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केवाईसी के बहाने कोरे कागज पर कराये हस्ताक्षर, बैंक मैनेजर ने हड़प ली 14 लाख की एफडी - SAHARANPUR ONLINE FRAUD

बैंक मैनेजर और कर्मचारी ने मिलकर खाताधारक की एफडी कैश कराकर रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर ली.

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पीड़ित की 14 लाख की एफडी बैंक मैनेजर ने हड़पी (pic credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 17, 2025, 8:18 PM IST

सहारनपुर: ऑनलाइन ठगी के बाद जालसाजों ने अब ठगी का नया तरिका निजात किया है. बैंक से जुड़े कर्मचारियों ने केवाईसी के बहाने न सिर्फ खाताधारकों के हस्ताक्षर करा रहे हैं बल्कि उनके खातों से जमा पूंजी निकाल रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जनपद सहारनपुर के थाना गंगोह इलाके में सामने आया है. जहां कस्बा गंगोह में एक खाताधारक ने बैंक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

पीड़ित का आरोप है कि बैंक मैनेजर और कर्मचारी ने उसकी 14 लाख रुपये की एफडी करा दी और उसके दस्तावेज भी दे दिए. लेकिन, बाद में धोखाधड़ी कर उसकी एफडी कैश कराकर रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर ली. पीड़ित ने एसएसपी को तहरीर देकर इन्साफ की गुहार लगाईं है. वहीं बैंक अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

बता दें कि थाना गंगोह इलाके के मोहल्ला छत्ता निवासी प्रवीण कुमार ने बताया उसकी पत्नी सुमन और मां सरोज के नाम से बैंक खाता है. उसने बैंक में एफडी भी करा रखी है. उसके परिजनों के नाम से खाते और एफडीआर बैंक कर्मचारी ने उनके घर आकर ही खुलवाए थे. जिससे प्रवीण और उसका परिवार बैंक कर्मचारी रजत पर भरोसा करने लगा था.

पीड़ित प्रवीण कुमार ने दी जानकारी (pic credit; ETV Bharat)

पीड़ित प्रवीण का आरोप है कि कर्मचारी ने केवाईसी अपडेट करने के बहाने कई बार उसके और उसके परिवार के फिंगरप्रिंट लिए और खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाए थे. आरोप है कि कर्मचारी ने प्रवीण के खातों में अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जोड़ दी, जिससे प्रवीण को लेन-देन की जानकारी नहीं मिल पाई.
प्रवीण का कहना है कि बैंक कर्मचारी ने अन्य बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर उसके और उसके परिवार के खातों से धोखाधड़ी कर बड़ी रकम निकाल ली.

इसे भी पढ़ें - विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़; 7 आरोपी गिरफ्तार, जानें कैसे करते थे धोखाधड़ी - PILIBHIT NEWS

प्रवीण के मुताबिक 24 नवंबर 2023 को एक लाख रुपये, एक दिसंबर को 1,49,994 रुपये, 11 दिसंबर को एफडीआर से 2.5 लाख रुपये, 16 दिसंबर को 50 हजार रुपये, 3 जनवरी 2024 को एक लाख रुपये, 16 जनवरी को एक लाख रुपये, सुमन के खाते से 3 जनवरी को 2.4 लाख रुपये, 27 मार्च को 2.5 लाख रुपये और 28 मार्च को 2,800 रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए गए.

पीड़ित ने बताया कि 10 फरवरी 2025 को जब प्रवीण अपनी एफडीआर का भुगतान लेने बैंक पहुंचे तो पता चला कि खातों से बड़ी रकम गायब है. जब उन्होंने बैंक कर्मचारी से इस बारे में पूछा तो उसने उनकी एफडीआर छीनकर फाड़ दी और गाली-गलौज करते हुए बैंक से बाहर निकाल दिया. इस मामले में प्रवीण ने मांग की है कि बैंक के सीईओ, एमडी, हेड ऑफिस, गंगोह शाखा प्रबंधक, कर्मचारियों व अन्य संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ गंगोह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जाए. उन्होंने आरोप लगाया है कि इन सभी ने मिलकर उनके खिलाफ आपराधिक षडयंत्र रचकर धोखाधड़ी व जालसाजी की है.

