीव नगर खंती में रह रहे लोगों की नींद हराम हो गई है.

राजीव नगर खंती बस्ती में रह रहे लोगों का कहना है कि अगर ये बस्ती अवैध है तो विद्युत विभाग ने कनेक्शन, सरकार ने आधार कार्ड और राशन कार्ड कैसे हम लोगों को इसी पते पर दे दिया. वहीं आशियाना उजड़ने की दहशत में जी रहे लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के बीच सरकार का यह फैसला गलत है.

आपको बता दें कि जिले के राजीव नगर खंती के रेलवे की जमीन को निजी जमीन बताकर भू-माफिया कब्जा कर रहे हैं. साल 2009 में रेलवे ने जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए अभियान शुरू किया था, लेकिन बस्ती वालों के विरोध व तत्कालीन कांग्रेस सांसद अन्नू टंडन के आगे आने से अभियान दम तोड़ गया, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे ट्रैक किनारे झुग्गी-झोपड़ी ध्वस्त करने का आदेश दिया है, जिससे रेलवे को संजीवनी मिल गई है.

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