इस मामले में एसएसपी रोहित साजवान का कहना है कि बैंक खाते से रकम ट्रांसफर का मामला संज्ञान में आया है. मेल की जांच के निर्देश दिए गए हैं.सबंधित बैंक से भी पूछताछ की जा रही है. उचित कार्यवाई की जायेगी.

यह भी पढ़ें - यूपी में बंद मोबाइल नंबरों से करते थे साइबर ठगी, पांच आरोपी गिरफ्तार - CYBER FRAUD

सहारनपुर: ऑनलाइन ठगी के बाद जालसाजों ने अब ठगी का नया तरिका निजात किया है. बैंक से जुड़े कर्मचारियों ने केवाईसी के बहाने न सिर्फ खाताधारकों के हस्ताक्षर करा रहे हैं बल्कि उनके खातों से जमा पूंजी निकाल रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जनपद सहारनपुर के थाना गंगोह इलाके में सामने आया है. जहां कस्बा गंगोह में एक खाताधारक ने बैंक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

पीड़ित का आरोप है कि बैंक मैनेजर और कर्मचारी ने उसकी 14 लाख रुपये की एफडी करा दी और उसके दस्तावेज भी दे दिए. लेकिन, बाद में धोखाधड़ी कर उसकी एफडी कैश कराकर रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर ली. पीड़ित ने एसएसपी को तहरीर देकर इन्साफ की गुहार लगाईं है. वहीं बैंक अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

बता दें कि थाना गंगोह इलाके के मोहल्ला छत्ता निवासी प्रवीण कुमार ने बताया उसकी पत्नी सुमन और मां सरोज के नाम से बैंक खाता है. उसने बैंक में एफडी भी करा रखी है. उसके परिजनों के नाम से खाते और एफडीआर बैंक कर्मचारी ने उनके घर आकर ही खुलवाए थे. जिससे प्रवीण और उसका परिवार बैंक कर्मचारी रजत पर भरोसा करने लगा था.

पीड़ित प्रवीण कुमार ने दी जानकारी (pic credit; ETV Bharat)

पीड़ित प्रवीण का आरोप है कि कर्मचारी ने केवाईसी अपडेट करने के बहाने कई बार उसके और उसके परिवार के फिंगरप्रिंट लिए और खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाए थे. आरोप है कि कर्मचारी ने प्रवीण के खातों में अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जोड़ दी, जिससे प्रवीण को लेन-देन की जानकारी नहीं मिल पाई.
प्रवीण का कहना है कि बैंक कर्मचारी ने अन्य बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर उसके और उसके परिवार के खातों से धोखाधड़ी कर बड़ी रकम निकाल ली.

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प्रवीण के मुताबिक 24 नवंबर 2023 को एक लाख रुपये, एक दिसंबर को 1,49,994 रुपये, 11 दिसंबर को एफडीआर से 2.5 लाख रुपये, 16 दिसंबर को 50 हजार रुपये, 3 जनवरी 2024 को एक लाख रुपये, 16 जनवरी को एक लाख रुपये, सुमन के खाते से 3 जनवरी को 2.4 लाख रुपये, 27 मार्च को 2.5 लाख रुपये और 28 मार्च को 2,800 रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए गए.

पीड़ित ने बताया कि 10 फरवरी 2025 को जब प्रवीण अपनी एफडीआर का भुगतान लेने बैंक पहुंचे तो पता चला कि खातों से बड़ी रकम गायब है. जब उन्होंने बैंक कर्मचारी से इस बारे में पूछा तो उसने उनकी एफडीआर छीनकर फाड़ दी और गाली-गलौज करते हुए बैंक से बाहर निकाल दिया. इस मामले में प्रवीण ने मांग की है कि बैंक के सीईओ, एमडी, हेड ऑफिस, गंगोह शाखा प्रबंधक, कर्मचारियों व अन्य संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ गंगोह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जाए. उन्होंने आरोप लगाया है कि इन सभी ने मिलकर उनके खिलाफ आपराधिक षडयंत्र रचकर धोखाधड़ी व जालसाजी की है.

इस मामले में एसएसपी रोहित साजवान का कहना है कि बैंक खाते से रकम ट्रांसफर का मामला संज्ञान में आया है. मेल की जांच के निर्देश दिए गए हैं.सबंधित बैंक से भी पूछताछ की जा रही है. उचित कार्यवाई की जायेगी.

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